UPCL द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के लिये एक वरदान साबित होगा। CM

राज्य में विगत 02 वर्षों में विछाई गई लगभग 4000 किमी से अधिक एल०टी० लाइनें में अभूतपूर्व प्रगति!

उत्तराखण्डः 23 NOV. 2024, शनिवार को देहरादून स्थित  उत्तराखण्ड राज्य में विगत 02 वर्षों में विछाई गई लगभग 4000 किमी से अधिक एल०टी० लाइनें मा० मुख्यमंत्री, पुष्कर सिंह धामी जी के कुशल नेतृत्व और निरन्तर प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में यूपीसीएल द्वारा विद्युत वितरण क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। प्रदेश के हर गांव, हर घर तक बिजली पहुंचाने के साथ-साथ आम जनता की जीवन शैली में सकारात्मक बदवाल हुये हैं।

उत्तराखण्ड के औद्योगिक क्षेत्र के विकास में हो रहे व्यापक बदलाव को और अधिक गति देने हेतु बिजली वितरण क्षेत्र सुदृढ एवं समृद्ध हुआ है। विगत वर्षों में यूपीसीएल द्वारा एक मजबूत विद्युत वितरण प्रणाली की स्थापना के साथ-साथ परिचालन एवं व्यवसायिक दक्षता में सुधार हेतु अहम कदम उठाये गये हैं। लगातार बढ़ रही मांग की प्रतिपूर्ति करने हेतु यूपीसीएल द्वारा 02 वर्षों में 04 नये 33/11 के0वी0 उपसंस्थानों का निर्माण तथा लगभग 242 कि०मी० 33 के०वी, 2045 कि0मी0 11 के0वी एवं 4101 कि०मी० एल०टी० लाईनें प्रदेश भर में स्थापित की गई है। प्रदेश भर में सभी पोषकों पर विद्युत संतुलन बनाये रखने हेतु लगभग 8266 वितरण परिवर्तक स्थापित किये गये हैं। साथ ही पिछले 02 वर्ष में 1,89,804 नये विद्युत संयोजन स्थापित किये जा चुके हैं।

विगत 02 वर्षों यथा 2022 से 2024 में मण्डलवार वितरण परिवर्तकों, 33 केवी लाईन, 11 के०वी० लाईन, एल०टी० लाईन एवं नये विद्युत सयांजनों का विवरण निम्न प्रकार से है-
वर्ष 2022-2024
वितरण परिवर्तक 11/0.4 के०वी० (संख्या में)
कृ0 सं0
मंडल का नाम
33 के०वी० लाईन (कि०मी०)
11 के०वी० लाईन (कि०मी०)
एल०टी० लाईन (कि०मी०)
नये विद्युत संयोजन

वही जिसमें उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु भविष्यनिधि परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। भारत सरकार की आर०डी०एस०एस० योजना के तहत प्रदेश भर में लगभग 16 लाख उपभोक्ताओं के लिये स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना उपभोक्ताओं के लिये एक वरदान साबित होगा। साथ ही एनर्जी एकाउन्टिंग को बेहतर बनाने हेतु 59212 वितरण परिवर्तक एवं 2602 पोषकों पर भी स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे जिससे बिजली व्यवस्था की डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन और दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी और विद्युत हानियों को भी कम किया जा सकेगा।

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