महाकुंभ की महत्ता को जाने इन तीन चेहरों पर ही सारा यही कुंभ क्या?

144 साल बाद संयोग बना है,, महाकुंभ का  कृपा कर सनातन धर्म को पहचाने.

उत्तराखण्डः 23- Jan. 2025, ब्रहस्पतिवार को  इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ-2025 का आयोजन हो रहा है।  कुंभ मेलों का आयोजन एक प्राचीन परंपरा है, जो भारत के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आयोजित होते हैं। जानकारी के मुताबिक  144 साल बाद संयोग बना है,, महाकुंभ का  कृपा कर सनातन धर्म को पहचाने व महाकुंभ की महत्ता को जाने इन तीन चेहरों पर ही Social mediaने सारा कुंभ खत्म कर दिया ,क्या तन की खूबसूरती ,आंखों की खूबसूरती एक उच्च शिक्षित व्यक्ति का बाबा बनना, क्या यही कुंभ की महत्ता!यदि कुंभ में आप यही खोज पाए, तो फिर आपको अपने सनातनी होने पर दोबारा विचार करना चाहिए ! क्या कुंभ की महत्ता यही है ?

इस दौरान जानकारी मिली की अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष यानी सभी 13 अखाड़े के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने आईआईटी इंजीनियर बाबा अभय सिंह, हर्षा रिछारिया और मोनालिसा जैसे चेहरों पर पूरे महाकुंभ की सुर्ख़ियों को हाईजैक करने का आरोप लगाया है। साथ ही महंत पुरी ने कहा कि इस महाकुंभ में हजारों ऐसे साधु.संत या ऐसे महामंडलेश्वर आए हैं। जो इन लोगों से कहीं ज्यादा पढ़े.लिखे और क्वालिफाइड हैं। वही इंजीनियर,
डॉक्टर, प्रोफेसर, पीएचडी धारक,एमबीबीएस की डिग्री वाले संन्यासी महाकुंभ में मौजूद हैं। लेकिन यूट्यूबर्स ने सिर्फ इन तीन चार चेहरों को ही दिखाया है।

एक अध्यात्म के इतने बड़े समंदर से हमने चुना भी तो क्या , जिस चीज को हम हर चौराहे पर खोज सकते थे उसको खोजने के लिए हमने महाकुंभ को चुना ! हद है ऐसी मीडिया की मानसिकता को, ? इस महाकुंभ 12 साल के इस अवसर को हम यूं ही व्यर्थ गंवा रहे,, इसमें यूट्यूबर्स का दोष है लेकिन हम सबका भी उतना ही दोष क्योंकि हम इस अवसर को इतने तुच्छ चर्चा में गंवा दिया ,,जहां आध्यात्म व आध्यात्मिकता पर चर्चा हो सकती थी , जहां सनातन धर्म की चर्चा हो सकती थी,, वहाँ इनकी चर्चा हो रही है ,,!महाकुंभ में रुद्राक्ष बेचने आई मोनालिसा सोशल मीडिया पर वायरल हो गई,

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