राज्यपाल एवं सीएम ने इगास पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी, इस पर्व से कई एतिहासिक पहलु भी जुड़े हैं!

देहरादून/उत्तराखण्ड: 22 Nov.–2023: खबर…. राजधानी बुद्धवार को देहरादून स्थित   उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास-बग्वाल /बूढ़ी दीपावली  की  पूर्व संध्या पर राज्यपाल ने जारी अपने संदेश में  कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों का सौभाग्य है कि लोक कला, लोक संस्कृति एवं परंपराओं के दृष्टिगत देवभूमि उत्तराखण्ड समृद्ध प्रदेश है। उत्तराखण्ड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपने लोक नृत्य, त्यौहार, कौथिग और मेलों के कारण अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। साथ ही   उत्तराखण्ड   राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास-बग्वाल की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।

वही इसी के साथ दुसरी ओर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इगास पर्व /बूढ़ी दीपावली की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करने का कार्य करते हैं, उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है।

वही इस दौरान सीएम    मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लोक संस्कृति एवं परम्परा देवभूमि की पहचान है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है, इसमें इगास का पर्व भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हम राज्य की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संकल्पबद्ध हैं। अपनी लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये हम प्रयासरत हैं। हमारी युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति एवं लोक पर्वों से जुड़े इसके भी प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इगास बग्वाल से कई एतिहासिक पहलु भी जुड़े हैं।

वही इसी के साथ   मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोग इगास पर्व पर अपनी परम्पराओं के साथ अपने पैतृक गांवों से भी जुड सके इसके लिये राज्य में इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की परम्परा शुरू की गई है। इससे राज्य की  समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं परम्पराओं से हमारी भावी पीढ़ी भी जुड सकेगी।

साथ ही उन्होनें  कहा कि अपने लोक पर्वों के माध्यम से अपनी संस्कृति को संरक्षित करने तथा प्रकृति के संरक्षण की भी हमारी परंपरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विभिन्न संस्कृति और रीति -रिवाजों को मानने वाले लोग निवास करते हैं, एक तरह से उत्तराखंड लघु भारत का रूप है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-शांति एवं समृद्धि की भी कामना की है।

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