मलबा आने से सड़कें बंद, जनजीवन अस्तव्यस्त

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उत्तराखंड: 04 जुलाई 2024,पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। दोनों जिलों की मुख्य मार्ग समेत कई 23 सड़कें बंद हैं। कई इलाकों में लाइनों में पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित रही। कई लोगों के मकानों में दरारें आ गई हैं। कई इलाकों में भूकटाव और भू धंसाव हुआ है। चट्टानों के दरकने से लोगों में दहशत है। कई लोगों ने भागकर जान बचाई। फिलहाल जनहानि की कोई सूचना नहीं है। पिथौरागढ़ जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। अधिकांश जगहों पर दो दिन से बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में थल में सर्वाधिक 180 और बेड़ीनाग में 130 मिमी बारिश दर्ज की गई। कहीं सड़कों पर भारी मलबा गिर रहा है तो कहीं मकानों को खतरा हो रहा है। बारिश के चलते बाजारों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। मुनस्यारी-थल सड़क बनिक के पास मलबा और पत्थर गिरने से चार घंटे तक बंद रही। नाचनी के फल्याटी में भी सड़क पर भारी मलबा गिर गया। मुनस्यारी सड़क पर एक ट्रक फंस गया। इससे यातायात काफी देर तक बंद रहा। धापा-मिलम मोटर मार्ग पर पत्थर और मलबा गिरने से सड़क बंद रही। बेड़ीनाग में जीआईसी की एक वर्ष पूर्व बनी 50 मीटर चहारदीवारी को खतरा हो गया है। प्राथमिक विद्यालय खितोली में मलबा घुस गया है। महाविद्यालय मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। ट्रेजरी लाइन में भी कई घरों में पानी घुस गया है। ढनोली-सानीखेत मोटर मार्ग में 20 मीटर सड़क ध्वस्त हो गई है। बना और भट्टीगांव वार्ड में कई घर खतरे की जद में आ गए हैं। उडियारी में कला देवी और गोपाल सिंह के मकान के पास भारी भूस्खलन हुआ है। कांडे गांव में किशन राम के घर के पीछे भूस्खलन हुआ है। उडियारी बैंड- चौकोड़ी मोटर मार्ग मलबा आने के कारण तीन घंटे बंद रहा। बेड़ीनाग-कालीताल-जाखरावत सड़क मलबे से बंद रही। एसडीएम यशवीर सिंह ने बताया कि मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। तेज बारिश के बीच लेजम ग्राम पंचायत के तोक कमद में दिव्यांग गोपाल राम पुत्र तेज राम के प्रधानमंत्री आवास के तहत बनी मकान की सुरक्षा दीवार भरभरा कर गिर गई। झूलाघाट क्षेत्र में अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर काॅलेज के परिसर में नीम के पेड़ की भारी टहनी टूट कर लटक गई। मूनाकोट ब्लॉक के क्वीतड़ से हल्दू को जाने वाली लोक निर्माण विभाग की सड़क भारी बारिश के बाद चट्टान गिरने से बंद हो गई। उधर, गणाई-बनकोट सड़क जगह-जगह मलबा आने बंद हो गई। बाद में विभाग ने जेसीबी भेजकर सड़क को यातायात के लिए खोला। अस्कोट में खोलिया गांव इंद्र बहादुर, लोकेंद्र सिंह के मकान की सुरक्षा दीवार गिर गई। इससे मकान खतरे की जद में आ गया है। इंद्र बहादुर पाल ने बताया कि भूस्खलन के चलते मकान के आंगन की दीवार गिरने से तीन मकानों को खतरा बना है। भारी बारिश के चलते मलबा आने से ग्रामीण क्षेत्र की 21 सड़कें बंद हो गईं हैं। बंद सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी और श्रमिक लगाए गए हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार खुमती-कटौजिया, मदकोट-बोना, मालाकोट-लोद, आलम-दारमा, बंगापानी-जाराजिबली, बांसबगड़-सेलमानी, देकुना-बसंतनगर, नाचनी-बांसबगड़, धापा-मुनस्यारी, गलाती-रमतोली सड़कें बंद हैं। इनके अलावा सेलमानी-बिचना, आदिचौरा-सीनी, मुनस्यारी-हरकोट-मदकोट, डीडीहाट-दूनाकोट, गुंतड़ी-पातालभुवनेश्वर, कोटमन्या-पांखू, ढिढाली-गंगोलीहाट सड़कें भी मलबा आने से बंद हो गई हैं।

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