विश्व प्रसिद्ध धामों में Paytm QR Code से मंदिर समिति के गले की फंसा बनी ! (जाने सच क्या है)
सूत्रो के मुताबिक केदारनाथ में रात 11 .00pm से सुबह 5 .00amबजे तक भक्तों की बुक की गई पूजाएं हो रही हैं। वही कपाट खुलने के बाद अभी भीड़ के चलते सिर्फ षोडषोपचार अभिषेक पूजा हो रही है। साथ ही सुबह 5.00am बजे से धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं जो अपराह्न 3 बजे तक हो रहे हैं। इसके बाद शाम 5 .pmबजे से सांयकालीन आरती तक श्रृंगार दर्शन कराए जा रहे हैं।
इस तरह लगाए गए किसी भी क्यूआर बोर्ड से केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर समिति ने साफ इनकार किया है और इस संबंध में पुलिस को तहरीर भी दी गई है। वही इस दौरान बद्रीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति का कहना है कि मंदिरों में दान के लिए (QR Code) के बोर्ड बीकेटीसी की ओर से नहीं लगाए गए थे। दोनों ही धामों के परिसरों में पेटीएम के बड़े-बड़े क्यूआर स्कैनर कोड के बोर्ड लगाए गए थे।
इस तरह सवाल उठता है कि मंदिर समिति के नाम पर दो पैन नम्बर कैसे हो सकते हैं। यदि ऐसा है तो यह आयकर अधिनियम का उल्लंघन है। ऐसा भी संभव है कि फर्जी पैन नम्बर के आधार पर बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के नाम पर फर्जी बैंक अकाउण्ट खोला गया हो। यह माजरा पुलिस की जांच से साफ होगा लेकिन आने वाले दिनों में यह एक बड़े स्कैम के रूप में भी सामने आ सकता है।
इन स्कैनर कोड की फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने पर लोगों द्वारा इसका काफी मजाक भी उड़ाया जा रहा था। वहीं जब मंदिर समिति के अधिकारियों ने ये सब देखा तो वे असमंजस में आ गए और इन क्यूआर कोड को तत्काल वहां से हटाया गया। वही श्रीबदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समित की अधिकृत वेबसाइट में दर्ज बैंक खाता पैन नम्बर AAETS8361E से तथा मंदिरों में लगाए गए क्यूआर कोड में दर्ज खाता पैन नम्बर AAAGU0772Q से लिंक है। वही अब दूसरी ओर बदरी–केदार मंदिर समिति की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
इसके बाद रविवार को वही अब मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंदिर समिति की ओर से केदारनाथ मंदिर अधिकारी ने केदारनाथ पुलिस चौकी और बद्रीनाथ में प्रभारी अधिकारी की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई है। वही इस मौके पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने यह भी बताया कि समिति की ओर से वर्तमान में अपने कामकाज में पेटीएम (Paytm) का प्रयोग नहीं किया जाता है.।
वही अब मीडिया रिपोर्ट के अनुसार समिति की ओर से बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने दोहराया है कि धाम यात्रा में मंदिर के दान के लिए पैसे के डिजिटल ट्रांसफर के लिए जो स्कैन क्यूआर कोड डाला गया था, वह उनके द्वारा नहीं लगाया गया था. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और जल्द ही पता चल जाएगा यह किसने किया हैं।
वही अब बीकेटीसी अधिकारियों ने पहले अपने स्तर पर इस मामले की छानबीन की है। वही इसी के साथ अध्यक्ष अजय ने इस मामले को लेकर कंपनी के अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी जताई और उनके इस रवैया को गैर जिम्मेदाराना बताया। पेटीएम के अधिकारियों ने बीकेटीसी प्रशासन से मौखिक रूप से अपनी गलती स्वीकारी है और इस मामले को लेकर खेद भी जताया है। अनुबंध होने के बाद से अब तक मंदिर समिति को 67 लाख रूपये दान के रूप में मिले हैं।