विदेशो से संगठनों ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, स्थानीय व्यंजनों का खूबआनंद लिया।

3rd, G20 भारतीय प्रेसीडेंसी के तहत (IWG) की बैठक में विदेशो से संगठनों ने की चर्चा!

देहरादून/उत्तराखण्ड: 27JUNE.. 2023, खबर… राजधानी से  देहरादून / ऋषिकेश, उत्तराखंड में भारतीय G20 प्रेसीडेंसी के तहत तीसरी G20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप (IWG) की बैठक  शुरू हुई। तीन दिवसीय IWG बैठक में G20 सदस्य देश विदेशो  से संगठनों के लगभग 63 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। चर्चा का एजेंडा 2023 इन्फ्रास्ट्रक्चर एजेंडा पर चर्चा को आगे बढ़ाना और मार्च 2023 में विशाखापत्तनम में दूसरी IWG बैठक के दौरान हुई चर्चाओं का पालन करना है।

आज वही इस  बैठक के पहले दिन, दो सत्र आयोजित किए गए, जिसमें प्रतिनिधियों ने विषय “कल के शहरों का वित्तपोषण: समावेशी, लचीला और टिकाऊ” के तहत दो कार्यधाराओं पर चर्चा की। प्रतिनिधियों ने गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए भारतीय प्रेसीडेंसी को धन्यवाद दिया और कार्य क्षेत्रों में सार्थक प्रगति हासिल करने के लिए प्रेसीडेंसी के प्रयासों को स्वीकार किया।

इस दौरान  बैठक को भारतीय प्रेसीडेंसी और एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक , एआईआईबी द्वारा आयोजित “रहने योग्य शहर बनाने पर उच्च स्तरीय सेमिनार” द्वारा भी पूरक बनाया गया था। तीन सत्रों में हुई चर्चाओं ने जी20 के निर्णय निर्माताओं को प्रौद्योगिकी, इन्फ्राटेक और डिजिटलीकरण की भूमिका की खोज के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से लेकर बुनियादी ढांचे के लचीलेपन, तेज शहरीकरण और समावेशन जैसी प्रमुख चुनौतियों को सीखने की अनुमति दी। प्रतिनिधियों ने दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी नए शहर के विकास में से एक: इंडोनेशिया में ‘नुसंतरा’ को लॉन्च करने पर एक अनूठा परिप्रेक्ष्य भी सुना।

वही इसी के साथ  साइड इवेंट का प्रतिनिधित्व हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट, सी40 सिटीज़ और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक प्रतिष्ठित पैनलिस्ट ने किया। उत्तरी बांग्लादेश के ढाका के मेयर ने भी नगर पालिकाओं और शहरों को टिकाऊ और समावेशी बनाने में समर्थन देने के तरीकों पर अपने विचार साझा किए। प्रेसीडेंसी ने प्रतिनिधियों के अनुभव के लिए 27 जून 2023 को “योग रिट्रीट” की भी योजना बनाई है। प्रेसीडेंसी ने प्रतिनिधियों के अनुभव के लिए 27 जून 2023 को “योग रिट्रीट” की भी योजना बनाई है।

साथ ही प्रतिनिधियों को “रात्रि भोज पर संवाद’ (रात के खाने पर बातचीत) की भी मेजबानी की गई और उन्होंने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आनंद लिया और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया।

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