यदि आप तय करेंगे, तो वे सब केवल पैसे या सत्ता के पीछे दौड़ेंगे,फिर वैज्ञानिक कहां से आएंगे?: धनखड़

उत्तराखण्ड : 27 जून 2025 , नैनीताल।  भारत के उप राष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज नैनीताल स्थित  छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “अपने लक्ष्य को संकीर्ण मत बनाइए। आत्मकेंद्रित मत बनाइए। समाज, मानवता और राष्ट्र के लिए लक्ष्य रखिए। यदि आप इतिहास में झांकें, हजार वर्षों में हम किन्हें याद करते हैं? केवल उन्हें, जिन्होंने समाज के लिए कार्य किया, समाज के लिए जिया और अपना जीवन समाज को समर्पित किया।” नैनीताल के शेरवुड कॉलेज की 156वीं स्थापना दिवस पर विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आपको यह भावना आत्मसात करनी होगी – राष्ट्र सर्वाेपरि। हमें बिना शर्त, पूर्ण राष्ट्रवाद को स्वीकार करना होगा, क्योंकि भारत, जो एक अनूठा राष्ट्र है और जिसकी 5000 वर्षों की सांस्कृतिक विरासत है, यही उसकी न्यूनतम अपेक्षा है।”

उन्होंने कहा, “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, उसकी पहुंच और वहन करने की क्षमता किसी भी लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए मूलभूत हैं, शिक्षा ईश्वर का वरदान है। अगर आपको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है, तो आप भाग्यशाली हैं। अगर आपको इस प्रकार की शिक्षा 1.4 अरब की जनसंख्या वाले देश में मिलती है, तो आप सच में विशेषाधिकार प्राप्त हैं। शिक्षा एक महान समतुल्य है। समानता चाहे कानून में हो या अन्यथा, उसे सर्वोत्तम रूप से केवल शिक्षा के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। शिक्षा असमानता, अन्याय पर कठोर प्रहार करती है, और यही आप जीवन भर करने वाले हैं।” अभिभावकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा, “मातृत्व-पितृत्व वह सबसे बड़ी जिम्मेदारी है जो केवल आपके बच्चों के प्रति ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के प्रति है। इसलिए कृपया अपने बच्चों पर दबाव न डालें। यह मत तय करें कि उनका जीवन का उद्देश्य क्या होगा। यदि आप तय करेंगे, तो वे सब केवल पैसे या सत्ता के पीछे दौड़ेंगे। फिर वैज्ञानिक कहां से आएंगे? खगोलशास्त्री कहां से आएंगे? वे लोग कहां से आएंगे जो पूरे विश्व की दिशा तय करते हैं?”

भारत की हाल की यात्रा और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “इस सदी में हम केवल साक्षरता की बात नहीं कर रहे हैं। साक्षरता बहुत पहले भारत के लिए महत्वपूर्ण थी। भारत आज संभावनाओं वाला देश नहीं रहा। जैसे आपकी प्रतिभा को आपके शिक्षकगण आगे बढ़ा रहे हैं, वैसे ही भारत की संभावनाओं को प्रतिदिन व्यवहार में लाया जा रहा है। भारत एक उभरता हुआ राष्ट्र है। यह उभार निरंतर है। यह वृद्धि क्रमिक है। और यदि मैं पिछले दशक को देखूं, तो वैश्विक स्तर पर भारत की आर्थिक प्रगति अभूतपूर्व रही है। अवसंरचना में अद्भुत वृद्धि हुई है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं। भारत के लिए पिछला दशक विकास का दशक रहा है, प्रगति का दशक रहा है, वैश्विक परिप्रेक्ष्य में एक नई जगह बनाने का दशक रहा है।

कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि शेरवुड कॉलेज केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि एक जीवंत विरासत है। इस प्रतिष्ठित संस्थान की 156 वर्षों की गौरवशाली यात्रा भारत के शिक्षा इतिहास में एक अनूठा अध्याय है। यहां से अनेक महान विभूतियों ने शिक्षा प्राप्त कर न केवल जीवन के उच्च आदर्श गढ़े, बल्कि अपने-अपने क्षेत्रों में देश का नाम भी रोशन किया। राज्यपाल ने कहा कि शेरवुड कॉलेज न केवल शिक्षा का केंद्र रहा है, बल्कि यह चरित्र निर्माण की प्रयोगशाला भी रहा है। इस संस्थान ने ऐसे असंख्य युवा तैयार किए हैं जो संवेदनशील, उत्तरदायी और नेतृत्व में सक्षम हैं। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हर छात्र को यह समझना चाहिए कि उसकी हर कोशिश, हर सफलता केवल उसकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्र की पूंजी है। जब हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन इस भावना के साथ करते हैं कि हम देश के लिए कार्य कर रहे हैं, तभी हम सच्चे अर्थों में शिक्षित कहलाते हैं।

उन्होंने कहा कि एक विद्यालय से निकलने वाला छात्र जब समाज की समस्याओं को अपनी जिम्मेदारी मानने लगे, तब समझा जा सकता है कि हम सही दिशा में अग्रसर हैं। राज्यपाल ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “यह समय आपका है। आप न केवल इस महान परंपरा के उत्तराधिकारी हैं, बल्कि आप ही भविष्य के निर्माता भी हैं। आपका चरित्र आपकी सबसे बड़ी पहचान है, और आपका समर्पण इस राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत है। इस अवसर पर नैनीताल आयुक्त कुमाऊँ मंडल व सचिव माननीय मुख्यमंत्री दीपक रावत, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊँ रिद्धिमा अग्रवाल,नैनीताल  जिलाधिकारी वंदना, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा, प्रधानाचार्य शेरवुड कॉलेज अमनदीप सिंह संधू सहित अन्य उपस्थित रहे।

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