देहरादून/उत्तराखण्ड: 21-SEP.–2023: खबर…. राजधानी से बृहस्पतिवार को देहरादून स्थित उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सबसे बड़े में हाई टेक कहे जाने वाले राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आपका सबसे पहले (Emergency) इमरजेंसी या फिर (OPD) ओपीडी पंजीकरण के ओपीडी का सामना होता है। वही यहां इन सब से पहले ही मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ाता है।
वही इस दौरान गुरूवार को दून हॉस्पिटल की NEW OT बिल्डिंग की (Emergency) इमेरजेंसी में तैनात डॉेक्टरो के साथ एक तीमारदार अपने मरीज 90वर्ष की वृद्ध महिला के इलाज को लेकर लारवाही बरतने के आरोप में खूब बहस होती नजर आई। जिसमें मामला गरमा देख वही मौजूद JR एवं स्वास्थ्यकर्मी ने वृ़द्ध महिला का इलाज करना शुरू कर दिया।
वही इस अस्पताल में दो दिन पहले यही एक्सआर्मी मैन (से नि) तिमारदार अपनी माता जी को लेकर इमेरजेंसी में आया था। वही उनकी माता जी का ECG होना था। वही इस दौरान यह ईसीजी की मशीन खराब होने के कारण वह इलाज के आए कई मरीजो को दिक्कत हो गई। साथ स्वास्थ्यकर्मी ने कहा ECG मशीन काफी पुरानी होने और ठीक ढंग से रखरखाव न होने के कारण आए दिन खराब रहती है। वही तिमारदार अपने मरीज को अस्पताल से वापिस ले गया और बाहर निजी सेंटर ECG करानी पड़ी।
इस हाईटेक स्वास्थ्य सुविधाएं वाला यह दून मेडिकल कालेज की एक छोटी सी मशीन खराब होने दावो की पोल खुल गई। वही इस के बाद अगले दिन इस राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इमेरजेंसी के EMO डॉक्टर एवं JR की लापरवाही एक ओर सामने आई । वही जिसमें डॉक्टरों की उदासीनता के चलते हादसे में चोटिल युवक को 2 घंटे तक समुचित इलाज नहीं मिल पाया। गंभीर रूप से घायल के परिजन उसे हाथो में लिए डॉक्टरो के आगे पीछे चक्कर लगा रहे कि मेरे मरीज को भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दो।
वही इस अस्पताल में कहने को कई स्टेचर है लेकिन यह मरीज के लिए कम समान ढोने के लिए अधिक उपयोग की जाती है। तो समय पर स्टेचर मरीज को कैसे मिलेगी। इस दौरान गंभीर रूप से घायल युवक दर्द से 2 घंटे तक इमरजेंसी (Emergency) में ही दर्द से कराहता रहा। मरीज के तीमारदार डाक्टरो बार बोलने में भी घबरा रहे थे। अब गरीब व्यक्ति यह बड़ी उम्मीद व भरोसे से यहा आता है कि चलो अब दून अस्पताल पहले जैसा नही रहा यह अब मेडिकल कालेज बन गया। लेकिन यह तो पहले से भी ज्यादा मरीज परेशान हो जाते हैं।
वही इस इमरजेंसी में करीब 6 वार्ड ब्वाय तैनात लेकिन कहा है यह किसी के सामने नही आते जिससे मरीज अपने आप मरीज को ढोता फिरता है बैड पर लेटाता, तथा मरीज की जरूरी समान जिसमें यूरिन बोटल,शौचपोट, तीमारदार के लिए बैठने की बैंच, व्हल चीयर, ड्रिप स्टैण्ड,कंबल आदि स्वमं ढुंढ कर लाता है। साथ ही यह इमरजेंसी के डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद कुछ मरीजो को ओपीडी में जाने का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते है।
इस दौरान इमरजेंसी में तीमारदारो का डॉक्टरो के साथ लापवारही व इजाल में ईसीजी उपकरण खराब होने जैसा मामला दून अस्पताल के एमएस डॉ0 अनुराग अग्रवाल के संज्ञान में आने के बाद डॉक्टर इमरजेंसी में पहुंचे। इमरजेंसी में डॉक्टरो एव जेआर ने मरीजो के इलाज में कुछ फुर्ती दिखाई। वही इसी के साथ (MS) एमएस डा0 अग्रवाल ने सुपवाइजर को बुला कर कर बेहद नराजगी जताई कहा इमरजेंसी में वार्ड ब्वाय की संख्या बढ़ाऐं व 24घंटे वार्ड ब्वाय डियूटी पर दिखने चाहिए। नही तो सख्त कार्यावाही के लिए तैयार रहे। बतादे कि जब से एमएस प्रो0/डॉ0 अनुराग अग्रवाल ने यह पद भार संभाला वह कोई भी शिकायते हो उसे तुरंत निस्तारण करने की कोशिश तो करते ही है साथ हीअस्पताल में बार बार स्वास्थ्य कर्मीयों को अर्लट भी करते है।
इस दौरान मरीजो व उनके तीमारदारो की शिकायत पर दून अस्पताल के एमएस (MS) डॉ0 अनुराग अग्रवाल ने इस दोैरान ईएमओ डॉक्टरो एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी पर गहरी नाराजगी जताई है। वही दून अस्पताल के (MS) डॉ0 अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि तीमारदारों की परेशानियों को दूर करने के लिए सख्त निर्देश दे दिए गए है।
बता दे कि जब इस दून मेडिकल कालेज अस्पताल में कोई VIP या नेतागण एवं वरिष्ठ अधिकारीगण यह अपने व परिवारिक मरीज को लेकर आता है तो दून अस्पताल का पूरा अमला व व्यवस्थाएं उनके ईद गिरद घूमती रही हैं । और आम आदमी यहा हर समय समास्याओं एव व्यावस्थाओं से जूझता दिखाई देतो रहा है। ऐसा हर सरकारी अस्पताल का रवाईया बन गया है। जरा सोचिए!