जनसेवा केन्द्र में हुई लूट की घटना का दून पुलिस ने किया अनावरण

उत्तराखंड: 17 मार्च 2025 , देहरादून। रायपुर क्षेत्र में जनसेवा केन्द्र में हुई लूट की घटना का दून पुलिस ने अनावरण कर दिया हैं। घटना के मास्टर माइंड दिलशाद सहित 03 अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। घटना में शामिल मुख्य अभियुक्त पुलिस मुठभेड में घायल हुआ हैं। पुलिस के अनुसार अभियुक्त दिलशाद का 05 वर्ष पूर्व लोन के सिलसिले में जनसेवा केन्द्र के मालिक से परिचय हुआ था। अभियुक्त का लोन के सिलसिले में अक्सर जनसेवा केन्द्र में आना-जाना था, उसे जनसेवा केन्द्र में हर समय काफी नकदी उपलब्ध रहने की जानकारी थी। अभियुक्त दिलशाद द्वारा मुठभेड में घायल अभियुक्त साहिल के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई थी। घटना को अंजाम देने के लिए कोतवाली नगर क्षेत्र से चोरी की गई स्कूटी का इस्तेमाल किया था। लूट की घटना में अभियुक्तों को केवल 70 हजार रू. की नकदी मिली थी। विवेचना में वादी द्वारा भी 70 हज़ार की नगदी लूटे जाने की पुष्टि करी थी। घटना में लूटे गये माल में से अपना हिस्सा लेने 02 अभियुक्तों के देहरादून वापस आने की पुलिस को जानकारी मिली थी। प्राप्त जानकारी पर सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस द्वारा सघन चैकिंग अभियान चलाया गया था। चेकिंग के दौरान रानीपोखरी क्षेत्र में पुलिस द्वारा रोके जाने पर अभियुक्त मौके से फरार हो गये थे। पुलिस द्वारा पीछा करने पर अभियुक्तों द्वारा पुलिस टीम पर फायर किया गया था। पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में किये गये जवाबी फायर में 01 बदमाश के पैर व हाथ पर गोली लगी थी। अभियुक्तों के कब्जे से घटना में लूटी गई 25 हजार रू. नकदी, 01 देशी तंमचा, 04 जिंदा व 02 खोखा कारतूस तथा घटना में प्रयुक्त चोरी की स्कूटी बरामद हुई हुई हैं। मुठभेड़ में घायल अभियुक्त के विरुद्ध दिल्ली में हत्या तथा बिजनौर में लूट का अभियोग पंजीकृत है। घटना का अनावरण करने वाले पुलिस टीम को एसएसपी देहरादून द्वारा 25000 रुपये के पुरुस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 11 मार्च को अरूण पाल द्वारा थाना रायपुर पर लिखित तहरीर दी गई कि उनका वाणी विहार भगत सिंह कालोनी में जनसेवा केन्द्र है, जहां से वह मनी ट्रांसफर का कार्य करते है। 11 मार्च को समय करीब 04ः00 बजे सांय 03 युवको द्वारा उनकी जनसेवा केन्द्र पर आकर उनसे तमंचे की नोक पर लगभग 02 लाख 50 हजार रू0 लूट लिये। प्राप्त तहरीर के आधार पर तत्काल थाना रायपुर पर सम्बन्धित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। अभियोग की विवेचना के दौरान वादी द्वारा भी घटना में लूटी गई रकम के 70 हज़ार ₹ होने की जानकारी दी गई थी। दिनदहाड़े हुई लूट की घटना की गंभीरता के दृष्टिगत घटना के अनावरण तथा उसमें शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु एसएसपी देहरादून के निर्देशो पर तत्काल अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। गठित टीमों द्वारा घटनास्थल व उसके आसपास आने जाने वाले मार्गाे पर लगे सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन करते हुए फुटेजो से प्राप्त संदिग्ध व्यक्तियो के हुलिए से मुखबिर तंत्र को अवगत कराते हुए उन्हें सक्रिय किया गया। साथ ही सर्विलांस के माध्यम से भी घटना में शामिल अभियुक्तों के सम्बंध में जानकारी एकत्रित की गई, इसके अतिरिक्त पूर्व में लूट की घटनाओं में प्रकाश में आये अभियुक्तों तथा हाल में जेल से रिहा/जमानत पर छूटे अभियुक्तों के सम्बंध में जानकारी प्राप्त करते हुए उनका भौतिक सत्यापन किया गया। सीसीटीवी फुटेजों के अवलोकन तथा सर्विलांस के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस टीम को उक्त घटना में बिजनौर के गिरोह के शामिल होने की जानकारी प्राप्त हुई तथा कुछ संदिग्ध मोबाइल नम्बर प्रकाश में आये, जिसके आधार पर पुलिस टीम द्वारा जनसेवा केन्द्र के मालिक के परिचित एक व्यक्ति मो. दिलशाद पुत्र शफीक अहमद, निवासी ग्राम मसीद चॉदपुर, जिला बिजनौर, हाल पता- 110, चन्दननगर, थाना कोतवाली नगर देहरादून, उम्र 26 वर्ष को आवश्यक पूछताछ हेतु चन्दन नगर क्षेत्र से हिरासत में लिया गया, जिससे सख्ती से पूछताछ करने पर उसके द्वारा अपने साथियों के माध्यम से उक्त लूट की घटना को अजांम देने की जानकारी दी गई तथा बताया कि उक्त घटना में शामिल 02 अन्य अभियुक्त साहिल तथा कामिल घटना में लूटे गये माल में से अपना हिस्सा लेने आज बिजनौर से देहरादून आने वाले है। उक्त सूचना पर अभियुक्तों की धर-पकड़ हेतु तत्काल अलग-अलग टीमों का गठन कर सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में संदिग्ध अभियुक्तों की तलाश हेतु संघन चैकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिये गये। अभियुक्तों की तलाश के दौरान पुलिस टीम को दोनो अभियुक्तों के एक सफेद रंग की स्कूटी में ऋषिकेश से रानीपोखरी की ओर आने की जानकारी प्राप्त हुई, जिस पर रानीपोखरी पुलिस द्वारा वीरपुर मोड पर चैकिंग के दौरान ऋषिकेश से आ रही सफेद रंग की स्कूटी को रूकने का इशारा किया गया, तो उक्त स्कूटी सवार दोनो व्यक्ति पुलिस टीम देखकर स्कूटी वापस मोडकर ऋषिकेश की ओर भाग गये, जिनका पुलिस टीम द्वारा पीछा करने पर अभियुक्तों पुलिस से बचने के लिये मंशा देवी मन्दिर से पहले जंगल की ओर कच्चे रास्ते पर भागे, जहां थोडा आगे जाने के बाद स्कूटी पत्थरो पर फिसल गई तथा दोनो अभियुक्त जंगल की ओर भाग गये, जिनमें से 01 अभियुक्त द्वारा पुलिस टीम पर फायर कर दिया, पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में किये गये जवाबी फायर में 01 अभियुक्त साहिल पुत्र यूनूस, निवासी मौहल्ला सासनगंज, थाना चॉदपुर, जिला बिजनौर के पैर तथा हाथ में गोली लग गई तथा दूसरा अभियुक्त अधेंरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया। घायल अभियुक्त को पुलिस द्वारा तत्काल उपचार हेतु जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया तथा दूसरे अभियुक्त की तलाश हेतु सर्च अभियान चलाते हुए अभियुक्त कामिल पुत्र कय्यूम, निवासी मौहल्ला शासनगंज, थाना चॉदपुर, जिला बिजनौर को घटना स्थल से कुछ दूरी पर जंगल से गिरफ्तार किया गया। मुठभेड में घायल अभियुक्त के कब्जे से पुलिस टीम को चोरी की 01 स्कूटी, 01 देशी तंमचा तथा 04 जिंदा व 02 खोखा कारतूस बरामद हुए। पूछताछ में घटना के मास्टर मांइड अभियुक्त दिलशाद द्वारा बताया गया कि वह वर्ष 2012 में देहरादून आया था तथा तब से ही चन्दननगर में किराये पर रहकर खाने पीने का होटल चला रहा है। 05 वर्ष पूर्व उसकी मुलाकात वादी अरूण पाल के भाई मंजीत से हुई थी, जिसके द्वारा उसे 03 लाख रू0 का लोन दिलाने की बात कही थी तथा लोन के सिलसिले में अक्सर उसका मंजीत के जनसेवा केन्द्र में आना-जाना लगा रहता था। अभियुक्त साहिल तथा दिलशाद एक ही गावं के रहने वाले हैं तथा पूर्व से एक दूसरे के परिचित हैं। अभियुक्त दिलशाद को जानकारी थी कि मंजीत का लेन-देन का अच्छा कारोबार है तथा उसके जनसेवा केन्द्र में काफी नकदी रहती है, जिस पर दिलशाद द्वारा साहिल के साथ मिलकर मंजीत के जनसेवा केन्द्र में लूट की योजना बनाई तथा उक्त योजना के सम्बंध में साहिल ने अपने चाचा कामिल को बताया। चूंकि साहिल के विरूद्ध दिल्ली में भी हत्या का अभियोग पंजीकृत था तथा उक्त अभियोग में वह अक्सर दिल्ली कोर्ट में पेशी पर आया-जाया करता था। इस दौरान कोर्ट में उसकी पहचान जहांगीरपुरी निवासी 02 अभियुक्तों मोहित तथा राहुल से हुई, जो अन्य अपराधों में पेशी पर कोर्ट में आते थे। अपनी इस योजना के सम्बन्ध में अभियुक्त साहिल द्वारा मोहित तथा राहुल को बताया तथा उन्हें भी जनसेवा केन्द्र में मोटा पैसा मिलने की बात बताते हुए अपने साथ योजना में शामिल कर लिया। योजना के मुताबिक 11 मार्च को साहिल बिजनौर से तथा अभियुक्त मोहित तथा राहुल दिल्ली से आईएसबीटी देहरादून पहुंचे, जहाँ उनकी मुलाकात दिलशाद से हुई। आईएसबीटी से दिलशाद, मोहित को अपने साथ रेलवे स्टेशन तक लेकर आया, जहां मोहित द्वारा रेलवे स्टेशन के पास से ही घटना को अजांम देने के लिये 01 स्कूटी चोरी की तथा दोनो अभियुक्त अलग-अलग स्कूटियों से भगत सिंह कालोनी के पास पुल पर पहुंचे, जहां साहिल और राहुल उनका इंतजार कर रहे थे। उसके पश्चात अभियुक्त दिलशाद तीनों को मंजीत के जनसेवा केन्द्र की जानकारी देकर मौके से चला गया तथा तीनो अभियुक्तों द्वारा जनसेवा केन्द्र में जाकर मंजीत के भाई अरूण के साथ तंमचे की नोक पर लूट की घटना को अजांम दिया तथा मौके से अलग-अलग फरार हो गये। घटना में मिली 70 हजार रू0 की नकदी को अभियुक्तों द्वारा आपस में बांट लिया था, तथा अभियुक्त साहिल का हिस्सा दिलशाद के पास छोड दिया था। अभियुक्त कामिल को उक्त पूरी घटना की जानकारी थी तथा वह घटना के संबंध में किसी को न बताने के एवज में अपना हिस्सा लेने साहिल के साथ देहरादून आ रहा था, पर पुलिस द्वारा मुठभेड के दौरान दोनो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्तों से पूछताछ के आधार पर प्रकाश में आये 02 अन्य अभियुक्तों राहुल निवासी जहांगीरपुरी, दिल्ली और मोहित निवासी जहांगीरपुरी, दिल्ली की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीमों को गैर प्रान्त रवाना किया गया है। मुठभेड़ में घायल अभियुक्त साहिल पुत्र यूनूस, निवासी मौहल्ला सासनगंज, थाना चॉदपुर, जिला बिजनौर, उम्र 22 वर्ष (घायल) के विरुद्ध दिल्ली में हत्या तथा बिजनौर में लूट के अभियोग पंजीकृत होना प्रकाश में आया है, जिसके संबंध में जानकारी की जा रही है।

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