उत्तराखंड:19 जून 2025, ब्रहस्पतिवार को देहरादून / राजधानी स्थित सूबे के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय अक्सर सुर्खियो में बना रहा रहता है। वही एक मामला ओर सामने आया। जानकारी के अनुसार दून अस्पताल में पीछले वर्ष आग से एक व्यक्ति 95 प्रतिशत झुलसने पर दून अस्पताल के बर्न यूनिट में भर्ती बर्न मरीज के उपचार के उपरान्त NABH का कार्य के बर्न यूनिट के प्रभारी डॉक्टर आरपी खंडूड़ी द्वारा अजब गजब खेल की सूचना वायरल हुई।
जिसमें दून अस्पतालः के बर्न यूनिट प्रभारी डॉ खंडूरी द्वारा हैरतअंगेज़ कारनामा सामने आया। जिसमें प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 17 जून 2025 के दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार जिसमें दून अस्पताल के बर्न यूनिट में भर्ती एक मरीज को एम्स ऋषिकेश भेजे जाने हेतु एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करायी जाने का जिक्र है के संबंध में तत्काल सुस्पष्ट अख्या उपलब्ध कराई कि क्यों पहले ही हायर सेंटर रेफरल हेतु आपके द्वारा नियमानुसार 24 x 7 उपलब्ध 108 एंबुलेंस सेवा का उपयोग नहीं किया गया। जबकि मरीज को 17 जून 2025 को पूर्वाहन में 108 एंबुलेंस सेवा से आपके द्वारा ही अंततः एम्स भिजवाया गया ।
इस दौरान दून अस्पताल की प्राचार्या/प्रो0 गीता जैने ने बर्न यूनिट के मरीज की फजहीत का संज्ञान लेते ही एक कारण बताओ नोटिस जारी किया जिसमें उन्होने कहा कि यह भी स्पष्ट करें कि मरीज को ससमय 108 से रेफर न करने के कारण,चिकित्सालय की बेवजह छवि धूमिल होने की वजह से जिसके लिए आप ही केवल जिम्मेदार है क्यों ना आपके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाए।
सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार NABH का कार्य के बर्न यूनिट के प्रभारी डॉक्टर आर.पी खंडूड़ी से एनएबीएच का प्रभार वापस ले लिया गया है, और उनसे जवाब मांगा गया है। लेकिन यह अभी स्पष्ट नही हो पाया है।
सूत्रो से बीते 14 जून 2025, को बर्न यूनिट में NABH का कार्यबर्न यूनिट के प्रभारी डॉक्टर आर.पी खंडूड़ी के संतोषजनक न होने पर हटाए जाने की सुगबुगाहट के बीच बर्न के मरीज को १०८ एम्बुलेंस बुलाकर एम्स ऋषिकेश भेजने में देरी की, फिर एडमिनिस्ट्रेशन पर एम्बुलेंस न देने का ठीकरा फोड़ कर ओर फिर अख़बार में न्यूज़ छपवा दी । इसके बाद दून अस्पताल की फजीहत होते देख आख़िरकार ख़ुद ही 108 बुलाकर एम्बुलेंस से मरीज़ को एम्स ऋषिेकेश भेज दिया।साथ ही इसके बाद अस्पताल की फजीहत होते देख दून अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया। ओर इा मामले की कार्यावाही पर अपनी सफाई भी दे डाली। इसके बाद 17 जून को अस्पताल प्रशासन ने बर्न मरीज के लिए एंबुलेंस में व्यवस्था कर एम्स ऋषिकेश में भर्ती कर दिया गया है,अब उसका इलाज एम्स में चल रहा है।