उत्तराखण्डः 15 अप्रैल . 2025, मंगलवार को देहरादून स्थित उत्तराखंड में बैसाखी पर्व 13 अप्रैल ,देहरादून एवं हिमाचल के सीमावर्ती चकराता क्षेत्र जौनसार बावर में पहुंचे ऑल इंण्डिया न्यूजसपेपर्स ऐसोसिएशन (AISNA) उत्तराखण्ड इकाई के प्रदेश महासचिव सोमपाल सिंह अपने प्रतिनिधियो के साथ इस बिस्सू मेले मंदिर हनोल में शिरकत की। इस मौके पर (AISNA) आइसना के महासचिव ने कहा कि मैं, इस बार ईष्ट देवता महासू हनोल में बिस्सू मेले पर यहां पहुंचा हूं। यहां की संस्कृति बहुत अच्छी हैं। सभी लोग हंसमुख और सुंदर स्वभाव के व यह की संस्कृति हैं।
राजधानी स्थित सीमावर्ती क्षेत्र जौनसार बाबर में बिस्सू महोत्सव, टोंस और यमुना नदियों के बीच बसा जौनसार उत्तराखंड का सबसे पश्चिमी क्षेत्र है, जो समृद्ध इतिहास और लोककथाओं से भरा हुआ है। देहरादून चकराता सीमा व हिमाचल सीमावर्ती क्षेत्र आईसना की ओर से उत्तराखण्ड इकाई के प्रदेश महासचिव ने पत्रकारो के बीच दस्तक दी। साथ ही , त्यूणी स्थित हनोल में पहले श्री सोमपाल ने ईष्ट देवता महासू महाराज हनोल मंदिर में पूजा अर्चना व दर्शन कर प्रदेश वासियों एवं पत्रकारो की सुख समृद्धि की कामना की।
साथ ही उत्तराखण्ड में राजधानी स्थित जौनसार बाबर के विश्व प्रसिद्ध महासू देवता के मंदिर, हनोल त्यूणी स्थित एक गेस्ट हाउस में ऑल इंडिया स्मॉल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन की उत्तराखंड इकाई ने देहरादून एवं हिमाचल के सीमावर्ती जौनसार, बावर क्षेत्र में आईसना क महासचिव ने इस क्षेत्र के पत्रकारो से मुलाकात की! जिसमें उन्होनें बताया कि पीछले 40 वर्षो से आईसना पत्रकार के हित में देशभर के अधिकतम राज्यों में कार्य रही है। (AISNA) (भारत के राजपत्र में अधिसूचित) है।
वही इस दौरान (AISNA) आइसना के प्रदेश महासचिव ने कहा कि पत्रकारो को जोड़े व उनकी समस्याओं को सुलझाने /हल करने जैसे मुददो पर चर्चा भी की जिसमें कई पत्रकारो बंधुओ ने कहा एसोसिएशन को समझेगें ओर जुड़ने के लिए विचार विमार्श करेंगे।
वही उत्तराखण्ड का इस लोकप्रिय त्यौहार बिस्सू (वैसाखी) पर्व पर (AISNA) के प्रदेश महासचिव सोमपाल सिंह ने हनोल मंदिर में न्याय के देवता महासू देवता मंदिर समिति के सदस्यों साथ बैठक कर इस विषय पर विस्तार से चर्चा की है, इस अवसर पर उन्होंने बताया की जौनसार उत्तराखण्ड का सीमांत इलाका है जो की हिमाचल की सीमा से जुड़ता है, यहाँ पर छेत्रीय पत्रकार बड़ी विस्म परिस्तिथि में कार्य करते है, यहाँ एक गॉव से दूसरे गॉव जाने के लिए भी कई कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, और सुविधा के अभाव मे भी यह कार्य कर रहे है, यही अपने आप मे बड़ी चुनौती है!
इस अवसर पर ऑल इंडिया स्मॉल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन की उत्तराखंड इकाई के महासचिव के साथ मीडिया प्रभारी विशाल वर्मा व आशोक रावत,दीपक, प्रज्ञा सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। वही साथ ही इस चर्चा में शामिल देहरादून चकराता सीमा व हिमाचल सीमावर्ती क्षेत्र जौनसार, बावर के हनोल महासू देवता मंदिर, त्यूणी के वरिष्ठ सदस्य विक्रम सिंह राजगुरू,रोशन सिंह, हरिश राजगुरू, बीर सिंह तोमर आदि उपस्थित थे।
बैसाखी पर्व 13 अप्रैल पर उत्तराखंड में बिस्सू मेलों का आयोजन शुरू हो जाता है। यह बिस्सू मेले जौनसार बावर की पौराणिक संस्कृति व देवताओं के लिए समर्पित होते हैं। देहरादून के चकराता ब्लॉक में आयोजित, बिस्सू मेला एक विशाल मेला है जो जौनसारी जनजाति द्वारा मनाया जाता है. वैशाख की संक्राति के दिन इस विशेष पर्व को मनाया जाता है। जिसमें पारंपरिक नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया जाता है। इन दिनों बिस्सू पर्व बड़े ही हर्षाेल्लास के साथ मनाया। अनेक गांवों में ग्रामीण गाजे-बाजे के साथ वैशाख की संक्रांति को ब्रह्म मुहूर्त में जंगलों से बुरांश के फूल लेकर आए और आराध्य देवताओं को मंदिर में जाकर अर्पित किए। इसके बाद बुरांश के पुष्पों से सजे गुलदस्तों से अपने घर सजाएं जाते है।.