LATEST UPDATE: चारधाम में 12 लोगों की मौत हो चुकी, तीर्थयात्रियों व प्रशासन दोनों परेशानियों में!
देहरादून/उत्तराखण्ड: 30-APRIL.. 2023, खबर सरकारी तंत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केदारनाथ धाम के कपाट शुरू होने के बाद लगातार बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं, चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है जिसके बाद धाम में बर्फबारी थमने का नाम नहीं ले रही है। जिससे श्रद्धालुओं और प्रशासन दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं हैं। वही इसी के साथ एक ओर पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद से मार्ग जानलेवा बना हुआ है, जिसके तहत बीते शुक्रवार को कुल 13,429 तीर्थयात्रियों को सुबह पांच सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम के लिए रवाना किया गया।
उत्तराखंड में चारों धामों में बड़ी संख्या मे तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। इसके अलावा, खराब मौसम की स्थिति ने केदारनाथ जाने वाले सैकड़ों तीर्थयात्रियों की धार्मिक यात्रा को प्रभावित किया है। चारधाम यात्रा से संबंधित मंदिर हिमालय पर 2,700 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित हैं! वही इस दौरान उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा से संबंधित एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी 11 भाषाओं (तमिल, मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, मराठी और उड़िया) में जारी की गई है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में 22 अप्रैल 2023 से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है! अक्षय तृतीया के दिन 22 अप्रैल 2023 को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल जाएंगे। वहीं 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलें। वही इस बार केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सरकार ने हर किलोमीटर पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गई है। इस बार चार धाम में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 130 डॉक्टरों को लगाया गया है ।
सूत्रो के मुताबिक केदारनाथ यात्रा पर आ रहे तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना पड़ रहा है। जहां एक ओर केदारनाथ पैदल मार्ग पर फिसलन भरा रास्ता होने से तीर्थयात्री खाई में गिर रहे हैं वहीं पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण उन्हें गंभीर चोटें आ रही हैं। वही जिला प्रशासन भी मुस्तैदी के साथ तीर्थयात्रियों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ हैं। साथ ही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा शुरू होने के सिर्फ 10 दिन के अंदर 12 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
वही इसी के साथ चारधाम की यात्रा को दौरान इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की जान जाने से स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। आपको बता दें कि गंगोत्री धाम में 3 श्रद्धालुओं की मौत हई है। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का बाद से अभी तक 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इसके अलावा केदारनाथ में 5 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
वही जिसमें बर्फबारी ने सभी की परेशानी बढ़ा दी है, जिसके बाद प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को साढ़े 11 बजे के बाद सोनप्रयाग से आगे नहीं भेजा जाएंगा। इसके बाद उन्हीं यात्रियों को गौरीकुंड के लिए छोड़ा गया जिनके कमरे पहले से बुक हुए हैं। बता दें कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक लगभग 10 हजार यात्रियों के रुकने की व्यवस्था है। साथ ही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में चारों धामों में बड़ी संख्या मे तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। लेकिन बर्फबारी ने सभी की परेशानी बढ़ा दी है, जिसके बाद प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को साढ़े 11.00 बजे के बाद सोनप्रयाग से आगे नहीं भेजा जाएंगा।
वही, केदारनाथ में बारिश और बर्फबारी के कारण प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए बताया कि केदारनाथ के श्रद्धालुओं को पैदल मार्ग के लिए सोनप्रयाग से सुबह 11.30 के बाद और गौरीकुंड से दोपहर बाद एक बजे के बाद रवाना नहीं किया जाएगा। बीते 16 मार्च से केदारनाथ में रुक-रुक कर बर्फबारी हो रही है। जिससे केदारनाथ यात्रा के संचालन में काफी दिक्कतें भी आ रही हैं।
साथ ही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 28-29 अप्रैल से ही यात्रा के लिए सोनप्रयाग में करीब चार हजार तीर्थयात्री रोके गए थे, बर्फबारी से केदारनाथ में बिजली, पानी और संचार सेवा बाधित हो रही है। मौसम को देखते हुए जंगलचट्टी, भीमबली और लिनचोली में ऊर्जा निगम, जल संस्थान और बीएसएनएल की टीमें व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगी है। वही, केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड लगातार बढ़ रही हैं। इस एक वीडियो सामने आया हैं। जिसमें दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की तीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं।