उत्तराखण्ड निवर्तमान DG तिवारी की अभुतपूर्व विदाई!

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उत्तराखण्डः 09 सितंबर 2024, सोमवार को राजधानी /देहरादून स्थित  विदाई समारोह रविवार, 08 सितम्बर 2024 को सहस्त्रधारा रोड़ देहरादून  स्थित एक होटल  में अयोजित किया गया। वही जिसमें  उत्तराखण्डः महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड एवं राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड के पदभार से मुक्त होने पर श्री बंशीधर तिवारी, आई0ए0एस0 को शिक्षा विभाग द्वारा विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर निवर्तमान महानिदेशक महोदय अपनी पत्नी एवं अपने बच्चों के साथ उपस्थित रहे।

इस मौके पर अजीत भण्डारी, उप राज्य परियोजना निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि विकासखण्ड स्तर पर कार्यरत रहने के दौरान   बंशीधर तिवारी के सरल स्वभाव एवं कार्यशैली की चर्चा होती रहती थी तथा राज्य परियोजना कार्यालय मंे कार्य करने के दौरान इनके बारे में जैसा सुना था उससे ज्यादा सरल एवं अधीनस्थों के साथ सहयोगी स्वभाव देखने को मिला।

इस दौरान उपस्थित शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया। श्री कुलदीप गैरोला, संयुक्त निदेशक पी0एम0 पोषण द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद चमोली में कार्यरत रहते हुए उनके द्वारा महानिदेशक महोदय के निर्देशन में सरलता से समस्त चुनौतीपूर्ण कार्र्याें को पूर्ण किया गया।

इस मौके पर श्रीमती आशारानी पैन्यूली, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी द्वारा कहा गया कि सरकारी सेवा के अन्तर्गत एक अधिकारी के दायित्वों में परिवर्तन अनिवार्य सत्य है, पर यदि कोई व्यक्ति समय रूपी रेत पर अपने कार्यों के पदछाप छोड़ता है तो यह हजारों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाता है। निवर्तमान महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड श्री बंशीधर तिवारी जी को शिक्षा विभाग में किए गये उत्कृष्ट कार्यों के लिए हार्दिक शुभकामनाएं हैं।

श्री पदमेन्द्र सकलानी, संयुक्त निदेशक, महानिदेशालय द्वारा अवगत कराया गया कि श्री बंशीधर तिवारी जी के नेतृत्व में शिक्षा विभाग ने नए आयाम हासिल किए हैं और शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक भी स्थापित किए हैं। आपकी दूरदर्शिता, मेहनत और समर्पण ने शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा दिखाई है और हमें प्रेरित किया है। आपके मार्गदर्शन में हमने बहुत कुछ सीखा है और आपकी यादें हमारे दिलों में हमेशा रहेंगी। आपके नेतृत्व में शिक्षा विभाग ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की हैं और शिक्षा के क्षेत्र में नए बदलाव लाए हैं।

श्री रघुनाथ लाल आर्य, संयुक्त निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि शिक्षा विभाग में लगभग 6000 अध्यापकों के स्थानान्तरण हुये लोकिन पहली बार ऐसा हुआ कि कोर्ट केस नहीं हुये।

श्री दिनेश चन्द्र गौड़, विभागाध्यक्ष सीमैट द्वारा अवगत कराया गया कि अधिकारियों के साथ ही शिक्षक अथवा कर्मचारी आसानी से महानिदेशक महोदय से मुलाकात कर सकते हैं। अधिकारी के रूप में एक आदर्श व्यक्तित्व से परिपूर्ण, सरलता और सह्दयता की प्रतिमूर्ति, प्रेरणास्रोत हैं तथा आशा करते हैं कि भविष्य में भी आपका मार्गदर्शन मिलता रहेगा।

डॉ0 मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि इस नीति के अनुरूप आपके नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत बालवाटिका कक्षाएं शुरू हुई। बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में उत्तराखण्ड राज्य प्रगति की ओर अग्रसर है। आपके कुशल नेतृत्व में नौनिहालों को राज्य की सांस्कृतिक धरोहर एवं विरासत से परिचित कराने के लिए ’’हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तकों का लेखन किया गया। बच्चों में उद्यमिता एवं कौशल के विकास के लिए माध्यमिक स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा एवं ’’कौशलम्’’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।

विद्यालयों में संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाने एवं उन्हें उत्कृष्ट मॉडल विद्यालय के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वाकांक्षी पी0एम0 श्री योजना, अटल उत्कृष्ट विद्यालय तथा क्लस्टर विद्यालय योजनाओं का क्रियान्वयन हुआ है। शिक्षा की समावेशिता तथा पहुंच बढाने के लिए कक्षा-1 से कक्षा-12 तक के राजकीय एवं राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें एवं प्रारम्भिक स्तर के बच्चों को निःशुल्क जूता एवं बैग वितरण कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया।

साथ ही  अभिषेक भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, अतिथि शिक्षक संघ द्वारा अवगत कराया गया कि श्री बंशीधर तिवारी जी के पास जब भी किसी प्रकरण के सम्बन्ध मंे वार्ता के लिये जाते हैं तो सर अत्यधिक व्यस्तता के बावजूद मिलने का समय जरूर देते हैं। अतिथि शिक्षकों के आन्दोलन के दौरान भारी बारिश के बावजूद सर हमसे मिलने धरना स्थल पर आये और हमारी मांगों पर कार्यवाही की गयी।

साथ ही  बी0पी0 मैन्दोली, स्टॉफ आफिसर द्वारा अवगत कराया गया कि आप एक कुशल प्रशासक होने के साथ ही प्रेरक और प्रभावशाली वक्ता भी हैं। राजकीय सेवा के शीर्ष स्तर पर सुशोभित हाने के बाद भी आपका सरल एवं सादगी युक्त व्यक्तित्व हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आप ’सादा जीवन उच्च विचार’ की जीवन्त प्रतिमूर्ति हैं। व्यक्तित्व के इन्हीं गुणों के कारण जिस भी विभाग को आपका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ उसके समस्त हितधारकों के बीच आपकी छवि एक लोकप्रिय अधिकारी की रही। अनाथ बच्चों के विद्यालय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस में महानिदेशक महोदय निरन्तर जाते रहते हैं तथा बच्चों के साथ समय व्यतीत करते हैं, इससे बच्चों में अत्यन्त प्रसन्नता की अनुभूति होती है।

वही इस विदाई समारोह में बोलते हुये श्री बंशीधर तिवारी जी द्वारा अवगत कराया गया कि अधिकारी एवं शिक्षकों तथा कर्मचारियों के बीच किसी भी प्रकार का गैप नहीं होना चाहिए। संवाद लगातार होना चाहिये एवं भयमुक्त वातावरण होना चाहिये। अपने अधीनस्थों के कार्यों पर भरोसा करते हुये उन्हें कार्य करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिये, जिससे वे पूर्ण निष्ठा, लगन और मेहनत के साथ कार्य कर सकें।

निवर्तमान महानिदेशक महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक उच्च योग्यताधारी हैं, इसलिये अधिकारियों को शिक्षकों का अधिक से अधिक सम्मान करना चाहिये एवं अधिकारी तथा शिक्षकों के मध्य किसी भी प्रकार का गैप नहीं रहना चाहिये। कार्यक्रम के दौरान महानिदेशालय विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, पी0एम0 पोषण कार्यालय, एससीईआरटी उत्तराखण्ड के समस्त अधिकारी, समन्वयक, कार्मिक उपस्थित रहे।

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