न्यायाधीश का प्रख्यात मंदिर श्री महासू धाम 120 करोड़ में मास्टर प्लान से संवरेगा.!
उत्तराखण्ड: 09 अगस्त 2024,राजधानी में देहरादून से 190 किलोमीटर दूर स्थित उत्तराखंड के चकराता क्षेत्र जौनसार घाटी में निवास करने वाले लाखों लोग महासू देवता को न्याय के देवता के रूप में मानते हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनपद देहरादून के जौनसार बाबार चकराता क्षेत्र में जौनसार-बावर के प्रख्यात श्री महासू देवता मंदिर हनोल के मास्टर प्लान को मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिल गई है। 120 करोड़ में मास्टर प्लान से संवरेगा हनोल महासू धाम, उत्तराखंड सरकार ने तैयार किया मास्टर प्लान, से संवरेगा हनोल महासू धाम.!
उत्तराखंड सरकार महासू देवता के मंदिर क्षेत्र से विस्थापित होने वाले 20 परिवारों के साथ-साथ 6 ग्रामीण परिवारों की निजी भूमि का अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है। जिन परिवारों के पास जमीन होगी उन्हें आवास निर्माण के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जबकि बिना जमीन वाले परिवारों के लिए सरकारी भूमि की व्यवस्था की जाएगी। अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए शासन से आदेश का इंतजार किया जा रहा है।
इतिहास गवाह है कि उत्तराखंड में सभ्यता और संस्कृति सदियों से चली आ रही है। देहरादून से 190 किलोमीटर दूर स्थित है चकराता क्षेत्र हनोल में महासू मंदिर। ये मंदिर यूं तो अपनी मान्यताओं के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। लेकिन इसके बारे में एक खास बात ये है कि यहां हर साल राष्ट्रपति भवन से नमक आता है। ये मंदिर चकराता के पास हनोल गांव में है। ये मंदिर टोंस नदी के पूर्वी तट पर विराजमान है। लोग हनोल के महासू देवता मंदिर में दर्शनों के लिए आते हैं। सालभर यहां आस्था का सैलाब उमड़ता है।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां अगर आप सच्चे दिल से कुछ मांगो तो आपको मिल जाता है। दरअसल इस मंदिर को न्यायाधीश कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां मनुष्य के हर कर्म का हिसाब होता है। ये मंदिर मिश्रित शैली की स्थापत्य कला को संजोए हुए है। उत्तराखंड की लोक परंपरा के मद्देनजर ये मंदिर काफी अहम है। इस मंदिर के गर्भ गृह में जाने पर लोगों की पाबंदी है। सिर्फ मंदिर का पुजारी ही मंदिर में प्रवेश कर सकता है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनपद देहरादून के जौनसार बाबार चकराता क्षेत्र में मास्टर प्लान के कार्यान्वयन से श्री महासू देवता मंदिर हनोल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी। बद्रीनाथ धाम की तरह इस मास्टर प्लान से हनोल मंदिर में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र में तीर्थाटन और पर्यटन का विकास होगा। यह स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के नए अवसरों का निर्माण करेगा और हनोल मंदिर क्षेत्र की पूरी छवि बदल जाएगी।
वही जिसमें स्थानीय लोग लंबे समय से इस मास्टर प्लान का इंतजार कर रहे थे, जिसे हाल ही में सरकार ने मंजूरी दे दी है। वही, 120 करोड़ में मास्टर प्लान से संवरेगा हनोल महासू धाम, अब महासू देवता मंदिर हनोल में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग बढ़ रही है !साथ ही जौनसार बाबार चकराता क्षेत्र के प्रबुद्ध व्यक्तियों ने शासन से इस मास्टर प्लान की स्वीकृति पर सरकार का धन्यवाद किया है।