नई दिल्ली/उत्तराखण्ड: 27 MAY.. 2023, खबर… राजधानी से शनिवार को नई दिल्ली देश की राजधानी में आज देश का नया संसद भवन बनकर तैयार हो गया है। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करेंगे जिसके लिए आमंत्रण पत्र भी भेजे जा रहे हैं । वही इस नए संसद भवन के उद्घाटन से एक दिन पहले 27 मई, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजदंड सेंगोल भेंट किया। इसके लिए मदुरै अधीनम के प्रधान पुजारी खास तौर पर मौजूद रहें । रविवार 28 मई को जब प्रधानमंत्री देश के नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे तो इतिहास एक बार फिर को दोहराएगा।
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से एक दिन पहले शनिवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर अधीनम लोगों से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान अधीनम ने प्रधानमंत्री मोदी को एतिहासिक राजदंड सेंगोल सौंपा। इस मौके पर मदुरै के 293वें प्रधान पुजारी हरिहर देसिका स्वामीगल पीएम मोदी को सेंगोल भेंट किया। मालूम हो कि सेंगोल का अर्थ संपन्नता से है। इसे सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर दिया जाता है।
वहीं सेंगोल को सौंपने को लेकर प्रधान पुजारी ने जानकारी दी कि मैं नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी से मिलकर उन्हें ‘सेंगोल’ भेंट करूंगा। देश की आजादी के बाद जब देश को अपना पहला प्रधानमंत्री मिल रहा था, तब उस दौरान भी सत्ता हस्तांतरण के मौके पर मदुरै अधीनम के प्रधान पुजारी ने ही राजदंड देकर परंपरा का निर्वाहन किया था।
वहीं अब जब देश को नई संसद मिल रही है तो ऐसे में मदुरै अधीनम के ही प्रधान पुजारी इस संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं। थिरुववदुथुराई अधीनम मठ के कम से कम 31 सदस्य 28 मई को होने वाले कार्यक्रम के लिए दो जत्थों में चार्टर्ड फ्लाइट से नई दिल्ली पहुंचेंगे। दरअसल सेंगोल को सौंपने में मदुरै अधीनम के पुजारियों का अहम स्थान है।
आज शनिवार को मिली ताजा जानकारी के अनुसार तमिलनाडु से दिल्ली आए अधीनम ने पीएम आवास पर मंत्रोच्चारण के बीच उन्हें ‘सेंगोल (राजदंड)’ सहित विशेष उपहार दिए. वहीं पीएम मोदी ने उनका आशीर्वाद लिया और उनका अभिनंदन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘सबसे पहले विभिन्न आदिनाम से जुड़े आप सभी पूज्य संतों का मैं शीश झुकाकर अभिनंदन करता हूं।
आज मेरे निवास स्थान पर आप सभी के चरण पड़े हैं, ये मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है। ये भगवान शिव की कृपा है, जिसकी वजह से मुझे एक साथ आप सभी शिवभक्तों का दर्शन करने का मौका मिला है. मुझे इस बात की भी बहुत ख़ुशी है कि कल नए संसद भवन के लोकार्पण के समय आप सभी वहां आकर आशीर्वाद देने वाले हैं।
’सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की ज़िम्मेदारी है और वह कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा। वही यह तमिलनाडु के लिए गर्व की बात है कि नए संसद भवन में न्याय के प्रतीक सेंगोल को स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने 1947 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल दिया था। जिसे अब रविवार को पीएम मोदी को भेंट किया जाएगा।
वही दुसरी ओर देश का नए संसद भवन का यह उद्घाटन कार्यक्रम पहले इस वजह से विवाद में आया कि सावरकर जयंती के दिन उद्घाटन कर मोदी सरकार क्या संदेश देना चाहती है। अब इस सवाल पर राजनैतिक बहस छिड़ गई है कि संसद भवन का उद्घाटन किसके हाथों होना चाहिए, राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री। और जैसा कि हर राजनैतिक बहस में होता है, बात तर्क-वितर्कों से होते हुए कुतर्कों तक ले जाई जा रही है।
वही इस दौरान कांग्रेस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, आप, सपा, राजद, जदयू, माकपा, भाकपा जैसे कई दलों का मानना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि, ‘राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना- यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह से बाहर करके, सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। याचिका में मांग की गई है कि उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों कराया जाना चाहिए।