अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कुमाऊंनी रामायण का विमोचन! भारत पुनः विश्वगुरू बनाने के उद्देश्य! धामी

योग दिवस पर थीम ’’वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’’ तय की गई।

देहरादून/उत्तराखण्ड: 21 JUNE.. 2023, धर्मनगरी हरिद्वार: में  आज बुधवार को  21 जून,  9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ फेज-2 हरिद्वार के मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने योगाभ्यास किया। वही इस  कार्यक्रम का शुभारम्भ मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।  योगाभ्यास के बाद अपने संबोधन में सभी को योग दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामना देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के एक दृढ़ संकल्प से प्रारंभ हुई ये यात्रा आज आप सभी के समर्पण और दृढ़ता के कारण इस गंतव्य तक पहुंच सकी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री, योग गुरू स्वामी रामदेव तथा आचार्य बाल कृष्ण ने कुमाऊंनी रामायण का विमोचन भी किया तथा प्रतिदिन योग करने एवं नशे से दूर रहने का संकल्प भी दिलाया।  वही इस अवसर पर  पतंजलि योगपीठ पहुंचने पर मुख्यमंत्री का पुष्पगुच्छ भेंटकर तथा शाल ओढ़ाकर भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया गया। ं

हरिद्वार:   जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार  अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी  प्रतीक जैन, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की  अभिनव शाह, एसडीएम भगवानपुर  बृजेश तिवारी, एसडीएम लक्सर  विजयनाथ शुक्ल बड़ी संख्या साधू-सन्त, छात्र-छात्रायें आदि उपस्थित थे।

वही इस सनातन संस्कृति का उल्लेख करते हुये  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ है और यही हमारे देश की 140 करोड़ जनता का मूल संस्कार भी है, जो सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार का रूप मानता है…  इसी सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ’’वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’’ तय की गई।

साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकों वैश्विक चुनौतियों और षड्यंत्रों का सामना करने के बावजूद भारत ने कभी भी मानवीय मूल्यों से हटकर आचरण नहीं किया और हमारी इस लोक कल्याणकारी अवधारणा का आधार हमारी संस्कृति है, जिसके मुख्य स्तंभों में से एक योग भी है। इसी वजह से योग आज दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है जो विश्व को भारतीय संस्कृति के साथ और अधिक प्रगाढ़ता से जोड़ने का काम कर रहा है।

भारत की संत परंपरा हमेशा से ही ’’देश प्रथम’ की परिकल्पना को साकार करने का माध्यम रही है और पंतजलि योगपीठ की स्थापना भी इसी उद्देश्य के लिए हुई है। योगगुरू स्वामी रामदेव जी ने भारत को पुनः विश्वगुरू बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय चेतना को जगाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि दौड़-भाग की जिन्दगी में चुनौती के साथ तनाव भी हैं तथा इस तनाव को दूर करने का साधन योग है, जिसे उत्तरोत्तर आगे बढ़ाने में पतंजलि का महत्वपूर्ण योगदान है।

उन्होंने कहा कि हम विकल्प रहित संकल्प के तहत निरंतर इस दिशा में कार्य कर रहे हैं कि देवभूमि उत्तराखण्ड एक उत्कृष्ट व नम्बर वन राज्य बनने के साथ ही सनातन संस्कृति की वैश्विक राजधानी बने। ा

वही इस मौके पर सीएम  पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों का भी आह्वान किया कि उत्तराखण्ड को हर स्तर पर उत्कृष्ट बनाने के लिए हम सभी प्रतिदिन एक घंटा स्वयं के लिए निकालने का संकल्प लें और प्रतिदिन योग करें, सूरज उगने से पहले जगना होगा और खुद को बदलना होगा, जिससे दवाओं पर आने वाला व्यय भी कम होगा।

वही इस अवसर पर  योग गुरू स्वामी बाबा रामदेब ने कार्यक्रम का शुभारम्भ सूक्ष्म व्यायाम से किया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये कहा कि यह इतिहास की पहली घटना है कि प्रधानमंत्री आज शाम को यू0एन0ओ0 के हेडक्वाटर में योग करेंगे। उन्होंने अष्टांग योग-(यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि) ताड़ासन, सूर्य नमस्कार, योगिंग-जोेंगिंग, भस्त्रिका प्रणायाम, कपालभाती, अनुलोम-विलोम, मण्डूक आसन, पवन मुक्त आसन, शीतली, मकर आसन, भुजंग आसन, शीर्षासन, सर्वांग आसन, चक्रासन आदि का अभ्यास कराते हुये योग के महत्व के साथ-साथ पंतंजलि की विकास यात्रा पर भी विस्तृत प्रकाश डाला।

आचार्य श्री बालकृष्ण ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि योग ने लोगों को रोग मुक्त करने के साथ ही रोजगार के द्वार भी खोले हैं तथा योग रोगों को दूर रखने में सहायक होने के साथ ही विकारों तथा बुराईयों से भी दूर रखता है तथा एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में भी सहायक होता है।

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