उत्तराखण्डः 24- Jan. 2025, शुक्रवार को देहरादून स्थित प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए वोटिंग हुई. जिसमें महिलाओं से लेकर बुजुर्ग, दिव्यांग और युवा मतदाताओं ने उत्साह के साथ मतदान किया. छिटपुट घटनाओं को छोड़कर प्रदेश में शांतिपूर्ण वोटिंग हुई। प्रदेशभर में 66 फीसदी वोटिंग हुई है. वोटिंग के बाद 5405 प्रत्याशियों की किस्मत मतपेटियों में कैद हो गई है। अब 25 जनवरी को मतगणना होगा। प्रदेश के 100 निकायों के चुनाव के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची सबके लिए सिरदर्द बनी रही। किसी मतदाता को इस सूची में महिला बना दिया तो किसी को अपने पिता का पिता बना दिया।
साथ हीआयोग की वेबसाइट पर मतदाताओं के आंकड़े और जिलों के आंकड़ों में भी गड़बड़ी सामने आई है। वही इस निकाय चुनाव में युवाओं और महिलाओं में वोटिंग को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। विभिन्न निकायों में मतदाता सूची में नाम गायब होने, मतदान की धीमी गति, बाहरी व्यक्तियों के बूथों पर पहुंचने, एक बूथ पर पत्थर फेंकने को लेकर हुई छिटपुट झड़पों, हंगामे व धक्कामुक्की की घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा।
वही इस 24 जनवरी को देहरादून ! सुबह 8 बजे ही बूथों पर वोटर्स की लाइन लग गई थी। शाम4.00बजे तक कुल 56.81 फीसदी मतदान हुआ। हालांकि, देहरादून के केसर वाला क्षेत्र में मतदाताओं के वोटिंग के बहिष्कार की भी बात सामने आई है। केसर वाला क्षेत्र को निगम परिधि में लेने के विरोध और विकास का काम न होने का आरोप लगाते हुए क्षेत्रवासियों ने ऐसा फैसला लिया। इसी के साथ ही दुसरी ओर देहरादून नगर निगम के वॉर्ड नंबर-57 के मानव भारती स्कूल में बने मतदान केंद्र पर BJP विधायक उमेश काऊ और निर्दलीय विवेक कोठारी उर्फ डिम्पी के बीच तीखी झड़प हुई।
वही इस नगर निकाय चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान प्रदेश में मतदाता सूचियों की गड़बड़ी के कुछ मामले ऐसे भी सामने आए, जब वोट देने पहुंचे मतदाता को महिला बना दिया गया। जैसे कोई रंजन नामक मतदाता का नाम रजनी, बबलू का बबली कर दिया। इस वजह से वे वोट नहीं डाल पाए। इसी प्रकार कुछ मामले ऐसे भी सामने आए, जिसमें पिता के नाम की जगह मतदाता का नाम और मतदाता के नाम की जगह पिता का नाम लिख दिया। ऐसे भी मतदाता वोट नहीं डाल पाए। साथ ही पौड़ी नगर पालिका चुनाव के दौरान वॉर्ड नंबर-5 में नाबालिग बच्चों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल किए जाने का मामला सामने आने के बाद हंगामा मच गया। कुछ स्थानीय लोगों के नाम लिस्ट से गायब थे।
उत्तराखंड राज्य निवार्चन आयोग की ओर से रात 10 बजे जारी अनंतिम आंकड़े के अनुसार, लगभग 66 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो पिछले चुनाव के मुकाबले 3.78 प्रतिशत कम है। रुद्रप्रयाग जिले में सर्वाधिक 71.15 प्रतिशत और देहरादून में सबसे कम 55 प्रतिशत के लगभग मतदान हुआ। इसके साथ ही निकाय प्रमुखों और पार्षद-सभासद पदों के कुल 1382 पदों के लिए मैदान में उतरे 5405 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद हो गया।
बता दें कि इस निकाय चुनाव की मतदाता सूची अलग होती है। इसमें वोट बनवाने की प्रक्रिया भी अलग है। आयोग ने इसके लिए विशेष अभियान भी चलाए थे। लेकिन मतदाताओं को ये असमंजस रहा कि उन्होंने लोकसभा का वोट दिया और अब उनका नाम नहीं है। ज्यादातर मतदाताओं को ये जानकारी ही नहीं थी कि निकायों के चुनाव की मतदाता सूची अलग से तैयार होती है।
बता दें उत्तराखंड की 100 निकायों में 11 नगर निगम, 43 नगर पालिकाओं और 46 नगर पंचायतों के लिए मतदान हुआ.सभी निगम, पालिका, पंचायतों में वार्ड सदस्य/पार्षद के कुल 5405 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।