आधुनिक सुविधाओं से लैस न्यू OT फिर क्यो डॉ0 लगा रहे अस्पताल की साख पर बट्टा…?

देहरादून/उत्तराखण्ड: 31 MAY.. 2023, खबर… राजधानी से बुद्धवार को देहरादून स्थित सूबे के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल देहरादून में आयुष्मान योजना में मरीजों के इलाज और ऑपरेशन के दौरान मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने लगा रहे दून अस्पताल की साख पर बट्टा। वही प्राप्त जानकारी के अनुसार राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के द्वारा की गई एक समीक्षा बैठक में दून अस्पताल के कई विभागों की कलाई खुल गई।जबकि बतादे की नई आधुनिक सुविधाओं से लैस न्यू ओटी फिर भी यहा ऑपरेशन से क्यो वंचित हो रहे मरीज?

बता दें कि इस समीक्षा बैठक से पहले पता चला है कि मेडिकल कालेज के कई डॉक्टर मरीजों को आयुष्मान कार्ड के तहत भर्ती करने में आनाकानी या टालमटोल क्यों करते थे। वही जब इसका खुलासा हुआ तो पता चला कि दून मेडिकल कालेज अस्पताल में ऑपरेशन संबंधित मरीजो को लंबी-लंबी तरिखे डॉक्टर सर्जन द्वारा मरीजों को तारीख जानबूझकर दी जा रही थी। वही रोगीयों को सर्जरी हेतु जांच के नाम पर मरीजों को परेशान किया जा रहा था।

इस दौरान कई मरीज दून मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के रवैया एवं उनके द्वारा किए जा रहे परेशान होकर वह मजबूरन दून अस्पताल के बाहर निजी प्राइवेट अस्पतालों में जाने पर विवश हो रहे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस समीक्षा बैठक में दून मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के सामने बैठक में ऐसी गंभीर सवाल रखे गए जिसमें डॉक्टर असहज हो गए। वही समीक्षा बैठक के दौरान प्राचार्य डॉ. सयाना ने करीब 21 बिंदुओं पर अपने दिशा निर्देश जारी किए। वही इसी के साथ ही 3 डॉक्टरों की कमेटी भी बनाई जो इन मामलों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।


वहीं दूसरी ओर इस दून अस्पताल की नई ओटी ब्लाक में कई सर्जरी रोगियों के विभागों में रोजाना करीब 3 से 4 सर्जरी ही हो रही थी। जबकि यहा डॉक्टरो की संख्या भी ठीक ठाक मौजूद हैं। और उनके साथ जेआर डॉक्टर भी लगे रहते हैं। फिर भी मरीजो की सर्जरी में कमी किस कारण हुई या एक सवाल पर प्राचार्य के सामने उजागर हुआ।

इस दौरान प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि मरीज अस्पताल में भटकने या परेशानी के लिए नहीं बल्कि इलाज के लिए आता है। और स्वास्थ्य होकर जाए यही हमारी कमाई है। लेकिन यहां डॉक्टरों एवं जेआर डॉ0 की लापरवाही के द्वारा मरीज परेशान होकर निजी प्राइवेट अस्पतालों में की और क्यों रुख कर रहे हैं। इससे अस्पताल की साख पर बट्टा लग रहा है। वही जिसमें मरीजो के ऑपरेशन की संख्या और कम भर्ती के मामलों पर डॉक्टर पर कई प्रकार की शक की सुई घूम गई है। जिस पर उन्होंने कार्रवाई होने का आश्वासन दिया।

वही इसी के साथ डॉ0 सयाना ने कहा अगर जरूरी हुआ तो डाक्टरो का इंसेंटिव भी काटा जा सकता है। वही इन सब की आई शिकायतो को लेकर फिलहाल पुष्टि के लिए एक कमेटी बनाई गई है। वहीं इसी के साथ तीन डॉक्टरों को आयुष्मान योजना की जांच निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं।़़़़

वही इस समीक्षा बैठक के मौके पर दून मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ. यूसुफ रिजवी, डीएमएस धनंजय डोभाल एवं नोडल अधिकारी आयुष्मान डॉ. अनुराग अग्रवाल, डॉ. नूतन सिंह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. हरीश बसेरा, डॉक्टर अनिल जोशी. डॉ. भावना पंत, डॉक्टर केसी पंत, डॉक्टर दौलत सिंह, डॉ. राकेश रावत, डॉ. अभिषेक चौधरी, डॉक्टर अंकित जैन, एवं जनसंपर्क अधिकारी महेंद्र भंडारी, विभागीय कर्मी दीपक राणा. दिनेश रावत. करुणा. नितेश यादव एवं विजय राज मौजूद रहे।

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