पत्रकार की बेटी ने जरूरतमंद बच्चों के लिए किया पहला महादान।

दून अस्पताल प्राचार्य व डिप्टी एमएस ने छात्रा केे प्रथम रक्तदान पर दिया संदेश!

उत्तराखण्डः 10- Jan. 2025, शुक्रवार को  देहरादून स्थित  राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल देहरादून के ब्लैड बैंक में पत्रकार की पुत्री प्रज्ञा सिंह BSc. द्वितीय वर्ष डीएवी महाविद्यलय देहरादून की छात्रा 18 वर्ष आयु पूर्ण होने पर अपने जन्मदिन के अवसर पर जरूरतमंद लोगों एवं थैलीसीमिया के बच्चों हेतु रक्तदान कर समाज को एक सन्देश देने के उद्देश्य से  कु0 प्रज्ञा सिंह पुत्री श्री सोमपाल सिंह ने अपने जन्ददिवस पर दून मेडिकल कॉलेज स्थित ब्लड बैंक देहरादून में पहल बार रक्तदान किया।

वही इस दौरान प्रज्ञा के पिता सोमपाल सिंह वरिष्ट पत्रकार   का कहना है कि मेरी बेटी के यह रक्तदान देने का उद्देश्य यह है कि बच्चों बढ़ते थैलीसीमिया रोग की रोकथाम एवं जरूरतमंदों के लिए रक्त की व्यवस्था एवं युवाओं रक्तदान को रक्तदान करने का एक संदेश देने की प्रयास है। साथ ही सभी युवाओं एवं सहयोगियों से अपील है कि आप भी इस रक्तदान प्रेरणा हेतु रक्तदान अभियान के साक्षी बनकर अपना सहयोग प्रदान कर बेटी के प्रथम रक्तदान दिवस पर आशीर्वाद प्रंदान करें।

वही दून अस्पताल की प्राचार्या प्रो. गीता जैन ने अपने संदेश में कहा कि आज इस बेटी ने अपने बालिक होने पर तथा आज ही के दिन जन्मदिवस के अवसर पर रक्तदान देकर युवाओ को एक अच्छा संदेश भी दिया। साथ इस बेटी के माता पिता को भी इसका श्रेय जाता है। प्रार्चाय प्रो./डॉ. जैन ने कहा कि एक यूनिट रक्तदान करने से किसी की भी जान बच सकती है। इस मूलमंत्र को अपनाते हुए हर किसी को परोपकार के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने वालों की पांच अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियों की जांचें मुफ्त में हो जाती हैं। इसमें एचआईवी,हेपेटाइटिस बी. सी. एचआईवी आदि शामिल हैं।

इसका असर हीमोग्लोबिन पर पड़ता है। मगर, ब्लड बैंक में खून की कमी के चलते इस रोग से पीड़ित बच्चों को खून न मिलने से सभी परेशान होते हैं। ऐसे में ब्लड बैंक में रक्त की पर्याप्त उपलब्धता होने से थैलेसीमिया रोग से पीड़ित बच्चों को समय पर खून मुहैया कराकर उसकी जान बचाई जा सकती है।

इस दौरान दून अस्पताल के डिप्टी एमएस प्रो./ डॉ0 एनएस बिष्ट ने कहा कि जरूरतमंद बच्चे, बड़े और महिलाओं की जान बचाने के लिए कोई भी शख्स दून अस्पताल में आकर रक्तदान कर सकता है। एक यूनिट रक्त देने से दानवीर की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता। लेकिन थैलेसीमिया रोग से पीड़ित बच्चेए गर्भवती महिलाएं और सड़क दुर्घटना में घायल गंभीर लोगों के घरवालों के चेहरे पर मुस्कान अवश्य लाई जा सकती है। इसका उद्देश्य जरूरतमंदों को खून उपलब्ध कराकर उनका जीवन बचाना है।

वही डॉ. एनएस बिष्ट ने रक्तदान दाता के आज जन्मदिवस पर केक काट कर इस बेटी की सराहना कि साथ ही जन्मदिवस पर इस बेटी को एक फलदार पौधा देकर युवाओ को संदेश भी दिया। नशा के रोकथाम अभियान में रक्तदान भी एक महादान महासहयोग में आने वाली जनरेशन के लिए लाभ दायक है। उन्होने ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के अधिकांश लोग रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान करने का जज्बा युवाओ में होना चाहिए। उन्होंने कहा शहर के युवाओं को ऐसे कार्यों में आगे आना चाहिए। वही युवाओ में बढ़ते नशे को रोकथाम में रक्तदान का बड़ा योगदान होता है।

साथ ही दून अस्पताल ब्लड बैंक प्रभारी डॉ0शशी उप्रेती ने कहा 18 से 60 साल तक के स्वस्थ लोगों दून अस्पताल में आकर स्वच्छता से रक्तदान कर महादानी बनने का आवाहन किया है। इस अवसर पर रक्तदाता के माता-पिता सोमपाल सिंह वरिष्ट पत्रकार व पत्नी श्रीमति पुष्पारानी एवं दून अस्पताल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी महेंद्र भंडारी, ब्लैड बैंक कर्मी व तकनीकि कर्मी आदि उपस्थित रहे।

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