देहरादून/उत्तराखण्ड: 29 JULY .. 2023, शनिवार को जनपद नैनीताल सीआरवीआर रामनगर में वैश्विक व्याघ्र दिवस आयोजित किया गया। ग्लोबल टाइगर्स दिवस बाघों के संरक्षण के लिए मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य बाघों की प्रजातियों की घटती आबादी के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
वही जिसमें दैणा होया खोली का गणेशाय से सीआरवीआर रामनगर में ग्लोबल टाइगर डे की शुरूआत की गई। संस्कृति विभाग के सौजन्य से उत्तराखंड की अनूठी परम्परा के साथ ही झोड़ा, छपेली कार्यक्रम की रंगारंग सांस्कृतिक झलक की मनोहर प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर राज्यवार बाघों के आंकड़े जारी किए व बाघों के संरक्षण व संवर्धन हेतु तीन रिपोर्ट भी जारी की गई।
इसके साथ ही भारत के 06 टाइगर रिजर्व को ग्लोबल कैट्स ऐक्ररेडिशन सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। पूरे भारत मे वन्य जीव संरक्षण की दिशा में असाधारण व सराहनीय कार्य करने वाले वन विभाग के कुल 11 फ्रंटलाइन वर्कर को सम्मानित किया गया जिसमें सिमलीपाल टाइगर रिजर्व के 02 कार्मिकों को मरणोपरांत उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
वही इस मौके पर ग्लोबल टाइगर डे पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वनों एवं वन्यजीवों का संरक्षण देवभूमि की संस्कृति एवं दैनिक जीवन का अभिन्न अंग है तथा प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाना हमारा संस्कार है। यह उत्तराखंड की संस्कृति है जो हमें धरोहर के रूप में हमें पुरखों से संस्कार में मिली है। हमें इको टूरिज्म में स्थानीय समुदाय की और अधिक भागीदारी सुनिश्चित करते हुए होम स्टे, बर्ड वॉचिंग व अन्य क्रियाकलापों पर अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।
वही इस मौके पर उत्तराखंड में बाघों की संख्या में इजाफा होने पर सीएम ने उत्तराखण्ड की जनता, वन विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ ही स्थानीय प्रतिभागियों को बधाई दी। कहा कि वर्ष 2018 में 442 बाघों की संख्या थी जो वर्ष 2022 तक बढ़ कर 560 हो गई है।
मुख्यमंत्री ने देश भर के टाइगर रिजर्व से पहुँचे प्रमुख वन्य जीव संरक्षकों से जिम कॉर्बेट संग्रहालय कालाढूंगी में जाने का अनुरोध किया। कहा कि विश्व विख्यात जिम कॉर्बेट ने अपने जीवन का काफी समय कालाढूंगी में व्यतीत किया। कालाढूंगी में उनका पुराना घर है जिसे एक संग्रहालय का रूप दिया गया है।
वही इस दौरान केंद्रीय मंत्री एवं पर्यटन रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि वन्य जीव टाइगर के संरक्षण व संवर्धन के लिये 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की गई। कहा कि बाघों के संरक्षण व संवर्धन के लिए वित्तीय सहयोग भी किया जाएगा।
वही इस कार्यक्रम में राज्यवार बाघों के आंकड़े जारी किए गए। पूरे भारत वर्ष में 2018 की तुलना में 2022 में 715 बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 2022 के आंकड़ों के आधार पर बाघों की कुल संख्या 3682 है जो कि 2018 में 2967 थी। सर्वाधिक बाघ मध्यप्रदेश में 785 फिर कर्नाटक में 563 व उत्तराखंड में 560 बाघों की संख्या रही। जारी आंकड़ों के अनुसार उत्तरखण्ड कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की सँख्या बड़ी है। 2018 की तुलना में 118 बाघ बड़े है राज्य में अब कुल बाघ 560 हो गए है। वहीं कार्बेट टाइगर रिजर्व में पहले 231 बाघ जो बढ़कर 260 हो गए है।
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी व नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री द्वारा एक चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसकी थीम थी टाइगर, द किंग ऑफ जंगल। 18 राज्यों व 02 केंद्र शासित प्रदेशों से 6892 प्रविष्टि देशभर में की गई थी जिसमें से 20 लोगों को पुरस्कृत किया गया।
वही इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न टाइगर रिजर्व से आये ईडीसी व स्वयं सहायता समूह द्वारा स्थानीय उत्पादों का स्टाल लगाकर प्रदर्शन भी किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, विधायक रामनगर दीवान सिंह बिष्ट, भीमताल राम सिंह, नैनीताल सरिता आर्या,यमकेश्वर रेणु बिष्ट, महानिदेशक वन सीपी गोयल, सदस्य सचिव एनटीसीए डॉ. ऐस पी यादव, आईजीएफ अमित मलिक, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, समीर सिन्हा, कुमाऊँ मुख्य वन संरक्षक पी के पात्रो, आईजी नीलेश आंनद भरणे, डायरेक्ट कॉर्बेट डॉ धीरज पांडेय, राजाजी डॉ साकेत बड़ोला सहित अन्य वन अधिकारी उपस्थित थे।