27 साल बाद: नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ हमारे लोकतंत्र को और सशक्त बनाएगा। PMमोदी

देहरादून/उत्तराखण्ड: 19-SEP.–2023:  मंगलवार को नए संसद की लोकसभा में पहले वक्ता के तौर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में विपक्षी दलों द्वारा पुराने संसद में किये गए हंगामे और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तरफ इशारा किया। वही इसी के साथ 27 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आज देश की नए संसद भवन 2023 में लोकसभा की पहली बैठक में यह बिल पेश किया। वही इस दौरान विधानसभा और लोकसभा में महिलाएं की प्रतिनिधित्व करने बाली महिला जनप्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार (18 सितंबर) को मोदी कैबिनेट की बैठक हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लोकसभा और विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण-2023 को मंजूरी दी गई! इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार को पुरानी संसद के विदाई भाषण में कहा था कि विशेष सत्र में ऐतिहासिक फ़ैसले लिए जाएंगे। नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ बिल के रूप में लोकसभा में मंगलवार (19 सितंबर) को पेश किए गए ।

वही मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि महिला आरक्षण बिल (19 सितंबर-2023 )  मंगलवार को नए संसद भवन के लोकसभा में पेश किया जाएगा।  इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, “आज, भगवान ने मुझे इसे आगे बढ़ाने का अवसर दिया है.। हमारी सरकार आज दोनों सदनों में महिलाओं की भागीदारी पर एक नया विधेयक ला रही है।  ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ हमारे लोकतंत्र को और सशक्त बनाएगा।”

बता दे कि वर्तमान लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या सिर्फ 82 है।  लोकसभा में बुधवार को महिला आरक्षण से जुड़े विधेयक पर चर्चा शुरू होगी। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।

इस कानून के प्रभावी होने के बाद लोकसभा में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगी और महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी।   यह बिल पास हुआ तो अगले लोकसभा चुनाव के बाद सदन में हर तीसरी सदस्य महिला होगी।  इस दौरान  मोदी कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंज़ूरी दे दी है।  वही इस दौरान  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “महिला सांसदों के योगदान ने सदन की गरिमा को बढ़ाने में मदद की है। चाहे दलित हों, पीड़ित हों, आदिवासी हों, पिछड़े हों या महिलाएं हों, हर वर्ग का योगदान धीरे-धीरे बढ़ा है।

वही इस मौके पर कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”यह विधेयक सबसे बड़े चुनावी ‘जुमलों’ में से एक है। करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है।’ बता दे कि ‘ महिलाओं को 33 प्रतिशत मिले आरक्षण को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने के बाद लोकसभा में महिलाओं की सीटों की संख्या 181 हो जाएगी।देश की संसद में बैठकर अपने विचार रखने का अवसर मिलेगा।

देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर भी काफ़ी हद तक लगाम लगेगी। साथ ही महिलाओं को आगे आने का अवसर प्राप्त होगा। इसी के साथ संसद में महिला आरक्षण बिल को लागू होने से महिला पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी।मोदी सरकार को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने महिलाओं को लेकर कुछ सोचा। बता दे कि प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की सरकार में साल 1996 में पहली बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया था। लेकिन पास नहीं हो सका। उसके बाद भी कई बार संसद में यह लाया गया।

लेकिन इसे भारी विरोध का सामना करना पड़ा।  वही इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के कथित निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर लिखा-“महिला आरक्षण लागू करने की कांग्रेस पार्टी की लंबे समय से मांग रही है।  हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के कथित फैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण का इंतजार करते है। इस संशोधन में वर्तमान में महिला आरक्षण को सिर्फ 15 वर्षों के लिए लागू करने का प्रावधान किया गया है। लेकिन, भविष्य में संसद इस अवधि को बढ़ा भी सकती है।

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