देहरादून/उत्तराखण्ड: 4 MAY.. 2023, खबर… राजधानी से बृहस्पतिवार को एम्स ऋषिकेश में यूथ-20 कंसल्टेशन का आगाज हो गया। दो दिनों तक चलने वाले इस वाई-20 सम्मेलन में देश और दुनिया के विभिन्न डेलिगेट्स विचारों का मंथन कर युवाओं को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। समिट के पहले दिन होलिस्टिक हेल्थ कॉन्क्लेव कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट व्यक्तियों ने अपने विचार रखे। कॉन्क्लेव में उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से पहुंचे युवा प्रतिनिधियों सहित देश विदेश के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इससे पूर्व देश-विदेश से पहुंचे डेलिगेट्स ने योगा अभ्यास कर इस सत्र में प्रतिभाग किया। इस दौरान देश में एक समग्र तकनीक-आधारित स्वास्थ्य देखभाल पर्यावरण तंत्र के निर्माण के मार्ग पर आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की गयी।
वही इस समिट का उद्घाटन करते हुए एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह ने कहा कि इस समिट से देश और दुनिया भर के युवाओं को स्वास्थ्य क्षेत्र में स्वयं को सुदृढ़ करने का अवसर मिला है। इससे युवाओं को होलिस्टिक हेल्थ के प्रति अनुभव हासिल होगा। साथ ही अपने विचारों को आदान-प्रदान करने का अवसर भी मिलेगा। उन्होंने जापान, जर्मनी, सिंगापुर, यूके और यूएसए सहित देश भर के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों का स्वागत कर जी-20 के तहत यूथ-20 समिट के आयोजन करवाने हेतु देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विजन बताया और इसे देशवासियों के लिए गौरव की बात बतायी।
इस दौरान मुख्य अतिथि राज्य की महिला कल्याण, बाल विकास और युवा व खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि इस समिट से वैश्विक स्तर पर भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की भावना फलीभूत हो सकेगी। उन्होंने कहा वैश्विक स्तर पर भारत की आबादी 16 प्रतिशत है। उन्होंने युवाओं को प्रेरणा देते हुए आह्वान किया वह योगा का निरन्तर अभ्यास कर खेलों के प्रति अपनी एकाग्रता बढ़ाएं। ताकि देश के युवा प्रत्येक क्षेत्र में मजबूत होकर देश को विकसित करने में अपना योगदान दे सकें।
वही रामकृष्ण मिशन अस्पताल हरिद्वार के चिकित्सा अधीक्षक स्वामी दयादिपानन्द महाराज ने विश्व के युवाओं को न केवल शारीरिक तौर से अपितु मानसिक तौर से भी स्वस्थ रहने की जरूरत बतायी। उदाहरण देते हुए उन्होंने जीवन के लिए 4 स्तम्भ महत्वपूर्ण बताए। कहा कि सही ज्ञान, सही सोच, सही जीवन शैली और उपयुक्त खानपान के सिद्धांत को जीवन में अपनाने की बात कही। कहा कि यह मेथड जीवन को स्वस्थ रखने का मूल मंत्र है। उन्होंने अष्टांग योगा और प्रैक्टिकल वेदान्ता पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द महाराज ने युवाओं को जंक फूड से बचने की सलाह देते हुए ईट राईट, ईट लाईट का सरल सिद्धांत को अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास में वहां के युवा वर्ग का सर्वाधिक योगदान रहता है। इसलिए जरूरी है कि मेडिकेशन के बजाय वह मेडिटेशन पर ज्यादा ध्यान दें।
वही निदेशक युवा व खेल विभाग उत्तराखण्ड जितेन्द्र कुमार ने युवाओं को ऊर्जा का स्रोत बताते हुए कहा कि युवा वर्ग यदि अपनी सम्पूर्ण शक्ति को केन्द्रित कर दे तो वह असम्भव को सम्भव बना सकती हैं। सत्र का संचालन एम्स ऋषिकेश के इंटर्न डॉ0 ओशिन पुरी ने किया।
वही इस मौके पर समिट में नेशनल मेडिकल कांउन्सिल के अध्यक्ष प्रो0 बी0एन0 गंगाधर, पीजीआईईएमआर चण्डीगढ़ के पूर्व निदेशक प्रो0 के0के0 तलवार, एम्स मंगलागिरी के निदेशक प्रो0 मुकेश त्रिपाठी, उपनिदेशक प्रशासन एम्स ले0 कर्नल ए0आर0 मुखर्जी, डीन एकेडेमिक्स प्रो0 जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 संजीव कुमार मित्तल सहित संस्थान के विभिन्न विभागों के संकायगणों सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान में बृहस्पतिवार को दो दिवसीय यूथ 20 कन्सल्टेशन इवेंट विधिवत शुरू हो गया। जिसके तहत प्रातः कालीन सत्र में योगा सेशन आयोजित किया गया, जिसमें योग विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों साधकों को विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास कराया।
एम्स ऑडिटोरियम में बृहस्पतिवार को पहले सत्र में प्रतिभागियों को योग की विभिन्न विधाओं से रूबरू कराया गया। योग सत्र में लगभग 50 देशी-विदेशी प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर फिनलैंड की योग मर्मज्ञ मैडम हैडी ने युवाओं को संदेश दिया कि योग मनुष्य को आध्यात्म व परमात्मा से जोड़ने में कई तरह से मदद करता है। उन्होंने बताया कि योग हमें भौतिकवाद से आध्यात्म की ओर ले जाता है।