उत्तराखण्ड के गांवों के लिए तैयार की गई ‘‘वाइब्रेंट विलेज विकास योजना’’ राज्यपाल को सौंपी: LBSA

देहरादून/उत्तराखण्ड: 16 JUNE.. 2023, खबर… राजधानी से शुक्रवार को देहरादून स्थित  लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में  29वें संयुक्त नागरिक-सैन्य प्रशिक्षण व चरण-3 मध्यावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह के अवसर पर  उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

वही इस कार्यक्रम में उपस्थित राज्यसभा सांसद  राकेश सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में अकादमी के निदेशक श्रीनिवास आर. कटिकिथाला, उपनिदेशक दिशा पन्नु, शैलेश नवल, डॉ0 सुनीता रानी सहित विभिन्न सेवाओं के प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा प्रबंधन के लिए सिविल सेवा और सशस्त्र बलों के साथ चिंतन, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे बेहद महत्वपूर्ण विषय के लिए सशस्त्र बलों की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक भारतवासी का उत्तरदायित्व है कि हम इसके लिए प्रतिबद्ध रहें। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम हमारी एकता और संयुक्तता की भावना को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ एक सर्वव्यापी तत्व के रूप में जोड़ते हैं।

वही इस मौके पर   राज्यपाल  उत्तराखण्ड ने राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने तथा भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन एवं सशस्त्र बलों के अधिक से अधिक सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारी सैन्य शक्ति और रक्षा रणनीतियों में एकता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि हमें हर स्तर पर संयुक्तता को बढ़ावा देना चाहिए। इसके लिए हमें समन्वय और सहयोग के विभिन्न आयामों के साथ नागरिक-सैन्य सहयोग के सुसंगठित संस्थागत ढ़ाचे को सुदृढ़ बनाना होगा। उन्होंने कहा कि एकजुटता व एकता हमारे सबसे बड़े संसाधन हैं।

साथ ही उन्होनें ने कहा कि भारत की परमाणु प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अत्यंत उन्नत है। हम अपने सैन्य उपकरणों को आधुनिक बनाने और सीमाओं पर अपनी स्थिति को और मजबूत बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र के एक नये युग में प्रवेश कर रहा है। रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाए गए कदमों के परिणाम सामने आने लगे हैं। अब भारत न केवल अपने सशस्त्र बलों के लिए उपकरण बना रहा है बल्कि कई देशों की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है जो ‘‘मेक इन इंडिया’’ व ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

 राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि प्रशासनिक अकादमी में संयुक्त नागरिक-सैन्य प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम नागरिक-सैन्य एकीकरण की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में समन्वय और सहयोगी की समझ विकसित करने में सिविल सेवकों तथा सशस्त्र बलों के अधिकारियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।

वही इस  कार्यक्रम में राज्यपाल ने उपरोक्त प्रशिक्षणों में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया। इस अवसर पर अकादमी द्वारा उत्तराखण्ड के गांवों के लिए तैयार की गई ‘‘वाइब्रेंट विलेज विकास योजना’’ राज्यपाल को सौंपी। कार्यक्रम में राज्यपाल ने प्रशिक्षण के दौरान तैयार किए गए विभिन्न आर्टिकल और डॉक्यूमेंट का विमोचन भी किया।

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