उत्तराखण्डः 17- Jan. 2025, शुक्रवार को प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून स्थित सोशल मीडिया के इस युग में बड़ी संख्या में लोग फेसबुक, व्हाट्सएप या ओएलक्स, यूट्यूब जैसे ऑनलाइन माध्यम, इन सभी में प्रॉपर्टी के धंधेबाजों की कमी नहीं है। इसी का फायदा कुछ गलत तरह के प्रॉपर्टी में धंधेबाजों लोग जुगत में रहते हैं। इनके द्वारा तमाम तरह के लुभावने विज्ञापन या जानकारियां सोशल मीडिया पर दी जाती है जिससे कई बार आकर्षित होकर लोग ठगी आदि घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। तो कई फर्जीवाड़े की नीयत से लोगों को जमीन, फ्लैट और मकान दिखा रहे हैं। कृषि भूमि और दूसरों की भूमि या सरकारी भूमि को भी बेचने से गुरेज नहीं किया जा रहा है।
वही ऑनलाइन चल रहे प्रॉपर्टी के कारोबार में भूमाफिया भी नागरिकों की खून-पसीने की कमाई हड़पने के लिए घात लगाए बैठे हैं। इसी के साथ अब प्रॉपर्टी में धंधेबाजों के इलाज के लिए एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने ऐसे धंधेबाजों को ट्रैक करने के लिए 06 सदस्यीय टीम गठित कर दी है।
इस दौरान एमडीडीए उपाध्यक्ष तिवारी की ओर से जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि ऑनलाइन माध्यम से फ्लैट की बिक्री से लेकर प्लाटिंग और लेआउट पास कराए जाने की भ्रामक सूचनाएं भी प्रसारित कराई जा रही हैं। इस खेल में भूमाफिया से लेकर साइबर ठग भी शामिल हो सकते हैं। जिनका उद्देश्य भोलेभाले नागरिकों की गाढ़ी कमाई को लूटना होता है। ऐसे व्यक्तियों को ट्रैक करने के साथ ही उन पर कार्रवाई के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। यह टीम इंटरनेट मीडिया के सभी संभावित माध्यम पर निगरानी रखेगी और धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों को चिह्नित करेगी। टीम की रिपोर्ट के आधार पर विधिक और अन्य कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उपाध्यक्ष तिवारी ने ट्रैकिंग की साप्ताहिक रिपोर्ट देने के निर्देश टीम को दिए हैं। वही, सहायक अभियंता सुधीर गुप्ता, अनु सचिव एकता अरोड़ा, अवर अभियंता प्रवेश नौटियाल, नैंसी शर्मा, सहायक लिपिक कलम सिंह बिष्ट, प्रोग्रामर नीरज सेमवाल, टीम में यह कार्मिक शामिल।
साथ ही जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया के तमाम माध्यम प्रापर्टी के अवैध बाजार से भरे पड़े हैं। यहां प्लाट से लेकर फ्लैट और मकान बेचे जा रहे हैं। गंभीर यह कि तमाम एजेंट या डीलर उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी में भी पंजीकृत नहीं हैं। ऐसे में किसी भी तरह का अहित होने पर खरीदारों को रेरा की मदद मिलने में भी बाधा उत्पन्न होती है। दूसरी तरफ जो भी प्लाट आनलाइन माध्यम से बेचे जा रहे हैं, उनमें अधिकतर में लेआउट ही पास नहीं कराया जा रहा है। यहां तक की घर बनाने के लिए कृषि भूखंड तक बेचे जा रहे हैं। जिनमें एमडीडीए नक्शा भी पास नहीं करता है। इसके अलावा भूमाफिया दूसरों की संपत्ति को भी बेचने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। ओएलएक्स तक ऐसे बाजार से भरा पड़ा है। कई ऐसे भी हैं, जो आनलाइन कारोबार के नाम पर साइबर ठगी का अवसर तलाश रहे हैं।
इस दौरान एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने निर्देश दिए हैं कि प्राधिकरण अवैध निर्माण पर सीलिंग या ध्वस्तीकरण आदि की जो भी कार्रवाई कर रहा है, उसे एमडीडीए की वेबसाइट और अधिकृत पेजेज पर अवश्य अपलोड किया जाए। ताकि जनता को पता रहे कि किसी संपत्ति पर क्या एक्शन लिया गया है। इस तरह भी नागरिकों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकता है।