3 दिवसीय नेशनल फिजियोथैरेपी कॉन्फ़्रेन्स इस बार देहरादून में शुरू। अध्यक्ष

जहाँ बिना दवा के ज्यादातर बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। डीजी शाह

 

उत्तराखंड : 9 मार्च 2024 देहरादून स्थित  हिमालयन कल्चरल सेन्टर गढ़ी केंट में इण्डियन एसोसिएशन ऑफ़ फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा 61 वी वार्षिक कान फ़्रान्स का शुभारंभ  हुआ। यह तीन दिवसीय  कार्यशाला आयोजित।

वहीं इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. विनिता शाह महानिदेशक ,चिकित्सा एवं परिवार कल्याण , उत्तराखंड एवं   दून मेडिकल कॉलेज देहरादून प्राचार्य डॉ.आशुतोष सयाना , डायरेक्टर राजकीय दून मेडिकल एवं प्रोफ़ेसर जे. कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

इस मौके पर इण्डियन एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीव झा , प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मनीष अरोड़ा, अध्यक्ष डा. एस. के त्यागी , अली ईरानी आदि मौजूद रहे।

इस दौरान मुख्य अतिथि  डीजी हेल्थ डॉ. विनिता शाह ने कहा कि राज्य के दूरस्थ स्थानों पर भी फिजियोथेरेपी सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है जल्द ही सी० एच० सी० स्तर पर भी फिजियोथेरेपिस्ट के पदों का सृजन करने का प्रस्ताव सासन को भेजा जाएगा, उन्होने प्रदेश के फ़िज़ियोथेरेपिस्ट कार्य हेतु भौतिक चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ आलोक त्यागी के कार्या को सराहा।

साथ ही प्रोफेसर आशुतोष सयाना ने बताया कि फिजियोथेरेपी चिकित्सा पद्धती आज के समाज की आवश्यकता बन गयी है उन्होने कहा की वह अपने दून मेडिकल हास्पिटल में विगत कई वर्षों से लाइफ स्टाइल क्लीनिक चलवा रहे है। इस क्लीनिक के माध्यम से लोग अपने सही रहन सहने के तरीके जान सकते है जिससे आने वाले समय में काफी बीमारियों से बचा जा सकता है।

वहीं, राजेश मौर्य ने बताया इस Conteurce के माध्यम से फिजियोथेरेपिस्ट के प्रति लोगों की जागरुकता • बढेगी, सेमिनार का उद्‌देश्य फिजियोथेरेपी विषय में विश्व पटल पर जो नये आयाम विकसित हुए है उस नये आयामों से फ़िज़ियोथरेपिस्ट एवं फिजियोथेरेपी विद्यार्थियों को अवगत कराना है।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष आलोक त्यागी ने सेमिनार में मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया और सरकार द्वारा फ़िज़ियोथेरेपी को बढ़ावा देने के लिए सरकार का आभार जताया। उन्होंने आगे बताया कि फिजियोथेरेपी के जरिए गठिया, रीढ़ की हड्डी में चोट जैसी बीमारियों का इलाज संभव है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नही होता है। आज भाग दौड़ की ज़िंदगी मे फिजियोथेरेपी आम जीवन मे अति महत्वपूर्ण हो गया है। जहाँ बिना दवा के ज्यादातर बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। अक्सर लोग फिजियोथेरेपी बीच मे ही छोड़ देते है। ऐसा करने से आपको पूरा लाभ नही मिल पाता। इसमे कई सेशन होते हैं जिन्हें पूरा करना जरूरी है। फिजियोथैरेपिस्ट की ओर से फिजियोथेरेपी चिकित्सक व छात्रों के उत्थान व जन कल्याण के कार्य निरंतर किए जाते रहे हैं, उन्हें इसी तरीके से जारी रखा जाएगा।

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