उत्तराखंड : 17 मार्च 2024, देहरादून स्थित डीएवी महाविद्यालय में जंतुविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पौड़ी लोकसभा क्षेत्र से सांसद माननीय तीरथ सिंह रावत जी ने सेमिनार के आयोजकों को भव्य समारोह हेतु शुभकामना प्रेषित की।
साथ ही उन्होंने प्रदेश में युवाओं को पर्यावरण के प्रति सजग रहने और सतत विकास की दिशा में कार्य करने हेतु आह्वान किया। उन्होंने सेमिनार के कन्वेनर डा. पुष्पेंद्र कुमार शर्मा द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में किए जाने वाले उनके अनुसंधान के लिए भी उन्हें शुभकामना प्रेषित की।
वहीं इस सेमिनार के गेस्ट ऑफ ऑनर हिमालय वैलनेस कंपनी के मुख्य निदेशक डा. सैय्यद फारूक ने सतत विकास और सतत लक्ष्यों की दिशा में किस प्रकार उनकी वैलनेस कंपनी कार्य कर रही है ।
उन्होंने प्रकाश डाला और युवाओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया। साथ ही सेमिनार में प्रोफेसर. बी.डी. जोशी, प्रोफेसर नमिता जोशी, यूसर्क वैज्ञानिक डा. भवतोष शर्मा भी उपस्थित रहे।
उन्होंने पर्यावरणीय हितों को साधने के लिए सतत विकास को अपनाने की बात पर जोर दिया। इस दौरान आमंत्रित मुख्य वक्ता जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पी. के. जोशी ने क्लाइमेट चेंज एवं ह्यूमन हेल्थ पर अपना वक्तव्य विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से आए अनुसंधानकर्ताओं, छात्रों के मध्य रखा, अन्य आमंत्रित वक्ता दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जयगोपाल शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण एवं सतत विकास पर अपना वक्तव्य रखा।
इस अवसर पर भारतीय प्राणी सर्वेक्षण देहरादून एनआरसी के साइंटिस्ट इ एवं कार्यालय प्रमुख डा. गौरव शर्मा ने पर्यावरणीय संरक्षण को ध्यान में रखकर विकास को गति देने की बात को सम्मुख रखा।
इस समारोह का संचालन प्रोफेसर रामविनय सिंह ने किया। इस अवसर पर सेमिनार में , डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सुनील कुमार, उप प्राचार्य प्रोफेसर एस. पी. जोशी एवं ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा. मनमोहन जुवांठा ने विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से आए छात्रों के सेमिनार में प्रतिभाग करने पर प्रशंसा व्यक्त की।
वहीं पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को स्वयं की दैनिक आदतों में शुमार करने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर प्राचार्य महोदय ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन कर सेमिनार के सफल संचालन हेतु शुभकामना प्रेषित की।समारोह में कुल चार सत्र हुवे जिसमें प्रथम सत्र उद्घाटन सत्र रहा, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ सत्र तकनीकी सत्र के रूप में आयोजित किए गए। द्वितीय सत्र में पोस्टर एवं तृतीय सत्र में ओरल रिप्रेजेंटेशन किए गए।