अदालत के इस फैसले को हाईकोर्ट में महापौर गामा को चुनौती देंगे! नेगी

देहरादून/उत्तराखण्ड: 03 Feb.–2024: खबर…. राजधानी से शनिवार को देहरादून स्थित  नगर निगम देहरादून में महापौर सुनील उनियाल गामा को आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले में  अपर जिला एंव सत्र न्यायालय से राहत मिल गयी है। इस मामले में RTI Activist एडवोकेट विकेश नेगी द्वारा दायर की गयी याचिका को अदालत ने निरस्त कर दिया।

वही जिसमें  अदालत ने कहा कि मामले की जांच विजिलेंस कर रही है। ऐसे में अदालत का हस्तक्षेप करना सही नहीं है। साथ ही अदालत के इस आदेश के बाद  एडवोकेट विकेश नेगी ने कहा कि विजिलेंस इस मामले की जांच में कोताही कर रही है। उन्होंने कहा कि अब इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।

वही इसी के साथ याचिका निरस्त होने के बाद एडवोकेट विकेश नेगी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी रहेगी। वह अदालत के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

इस दौरान सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सर्तकता गढ़वाल परिक्षेत्र) अंजली नौलियाल ने इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई विजिलेंस कर रही है। विजिलेंस ने अदालत में कहा कि मामले की जांच गतिमान है।

गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने अदालत में याचिका दाखिल की थी कि देहरादून महापौर  लोक सेवक थे! और उन्होंने मेयर चुनाव के अपने निर्वाचन घोषणा प्रार्थना पत्र में अपनी चल और अचल सम्पत्ति का जो विवरण जिला निर्वाचन आयोग में दिनांक 22 अक्टूबर 2018 को शपथपत्र दाखिल किया था, उसमें अपनी एक सम्पत्ति छिपाई है।

 वही इसी के साथ  अभियुक्त संख्या-1 ने मेयर बनने के बाद अपने व अपने परिवार के सदस्यों के नाम चल-अचल सम्पत्ति अवैध रूप से अर्जित की जो उनकी आय से कही अधिक हैं। यह भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियमों के तहत संज्ञेय अपराध है।

इस मामले में एडवोकेट विकेश नेगी ने महंत देवेंद्र दास को भी आरोपी बनाया है कि किस तरह से उन्होंने कर से बचने के लिए देहरादून महापौर   गामा को ट्रस्ट की तीन जमीनों को लीज पर दे दिया।

बता दे कि  वही इस पर मेयर गामा ने बताया था कि   मैंने 18 साल की उम्र से काम शुरू किया। इसके बाद 2012 तक कुछ संपत्तियां ली। ठेकेदारी अच्छी चलती थी लेकिन नगर निगम बनने के बाद मैंने निकाय में ठेकेदारी छोड़ दी। मेयर बनने के बाद मैंने अपने तमाम लाइसेंस भी निरस्त करवा दिए।2012 के बाद मैंने कुछ संपत्तियां खरीदी। 2017 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में ढाई करोड़ तक की संपत्तियां दिखाई थी। उनमें से मैंने अपनी कई संपत्तियां बेची और संपत्तियों की दरें बढ़ी। जिसका केवल मुझे ही नहीं सबको फायदा हुआ। जब कुछ संपत्तियां बेची हैं, तो कुछ खरीदी भी हैं।  2012 के बाद मैंने कुछ संपत्तियां खरीदी। 2017 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में ढाई करोड़ तक की संपत्तियां दिखाई थी। उनमें से मैंने अपनी कई संपत्तियां बेची और संपत्तियों की दरें बढ़ी। जिसका केवल मुझे ही नहीं सबको फायदा हुआ। जब कुछ संपत्तियां बेची हैं, तो कुछ खरीदी भी हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!