मां दुर्गा अपनी सवारी के रूप में हाथी पर सवार होकर आ रही हैं

उत्तराखण्ड : 18 मार्च 2025 ,देहरादून। चैत्र नवरात्रि का पर्व एक विशेष अवसर होता है, जब हम मां दुर्गा की पूजा करके अपने जीवन को शुद्ध और समृद्ध बना सकते हैं। इस दौरान व्रत रखने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि मानसिक और शारीरिक शांति भी मिलती है। इस पर्व को विधिपूर्वक मनाएंगे, तो निश्चित ही मां दुर्गा की कृपा आपके जीवन में बनी रहेगी। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया की चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर साल खासतौर पर मां दुर्गा की पूजा और व्रत के लिए मनाया जाता है।

इस साल चैत्र नवरात्रि का आरंभ 30 मार्च 2025, रविवार को हो रहा है और यह 6 अप्रैल 2025, रविवार तक चलेगा। इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन पड़ रहे हैं, इसलिए चैत्र नवरात्रि 8 दिन की होगी। चैत्र नवरात्रि विशेष रूप से मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने का समय है। इस दौरान नवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। मां दुर्गा की पूजा से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि यह शरीर और आत्मा को भी शुद्ध करती है।

चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस साल एक विशेष बात है जो इसे और भी खास बना रही है। इस बार मां दुर्गा अपनी सवारी के रूप में हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। हिन्दू धर्म में देवी दुर्गा की सवारी का विशेष महत्व होता है, और इस बार उनका हाथी पर सवार होना विशेष शुभ संकेत माना जा रहा है। हाथी को भारतीय संस्कृति में शांति, स्मृति, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस सवारी का मतलब यह है कि यह समय देश में शांति और समृद्धि का आगमन लेकर आएगा।

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त :- कलश स्थापना नवरात्रि की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इस दौरान विशेष मुहूर्त में कलश स्थापना करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
कलश स्थापना के लिए मुहूर्त :-
पहला मुहूर्त :-
30 मार्च 2025, सुबह 06:13 बजे से 10:22 बजे तक।
दूसरा मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त):-
30 मार्च 2025, दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक।

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