उत्तराखण्डः 03 NOV. 2024, रविवार को भैया दूज के पावन अवसर पर उत्तराखण्ड में विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा के तहत रविवार सुबह विधि-विधान के साथ कपाट बंद होने के बाद सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ बाबा की पंचमुखी विग्रह मूर्ति शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर चुकी है। वही इस शुभ अवसर के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक, द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक पावन श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। शिव शंभू से आप सभी के सुख-समृद्धि और आरोग्यपूर्ण जीवन की कामना करता हूं।
वही इस मौके पर सैकड़ों तीर्थयात्री कपाट बंद होने के गवाह बने इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊं नम् शिवाय के उदघोष से केदारनाथ गूंज उठा। कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।आज पहले पड़ाव रामपुर में रात्रि डोली प्रवास करेगी ।
आज भैया दूज पर रविार के दिन भोर काल में बाबा केदारनाथ मंदिर खुलने के बाद विधि-विधान के साथ 4:00am बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हुई। मुख्य पुजारी भीम शंकर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया। ज्योर्तिलिंग को बाघांबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों आदि से ढ़क दिया गया।
इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आव्हान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया।कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था।भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के जयकारों के साथ डोली के साथ धाम से रवाना हुए। अब अगले छह माह बाबा के दर्शन श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होंगे।