ISIS का भारत प्रमुख देहरादून का फारूकी NIA का वांटेड, चढ़ा पुलिस के हत्थे! SSP

उत्तराखंड:21 मार्च 2024, प्राप्त जानकारी के अनुसार असम/गुवाहाटी में देहरादून का रहने वाला आरोपी हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी अभियुक्त को गिरफतार किया।

यह आरोपी आईएसआईएस के भारत प्रमुख और उसके एक सहयोगी को बांग्लादेश से सीमा पार करने के बाद बुधवार को असम के धुबरी जिले में गिरफ्तार किया गया। उन्हें एक गुप्त सूचना पर विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा धर्मशाला क्षेत्र से पकड़ा गया। असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणबज्योति गोस्वामी ने यह जानकारी दी।

साथ ही उन्होंने बताया कि पकड़े गए दोनों लोगों की पहचान की गई और पता चला कि देहरादून का रहने वाला आरोपी हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी भारत में आईएसआईएस का प्रमुख है। इन दोनों आरोपियों को NIA ने भी वांटेड लिस्ट में डाला था। फारूकी देहरादून के चकराता जौनसार कत्र का  रहने वाला है।

देहरादून के एसएसपी ने बताया कि असम से पकड़ा गया आईएसआईएस के एजेंट हासिम फ़ारूक़ी का राजधानी देहरादून से कनेक्शन निकल है। वह यहाँ के रहने वाले एक यूनानी हकीम का बेटा बताया जा रहा है। हालाँकि, स्थानीय इंटेलिजेंस और पुलिस के अनुसार वह बीते दस साल से देहरादून नहीं आया है। केंद्रीय एजेंसी कई बार उसके बारे में जानकारी करने देहरादून आ चुकी हैं। बताया जा रहा है कि उसका पिता भी कई दिनों से ग़ायब है। हालाँकि इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है।

उन्होंने बताया की पानीपत निवासी उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान ने इस्लाम धर्म अपना लिया था , जबकि उसकी पत्नी बांग्लादेशी नागरिक है। ये दोनों भारत में आईएसआईएस के अत्यधिक प्रशिक्षित और प्रेरित नेता/ सदस्य हैं। उन्हें गुवाहाटी में एसटीएफ कार्यालय लाया गया।

असम के धूबरी जिले में गिरफ्तार आईएसआईएस के भारत प्रमुख देहरादून निवासी हैरिश फारूकी को लेकर एसएसपी देहरादून ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार फ़ारूक़ी पिछले 10 से 12 वर्षो देहरादून नहीं आया है. जांच पड़ताल में पता चला कि वह एक दशक पहले वहाँ पढ़ाई के लिए वहां गया था तब से वह देहरादून वापस नहीं लौटा है।

. वहीं जिसमें अभियुक्त फ़ारूक़ी को लेकर पूर्व में कई बार इंटेलिजेंस और संबंधित एजेंसी द्वारा उसके बारे में जब-जब इनपुट मिलता था,उसी के आधार पर देहरादून पुलिस द्वारा लगातार उसके देहरादून निवास जाकर सत्यापन किया.। हर बार के सत्यापन में पता चला कि वर्षों से वह देहरादून वापस नहीं आया है।

अपने एक बयान में कहा कि उन्होंने पूरे भारत में कई स्थानों पर आईईडी के माध्यम से भर्ती, आतंकी फंडिंग और आतंकी कृत्यों को अंजाम देने की साजिशों के माध्यम से भारत में आईएसआईएस के उद्देश्य को आगे बढ़ाया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके खिलाफ एनआईए, दिल्ली, एटीएस और लखनऊ सहित अन्य स्थानों पर कई मामले लंबित हैं।

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