अयोध्या से देश-विदेश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों को इस संबंध में निमंत्रण!

500 साल बाद अपने जन्मस्थान लौटेंगे प्रभु श्री राम

उत्तर प्रदेश /उत्तराखण्ड: 13 Nov.–2023:  मिली  जानकारी के अनुसारअयोध्या में जनवरी 2024 ,को  रामलला अपने मंदिर में विराजमान भी हो जाएंगे।  इन सब के बीच अयोध्या की कनेक्टिविटी को भी लगातार अपग्रेड किया जाऐगा।  श्रीराम की नगरी में अलग-अलग पथों के जरिए फोर लेन कनेक्टिवी प्रदान की जा रही है ! योगी सरकार कराने की तैयारी में जुट गई है ।  उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आह्वान पर हम देश-विदेश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों को इस संबंध में निमंत्रण देंगे। राम लला का अभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

वही , भारत की आजादी का अमृत काल चल रहा है, इसलिए यह आवश्यक है कि दुनिया भर से संपूर्ण हिंदू समाज इस ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हो।  वही, भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में रामलला का मंदिर लगभग बनकर तैयार है. जनवरी 2024 में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम प्रस्तावित है. श्री राम जन्मभूमि के 70 एकड़ के परिसर में सात मंदिर दिखाई देंगे. इसमें उत्तर दिशा में अन्नपूर्णा, दक्षिण में हनुमान और ऋषि-मुनियों के मंदिर भी देखने को मिलेंगे

अयोध्या में सभी राम भक्तों को एक ही दिन अयोध्या नहीं बुलाया जा सकता, इसलिए हमारा आह्वान है कि दुनिया भर के हिंदू अपने मोहल्ले या गांव में बने मंदिर को ही अयोध्या मानें और वहां एकत्रित होकर वहां की परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करें। वही इसी के साथ पूज्य संतों द्वारा दिए गए ‘विजय महा मंत्र’ “श्री राम जय राम जय जय राम” का जाप करें। अयोध्या के भव्य दिव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखें, प्रार्थना और आरती करें और प्रसाद बांटने के लिए हाथ मिलाएं और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आनंद लें।

आगामी जनवरी 2024, में अयोध्या में सभी हिंदुत्व परंपराओं के लगभग 4000 प्रमुख संत, विहिप के प्रमुख पदाधिकारी और देश के वरिष्ठ सामाजिक, सांस्कृतिक और रचनात्मक नेतृत्व भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि हम दिवाली भगवान श्री राम के 14 साल बाद अयोध्या लौटने का जश्न मनाते हैं, लेकिन 22 जनवरी 2024 को दुनिया दूसरी दिवाली मनाएगी जब राम जी 500 साल बाद अपने जन्मस्थान पर लौटेंगे।

गौरतलब  कि अयोध्या में 1984 से चल रहे श्री राम जन्मभूमि को मुक्त कराने के अभियान में लाखों हिंदुओं ने भाग लिया है। इस उद्देश्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कई मुक्ति योद्धा अब इस दुनिया में नहीं हैं, और उनके परिवार उन्हें देखना चाहते होंगे। उनके सपने की पूर्ति. इस उद्देश्य से विहिप ने देश को 45 प्रांतों में वर्गीकृत किया है!  इस मौके पर अयोध्या में  प्रत्येक प्रांत से 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच एक निश्चित दिन पर अयोध्या आने का अनुरोध किया है। लगभग 1 लाख लोगों के दर्शन की व्यवस्था की गई है।

इस मौके पर प्रत्येक हिंदू परिवार से 22 जनवरी 2024 की शुभ रात्रि में कम से कम 5 दीपक जलाने और उसके बाद किसी भी दिन परिवार और दोस्तों के साथ अयोध्या आने का आह्वान किया। विश्व हिंदू परिषद को विश्वास है कि राम जी का यह मंदिर दुनिया भर के हिंदुओं के बीच सद्भाव, एकता और स्वाभिमान का प्रसार करेगा और एक राष्ट्रीय मंदिर के रूप में उभरकर भारत को परम वैभव की ओर ले जाएगा।

वही जिसमें दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 5 नवंबर 2023 को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पवित्र ‘अक्षत’ (पीले चावल) कलश को संगठन की संरचना के अनुसार गठित 45 प्रांतों में भेजा गया है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आह्वान पर इस निमंत्रण को लेकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर 1 से 15 जनवरी 24 के बीच देश के शहरों और गांवों में हिंदू परिवारों से मुलाकात करेंगे।

 वही इसी के साथ अब तक का आकलन है कि दुनिया भर के 5 लाख से ज्यादा मंदिरों में यह आयोजन जरूर होगा और लाखों हिंदू इसमें हिस्सा लेंगे। इस बार हम समाज में कुछ मांगने नहीं जा रहे हैं। अत: इस कार्य में लगी टीमें अथवा कर्मी किसी भी प्रकार का उपहार, दान अथवा अन्य सामग्री स्वीकार नहीं करेंगे। ऐसा ही एक कार्यक्रम विदेशों में रहने वाले हिंदुओं के लिए भी आयोजित किया गया है।  राम मंदिर में दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को 70 एकड़ के जन्मभूमि परिसर में सात मंदिर और दिखाई देंगे।  इसमें भगवान हनुमान, अन्नपूर्णा, माता शबरी, महर्षि वाल्मीकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, अगस्त मुनि निषाद राज और जटायू के मंदिर होंगे। मुख्य मंदिर के चारों और परकोटा बनाया जाएगा।

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