ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाए जाने पर भड़के अमेरिका के पूर्व NSA

 पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने भी डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की

न्यूज डेस्क/नई दिल्ली।उत्तराखंड: 31 अगस्त 2025, रविवार को  जानकारी के अनुसारट्रंप प्रशासन द्वारा भारत से निर्यातित वस्तुओं पर 50ः टैरिफ लगाना, रूस से भारत के कच्चे तेल आयात के जवाब में, एक संकीर्ण और असंगत नीति को दर्शाता है। भारत की आलोचना की जा रही है जबकि चीन, जापान, तुर्की और यूरोपीय संघ के कई देश रूस से कहीं अधिक तेल आयात कर रहे हैं। यह चयनात्मक रवैया इस टैरिफ को अनुचित और राजनीतिक रूप से प्रेरित बनाता है।

वही जिसमें  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध सही नहीं चल रहे हैं। ट्रंप के फैसलों का जितना विरोध भारत में हो रहा है, उससे ज्यादा नाराजगी उन्हें अमेरिका में झेलनी पड़ रही है। अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने भी डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की है।

साथ ही  सुलिवन ने ट्रंप पर आरोप लगाया है कि उनके बेतुके फैसलों की वजह से भारत के साथ बीते कई वर्षों में डेवलप किए गए संबंध खतरे में पड़ गए है। उन्होंने कहा कि ट्रंप अपने हरकतों की वजह से भारत को चीन की तरफ धकेल रहे हैं। उन्होंने इसे अमेरिका के हितों के विपरीत बताया।

इस दौरान बाइडन कार्यकाल में एनएसए थे सुलिवन जैक सुलिवन दरअसल जो बाइडेन के समय अमेरिका के एनएसए थे। टिम मुलर के साथ एक पॉडकास्ट में सुलिवन ने भारत और अमेरिका के संबंधों पर विस्तृत चर्चा की। सुलिवन ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसके साथ हम मजबूत और टिकाऊ द्विपक्षीय संबंध बनाने के लिए सालों से काम कर रहे थे।

साथ ही सुलिवन ने कहा कि हमारे सामने चीन एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उल्टा भारत के खिलाफ ही अभियान छेड़ दिया। सुलिवन ने कहा कि इस कारण अब भारत चीन के साथ अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश में जुटा है। उन्होंने यह भी कहा कि आज अमेरिका के सहयोगी देश हमें एक विघटनकारी देश के रूप में देखते हैं।

सुलिवन ने ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि हमारे सहयोगी देश ही मानते हैं कि अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज चीन वैश्विक स्तर पर मौजूद है, लेकिन हमारे अमेरिकी ब्रांड टॉयलेट में नजर आते हैं। बता दें कि यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और अमेरिका के रिश्ते अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।

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