करनपुर से गाजे बाजे के साथ मॉ दुर्गा को विदा किया, दशमी में गंगा जी में प्रतिमाओं का विजर्सन!

उत्तराखण्डः 13 अक्टूबर 2024, रविवार को को देहरादून / राजधानी स्थित  हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का बहुत ही खास महत्व है। इस नवरात्रि का समापन दशहरा के दिन किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की विदाई की जाती है। शारदीय नवरात्रि का समापन हो चुका है अब आज विजयादशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन होगा. जानें दुर्गा विसर्जन कैसे करें, क्या है शुभ मुहूर्त, नियम.मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद विजयदशमी की पूजा की जाती है और उसके बाद मां दुर्गा की विदाई विधिवत की पूजा की जाती है।

बता दे कि 11 अक्टूबर को नवमी और कन्यापूजन के साथ समापन हो गया। इसके बाद अगले दिन विजयदश्मी के दिन 12 अक्तूबर 2024 को  गंगा जी में दुर्गा माता का विसर्जन किया गया।विसर्जन से पूर्व महिलाओं द्वारा सिंदूर खेला की रस्म अदा की गई. महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर सिंदूर खेला और अपने पति की लंबी आयु की कामना करते हुए माता को विदा किया. हालांकि यह क्षण थोड़ी देर के लिए भावुक था. सिंदूर खेला के बाद शोभायात्रा निकाली गई।

देहरादून स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर करनपुर बाजार में बजरंग सेवा समिति द्वारा आयोजित 34वीं दुर्गा पूजा महोत्सव का आज 12 अक्तूबर 2024 को  संपन्न हुई। वही इसी के साथ करनपुर बाजार पंडाल में बजरंग सेवा समिति द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमाओं की शोभायात्रा धूमधाम के साथ विशेष ढोलबाजों के साथ निकल गई । समिति के मीडिया प्रभारी सोमपाल सिंह ने बताया कि आज दशमी के दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं के साथ श्री गणपतिए श्री कार्तिक भगवान, लक्ष्मी माता, व मॉं सरस्वती देवी की प्रतिमाओं को आज शाम को हरिद्वार स्थित शर्मानंद घाट पर गंगा जी में  पूजा विधि विधान के साथ विसर्जन किया गया।

वही  इस अवसर पर बजरंग सेवा समिति के वर्तमान अध्यक्ष रवि कुमार गोलू एवं सनी मेहरा, चेतन दीवान, जितेंद्र साहनी, मीडिया प्रभारी सोमपाल सिंह, जितेंद्र नायर, मनोज पाराशर, प्रवीण चावला बंटी, सुभाष वासुदेव, करनपुर पार्षद प्रमिला कोली, लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रधान सुरेश दुसेजा, सुभाष वासूदेव,आदि सैकड़ो की संख्या में भाग जान साक्षी बने।वही  पंडित शास्त्री गिरीश चंद सेमवाल के द्वारा दुर्गां पूजा संपन्न कराई गई।

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