डीजी ऑफिस में आए अनुभवी स्वास्थ्य कर्मी हाजरी के बाद कह रहे जाए तो जाए कहां..?

दून मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में अनुभवी कर्मचारियों के जाने से अस्पताल में संकट के बादल!

देहरादून/उत्तराखण्ड: 05 JUNE.. 2023, खबर… राजधानी से सोमवार को देहरादून स्थित सूबे के सबसे बड़े  राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के जाने से अस्पताल में संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड द्वारा करीब 200 से अधिक स्वास्थय कर्मचारियों जिसमें फार्मेसिस्ट, नर्सिंग अधिकारी एवं वार्ड बॉय व अन्य कर्मचारियों को दून अस्पताल से भेज कर सीधा डीजी स्वस्थ महानिदेशालय ऑफिस में फिलहाल अटैच कर दिया गया है। जब तक इनकी कही और व्यवस्था नहीं होती। ये सभी स्वास्थ्य कर्मी डीजी आफिस में ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे है। वही दून अस्पताल में स्टाफ की कमी होने से मरीजों को तो परेशानी हो ही रही है।

वही साथ में अस्पताल/मेडिकल कालेज के अन्य कार्यों में भी परेशानी खड़ी हो रही है। बताया जा रहा है कि दून अस्पताल से भेजे गए स्वस्थ विभाग में कर्मचारियों के स्थान पर नए संविदा कर्मी एवं अन्य कर्मी तैनात किए हैं। उनकी जगह पर नऐ कर्मीयों को उन्हें काम करने में कई परेशानियां कार्यो को समझने में दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान दून अस्पताल के कई सीनियर कर्मचारियों एवं फार्मासिस्टों द्वारा पता चला है कि दून अस्पताल में कार्डियक टेक्निशियन एक ही है और वह भी अस्पताल में स्वस्थ विभाग के अधीन है। इसी के साथ उनका भी तबादला होने वाला है ।

इस दौरान अन्य स्टाफ संविदा पर हैं। संभवत उनसे ही जैसे-तैसे काम लिया जा रहा है। लेकिन उन्हें भी काम करने एवं समझने में समय लग रहा है। साथ ही काम को वह समयनुसार गति नहीं मिल रही है जो पहले स्वस्थय कर्मियों के अनुभव से मिल रही थी। सूत्रो की माने तो पिछले 1 महीने से दून अस्पताल के कई विभागों में बड़ी संख्या में स्वस्थय कर्मियों के चले जाने से दिक्कतों का सामना सभी को करना पड़ रहा है। अगर बात करें दून अस्पताल प्रशासन की तो प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वस्थय मंत्री उत्तराखंड सरकार ने निर्देश दिए हैं कि जिन पदों पर स्टाफ की कमी है, उन पदों को जल्द ही भरकर कमियों को दूर किया जाएगा।

वही, इसी के साथ दून मेडिकल कालेज अस्पताल के प्राचार्य डॉ0 आशुतोष सयाना की ओर से यह कहा गया है कि हमारे पास अस्पताल में स्वस्थय स्टाफ की कमी नहीं हो रही है। वही जिसमें कोविड काल में निकाले गए कुछ कर्मियों को रिक्त पदों पर भर्ती किया जा रहा है। जिसमें अभी फिलाहल चतुर श्रेणी के पद खाली है। उन्हें भरने की तैयारी हो रही है। इस पर कुछ फार्मेसिस्ट ने बताया कि कई वर्षों से दून मेडिकल कालेज अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे। जिन्हें अब दून अस्पताल से हटाकर स्वस्थय महानिदेशालय कार्यालय में अटैच कर दिया है। और उनके स्थान पर नए संविदा कर्मी के रूप में या फिर नए स्टाफ को नियुक्त किया है। जिसे नये आये कर्मीयो को अभी काम पूर्ण रूप से समझ में नहीं आ रहा है।

वही जिसमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों की माने तो जिन स्वस्थ कर्मियों का स्थानांतरण स्वास्थ्य महानिदेशालय विभाग में किया है। वह पिछले 1-.2 महीने से अपनी हाजिरी वही लगा रहे हैं। वही, इन्हें अभी तक कोई मूल तैनाती या कोई जिला अस्पताल नहीं मिला है। हैरानी की बात है पीछले 2 महीने से डीजी कार्यालय में करीब 200 से अधिक स्वास्थ्य कर्मी अपनी हाजरी लगाकर वही इधर.उधर भटक रहे हैं। वही सरकार अपने दावे ठोक रही है की अस्पतालों में की व्यवस्था और कर्मचारियों की कमी में कोई कसर नहीं की गई है!

साथ ही किसी को कोई परेशानी नहीं हो रही है। देखने वाली बात यह है कि इन कर्मचारियों को दून अस्पताल से डीजी कार्यालय में भेज कर कहां-कहां आगे किस-किस जगह पर इन कर्मियों को भेजा जाएगा। वहीं कर्मचारियों एवं कुछ फार्मेसिस्टो  का कहना है कि अब तक हमको मूल विभाग में तैनाती नहीं मिली है जल्द ही किसी अन्य अस्पतालों में तैनानी होने की उम्मीद है। जिसका चिंतन सभी कर्मचारी कर रहे हैं।

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