EXCLUSIVE NEWS: अब धाम में विशाल कांसे का भव्य ॐ से यहां की शोभा में चार चांद लग जायेंगे।
केदारनाथ धाम में 50 टन वजनी कांसे का भव्य ऊं की आकृति स्थापित!
चमोली/रुद्रप्रयाग. प्राप्त जानकारी के मुताबिक केदारनाथ धाम को संवारने का काम तेजी से चल रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत जहां पहले चरण में मंदिर परिसर के विस्तार के साथ ही मंदिर मार्ग और गोल प्लाजा का निर्माण किया गया था। वहीं, अब दूसरे चरण का काम चल रहा है। इसके तहत केदारनाथ धाम के गर्भगृह, दीवारों सहित छत को 550 सोने की परतों से संवारा गया था।
वही इस दौरान केदारनाथ धाम में 60 क्विंटल वजनी कांसे का भव्य ऊं की आकृति स्थापित की जा रही है, ओम की आकृति गोल प्लाजा में स्थापित की जा रही है। वही इस आकृति का वजन पांच टन है और गुजरात के आर्टिस्टों की तरफ से इसको तैयार किया गया है। जबकि यह 60 क्विंटल की आकृति गुजरात के बड़ौदा बनीहै। है। इस ॐ की आकृति को पूरी तरह से लाइटों से भी सजाया जाएगा। लाइटों से सजने के बाद यह रात के समय बेहद आकर्षित होगा। वही जिससे इस धाम की शोभा में चार चांद लग जायेंगे। वही इसी के साथ केदारनाथ में अब केदारबाबा के दर पर मत्था टेकने वाले तीर्थयात्री तथा श्रद्धालु संगम घाट के निकट आकृति के दर्शन भी कर पाएंगे।
चमोली/रुद्रप्रयाग. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और लोनिवि ने हाइड्रा मशीन की मदद से ऊं आकृति को गोल प्लाजा में स्थापित करने के लिए ट्रायल किया, जो कि पूरी तरह से सफल रहा. तो वही लगभग एक सप्ताह के भीतर ऊं आकृति को स्थायी रूप से मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। इस दौरा कार्यदायी संस्था के ईई विनय झिक्वांण ने बताया कि ऊं की आकृति को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए इसके चारों तरफ से तांबे से वेल्डिंग की जाएगी। साथ ही बीच के हिस्से के साथ ही किनारों को भी सुरक्षित किया जाएगा। जिससे बर्फबारी के समय में इसे किसी भी तरह का नुकसान न हो। केदारनाथ धाम की भव्यता बढ़ाने के लिए केदारनाथ मंदिर के ठीक आगे बनाए गए चबूतरे में भगवान शिव के अति प्रिय ॐ चिन्ह की आकृति को स्थापित किया जा रहा है।