EXCLUSIVE NEWS: नकल विरोधी अध्यादेश को मिल गई मंजूरी ! …बनाये कड़े कानून!

देहरादून/उत्तराखण्ड:10-FEB.. 2023, खबर… राजधानी से आज शुक्रवार को आज सचिवालय में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मीडीया से बातचीत करते हुए कहा कि हम किसी भी कीमत पर छात्रों का हित चाहते हैं। वही जिसमें जिन भी परीक्षाओं में गड़बड़ियां पाई गईं है। वही उत्तराखण्ड सरकार ने उन्हें तत्काल रद्द कर दिया और नई तिथि घोषित की। साथ ही जिसमें अभ्यर्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में परीक्षा के लिए आने पर निशुल्क व्यवस्था की इस दौरान परीक्षा शुल्क भी नहीं लिया गया।

उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में विभिन्न परीक्षा ;भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय अध्यादेश 2023 नकल विरोधी कानून को सबसे पहले प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए नकल विरोधी अध्यादेश को मंजूरी दी थी। और इसके बाद राजभवन राज्यपाल महोदय को भेजा गया । वही जिसमें राज्य सरकार के इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं। वही सूत्रो के मुताबिक आज राज्यपाल उत्तराखण्ड के द्वारा इस नकल अध्यादेश कानून को मंजूरी मिल गई है। इस दौरान उत्तराखण्ड सरकार ने प्रदेश में होने वाली कई परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर कड़े कानून बनाये हैं।

वही जिसमें यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया हैण् इसके साथ ही ऐसे मामलों में अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की भी कुर्की की जायेगीण् इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध गैर जमानती होगा। वही इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि नकल अध्यादेश को लेकर हमने कैबिनेट बैठक न होने के बावजूद हमने नकल विरोधी अध्यादेश को विचलन से राज्यपाल उत्तराखण्ड को भेज दिया है। यह भी तय कर दिया है कि अब जितनी भी परीक्षाएं होंगी, उन सभी में कानून लागू होगा। सबसे सख्त कानून जो हो सकता है, वो हमने बनाने का काम किया है।

इस कानून के तहत आजीवन कारावास तक की सजा के अलावा दस करोड़ रुपये तक के जुर्माने के सख्त प्रावधान किए गए हैं। वही आज शुक्रवार को मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल उत्तराखण्ड की ओर से नकल अध्यादेश कानून को मंजूदी दे दी गई है। इस दौरान सूत्रो के मुताबिक नियमों के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान आदि किसी भी रूप में अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है ,तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा और इसी के साथ 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

वही यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वही साथ ही यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए 3 साल के कारावास व न्यूनतम 5 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में अब जितनी भी भर्ती परीक्षाएं होंगी उन सभी में नया नकल विरोधी कानून लागू होगा। इस कानून में जुर्माने और सजा का बहुत कठोर प्रावधान किया गया है।

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