डॉ. आर्या व ऐरन ने होली पर दिए त्वचा व अंगो के सुरक्षित टिप्स !

देहरादून/उत्तराखण्ड: 06 MARCH.. 2023, खबर… राजधानी से सोमवार को  इस साल होलिका दहन 7 मार्च 2023 को है, और इसके अगले दिन 8 मार्च 2023 को रंगोत्सव मनाया जाएगा। इस बार की होली काफी उत्साहवर्धक है। इस दिन हिन्दू धर्म के लोग विभिन्न रंग और गुलाल के साथ होली खेलते हैं!  सुबह से दोपहर तक हर एक व्यक्ति रंग में रंग बिरंगा नजर आता है,  जहां हम रंगों के साथ होली पर्व को बड़े हर्सोल्लास के साथ मनाते हैं।  प्राप्त जानकारी में इस बार की लोग होली बच्चे हर्बल रंगों बड़े धूमधाम से मनाएगें। वही कुछ बच्चे तो घर पर ही रंग तैयार कर होली में अपने दोस्तों को रंग में रंगने के लिए तैयारी कर चुके हैं। कुछ बच्चे तो घर पर ही रंग तैयार कर होली में अपने दोस्तों को रंग में रंगने के लिए तैयारी कर चुके हैं।

होली वैसे तो रंगों का त्योहार है लेकिन सनातन धर्म में होली के पर्व का विशेष धार्मिक महत्व है। वही इस पर्व में सभी को सावधानी पूर्वक होली खेलना चाहिए। वही देहरादून के जिला अस्पताल गांधी नेत्र चिकित्साल के वरिष्ठ चर्मरोग विशेषज्ञा डॉ0 अनिल आर्या ने रंगो से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के विषय मे जानकारी दी। वही, होली में त्वचा को सुरक्षित रखने एवं चेहरे की सुंदरता को कैसे कायाम रखे इसके लिए भी डॉ0 आर्या की ओर से कुछ विशेष सावधानियों के साथ होली खेले।

वही जिसमें चर्मरोग विषेशज्ञ डॉ0 अनिल आर्या ने बताया कि  आजकल बाजार में होली के त्योहार पर केमिकल और हर्बल युक्त रंग और गुलाल दोनो ही उपलब्ध है। वही, इस केमिकल युक्त रंगों में अधिकतर शरीर के लिए नुकसान दायक तत्व मिले होते है। इसलिए इनका इस्तेमाल जितना हो सके कम करना चाहिए। डा. आर्या के अनुसार इस बार की होली पर हर्बल रंग लगाने से दूसरों की स्कीन का भी नुकसान नहीं होगा।

होली में कैमिकल और सिन्थैटिक रंगो के असर से व्यक्ति के स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है। उन्होंने होली के त्योहार पर बाजार से मिलने वाले रंग और गुलाल की अपेक्षा घर पर ही तैयार कर रंगों से होली खेने की सलाह दी है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि बाजार में मिलने वाले रंग हानिकारक केमिकल मिलाकर बनाये जाते हैं। जिनका सीधा असर शरीर की त्वचा से लेकर भीतर के अंदरूनी हिस्सों पर भी पड़ता है। डॉ0 आर्या ने कहा कि होली खेलने से पहले सभी को अपने हाथों, बालों, पैरों पर सरसों या नारियल का तेल या लोशन को लगाएं। इससे व्यक्ति के शरीर पर कैमिकल रंगो का असर नहीं होता और होली के बाद शरीर पर लगे रंग निकलने में आसानी रहती है।

साथ ही उन्होने कहा कि शरीर से रंग उतारने के लिए पैट्रोल, मिट्टी का तेल आदि खतनाक चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर होता है। आर्या ने कहा खुब होली खेले लेकिन सुरिक्षत होली खेले।

वही इसी के साथ जिला अस्पताल देहरादून के महशूर वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ0 कुश ऐरन ने कहा कि होली पर्व रंगों का त्योहार है लेकिन सनातन धर्म में होली के पर्व का विशेष धार्मिक महत्व है। वही, इस साल होलिका दहन 7 मार्च 2023 को है, और इसके अगले दिन होली रंगो की खेली जाएगी। लेकिन इससे पहले सभी को विषेश सावधानी भी रखना जरूर है!  साथ ही डॉ. कुश ऐरन ने कहा अगर कही होलिका दहन की आग से शरीर का अंग जल जाए तो घराएं नही पहले तो पानी का खूब इस्तमाल कीजिए।

 होलिका दहन की आग यदि आपके कपड़ो में आग लग जाए तो भागे नहीं, इससे आग और भड़केगी। वही, ज़मीन पर लेट जाए और उलट पलट रोल करें। किसी कम्बल, कोट या भारी कपड़े से ढक कर आग बुझाएं। साथ ही ध्यान रहे आग से जलने पर कभी भी इधर.उधर न भागें, न ही बाहर या छत पर जाएं। पानी का खूब इस्तमाल कीजिए,  डॉ. कुश ऐरन की ओर से आप सभी होली पर्व रंगोत्सव को खूब अच्छी तरह खेले एक दुसरे से गले मिले, शिकवे दूरकरे सुरक्षित होली खेले इसी के साथ सभी को होली की शुभकामनाएं।   और इसी के साथ कैमिकल रंगो से बचे ओरो को भी बचाएं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.