पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल? पहले वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!

देहरादून/उत्तराखण्ड: 01-APRIL.. 2023, खबर… राजधानी से शनिवार को आज भारत के सभी लोग अपनी ही संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल डे मना रहे   है। इस जानकारी को इतना फैलाओ कि कोई भी इस आने वाली 01 अप्रैल से मूर्खता का परिचय न दे और और अंग्रेजों द्वारा प्रसिद्ध किया गया ये हिंदुओं का मजाक बंद हो जाये । मिली ताजा आज  01 अप्रैल  की वायरल खबर…. अप्रैल फूल” किसी को कहने से पहले इसकी वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!!

वही इस  पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस कह रहे हो !! पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल (अप्रैल फुल का अर्थ है – हिन्दुओ का मूर्खता दिवस).?? ये नाम अंग्रेज ईसाईयों की देन है… मुर्ख हिन्दू कैसे समझें “अप्रैल फूल” का मतलब बड़े दिनों से बिना सोचे समझे चल रहा है!  वही इस अप्रैल फूल, अप्रैल फूल ?इसका मतलब क्या है.?? दरअसल जब ईसाइयत अंग्रेजो द्वारा हमे 1 जनवरी का नववर्ष थोपा गया तो उस समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार 01 अप्रैल से अपना नया साल बनाते थे, जो आज भी सच्चे हिन्दुओ द्वारा मनाया जाता है, आज भी हमारे बही खाते और बैंक 31 मार्च को बंद होते है और 01 अप्रैल से शुरू होते है, पर उस समय जब भारत गुलाम था तो ईसाइयत ने विक्रमी संवत का नाश करने के लिए साजिश करते हुए 01 अप्रैल को मूर्खता दिवस “अप्रैल फूल” का नाम दे दिया ताकि हमारी सभ्यता मूर्खता लगे अब आप ही सोचो अप्रैल फूल कहने वाले कितने सही हो आप.?

याद रखो अप्रैल माह से जुड़े हुए इतिहासिक दिन और त्यौहार…

1. हिन्दुओं का पावन महिना इस दिन से शुरू होता है
(शुक्ल प्रतिपदा)
2. हिन्दुओ के रीति -रिवाज़ सब इस दिन के कलेण्डर
के अनुसार बनाये जाते है।
3. आज का दिन दुनिया को दिशा देने वाला है।

अंग्रेज ईसाई, हिन्दुओ के विरुध थे इसलिए हिन्दू के त्योहारों को मूर्खता का दिन कहते थे और आप हिन्दू भी बहुत शान से कह रहे हो.!! गुलाम मानसिकता का सुबूत ना दो अप्रैल फूल लिख के.!!  अप्रैल फूल सिर्फ भारतीय सनातन कलेण्डर, जिसको पूरा विश्व फॉलो करता था उसको भुलाने और मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। 1582 में पोप ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान जारी कर दिया जिसमें 01 जनवरी को नया साल का प्रथम दिन बनाया गया। जिन लोगो ने इसको मानने से इंकार किया।

वही उनको इस  01 अप्रैल को मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे 1 अप्रैल नया साल का नया दिन होने के बजाय मूर्ख दिवस बन गया।आज भारत के सभी लोग अपनी ही संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल डे मना रहे   है। इस जानकारी को इतना फैलाओ कि कोई भी इस आने वाली 1 अप्रैल से मूर्खता का परिचय न दे और और अंग्रेजों द्वारा प्रसिद्ध किया गया ये हिंदुओं का मजाक बंद हो जाये ।

जागो हिन्दुओ जागो।। अपने धर्म को पहचानो।   यह थी वायरल खबर….

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