यमुना संसद के आयोजन पर हुई चर्चा

उत्तराखंड: 03 जुलाई 2024: देहरादून। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने 18 लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला को दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने पर पूरे बिड़ला परिवार से मिलकर उन्हें शुभकामनायें देते हुये कहा कि श्री ओम बिड़ला जी की कार्यशैली अद्भुत हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिये भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी। आपके नेतृत्व में नये रिकॉर्ड बनते रहें माँ गंगा से ऐसी प्रार्थना है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने ओम बिड़ला व पूरे परिवार को परमार्थ निकेतन गंगा आरती व आगामी प्रयागराज कुम्भ मेला के अवसर पर परमार्थ निकेतन कुम्भ मेला शिविर में पधारने हेतु आमंत्रित किया। साथ ही स्वामी जी ने बताया कि परमार्थ निकेतन द्वारा संगमतट अरैल, प्रयागराज में गुरूकुलम्, माँ गंगा की आरती, विभिन्न आध्यात्मिक गतिविधियों के लिये परमार्थ त्रिवेणी पुष्प नवनिर्मित भवन परिसर का निर्माण किया गया है जिसके उद्घाटन हेतु ओम बिड़ला को विशेष रूप से आमंत्रित करते हुये कहा कि परमार्थ त्रिवेणी पुष्प का निर्माण नदियों की स्वच्छता का संदेश देने हेतु नियमित गंगा जी की आरती का क्रम शुरू करने, वैदिक शिक्षा, वेद अध्ययन हेतु गुरूकुलम् का निर्माण, देवभाषा संस्कृत, योग, ध्यान, संस्कृति व संस्कारों के प्रचार-प्रसार के केन्द्र के रूप में निर्मित किया जा रहा है।
स्वामी जी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उत्तराखंड़ के चारों धाम, आदिगुरू शंकराचार्य जी द्वारा स्थापित चारों पीठों सहित अन्य सभी धार्मिक स्थलों को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त तीर्थ स्थल बनाने हेतु भी विशेष चर्चा की।
स्वामी जी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में जल शक्ति मंत्रालय व नमामि गंगे मिशन के माध्यम से गंगा जी की स्वच्छता व निर्मलता के लिये अद्भुत कार्य हुये जिसके परिणाम भी स्पष्ट रूप से दिखायी दे रहे हैं परन्तु अब यमुना जी की बारी हैं। यमुना जी के तटों पर यमुना संसद होनी चाहिये। जिसमें यमुना के तटों के माननीय विधायक, सांसद, सामाजिक कार्यकर्ता, संगठन और स्थानीय लोगों को आमंत्रित कर यमुना संसद आयोजित की जाये जिसमें सिंगल यूज प्लास्टिक के साथ, तटों के दोनों ओर जैविक खेती, फलदार व जड़़दार पौधों के रोपण, गंदे नालों की टेपिंग आदि विषयों पर विशेषज्ञों की राय व समाधान प्रस्तुत हो ताकि तीर्थ क्षेत्र मथुरा एक उत्कृष्ट व दिव्य बनाया जा सके। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने ओम बिडला और पूरे बिड़ला परिवार को रूदा्रक्ष का पौधा, इलायची की शुद्ध, सात्विक, पर्यावरण पोषित माला और महाकाल का प्रसाद स्वरूप अंगवस्त्र देकर अभिनन्दन किया। उन्होंने आस्था, श्रद्धा व कृतज्ञता के भाव से स्वीकार किया।

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