धर्मनगरी में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ रहा: पुष्प वर्षा होते देख भाव विभोर हुए!

, जानें कावंड़ के प्रकार और यात्रा का महत्व, कावंड़ यात्रा के हैं कई कड़े नियम:-

देहरादून/उत्तराखण्ड: 07 JULY .. 2023, खबर… राजधानी से शुक्रवार को देहरादून स्थित सावन प्रारंभ होते ही उत्तराखंड के धर्मनगरी हरिद्वार में पहले दिन भोले नाथ के भक्तो पर उत्तराखण्ड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यहां पहुंचने वाले कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। वही गुरुवार को हरिद्वार में गंगा जल लेने पहुंचे लाखों की संख्या में कांवड़ लेकर पहुँचने वाले श्रद्धालुओं का धर्मनगरी में भव्य स्वागत किया गया। जिसके बाद एडीजी और एसएसपी ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर फूल बरसाए। आसमान से पुष्पवर्षा होता देख शिवभक्त भी उत्साहित हो गए इस दौरान कांवड़ियों ने बम.बम भोले की गूंज से हरिद्वार को भक्तिमय कर दिया।

बता देकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिया था कि कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार से गंगा जल लेने पहुंच रहे कांवड़ियों का भव्य तरीके से स्वागत होना चाहिए। वही इस मौके पर  आसमान से पुष्प वर्षा का दृश्य बेहद ही रोमांचकारी रहा।  हरिद्वार में कांवड़िए पुष्प वर्षा होते देख भाव विभोर हो गए।

 कांवड़ के अपने नियम और महत्व: सावन के साथ ही कांवड़ यात्रा को लेकर शिव भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिलता है। भगवान शिव के भक्त बांस की लकड़ी पर दोनों ओर टिकी हुई टोकरियों के साथ गंगा के तट पर पहुंचते हैं और टोकरियों में गंगाजल भरकर लौट जाते हैं। कांवड़ को अपने कंधों पर रखकर लगातार यात्रा करते हैं और अपने क्षेत्र के शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं होता है। साथ ही घर में धन धान्य की कभी कोई कमी नहीं होती है और अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है।

हर साल लाखों की संख्या में कांवड़ियां हरिद्वार आते हैं और गंगाजल लेकर जाकर अपने अपने क्षेत्र के शिवालयों में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। शास्त्रों में कांवड़ यात्रा को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है और यात्रा के दौरान कई तरह के नियमों का पालन करना आवश्यक बताया गया है। कांवड़ यात्रा के नियमों को लेकर किसी भी तरह की ढील नहीं दी गई है और अगर इनको तोड़ा जाता है कि भगवान शिव नाराज भी हो सकते हैं।  कांवड़ यात्रा के दौरान ध्यान रखना चाहिए कि अगर आप कहीं रुक रहे हैं तो कांवड़ को भूमि या किसी चबूतरे पर ना खें।

कांवड़ को हमेशा स्टैंड या डाली पर ही लटकाकर रखें। अगर गलती से जमीन पर कांवड़ को रख दिया है तो फिर से कांवड़ में पवित्र जल भरना होता है। कांवड़ यात्रा करते समय पूरे रास्ते बम बम भोले या जय जय शिव शंकर का उच्चारण करते रहना चाहिए। कांवड़ मुख्यत: चार प्रकार की होती है और हर कांवड़ के अपने नियम और महत्व होते हैं। इनमें हैं – सामान्य कांवड़, डाक कांवड़, खड़ी कांवड़, दांडी कांवड़। जो शिव भक्त जिस प्रकार की कांवड़ लेकर जाता है, उसी हिसाब से वह तैयारी की जाती है। इन चार प्रकार की कांवड़ के लिए शिव मंदिरो में उसी हिसाब से तैयारी भी की जाती है।

वही इस दौरान हरिद्वार के डीएम  ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर कांवड़ियों का देवभूमि में भव्य स्वागत हो रहा है। कांवड़ियों के सत्कार और सेवा में किसी तरह की कमी नहीं हो रही है।  इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, एसडीएम पूरन सिंह राणा, रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी आदि मौजूद रहे। इस मौके पर हरिद्वार के जिलाधिकारी और एसएसपी ने  ने बताया कि पैदल कांवड़ियों के बाद अब डाक कांवड़ियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।  इसी के साथ ही बैरागी कैंप पार्किंग में डाक कांवड़ियों के कैंटर, मैक्स पिकअप व अन्य वाहनों का जमावड़ा लगने लगा है। बैरागी कैंप में खान-पान से लेकर कांवड़ियों की वेशभूषा व अन्य सामान की दुकानें सज गई हैं।

 वही इस दौरान : कांवड़ यात्रा सावन मास के साथ शुरू हो चुकी है। वही हरिद्वार के डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान पुष्प वर्षा को दो भागों में बांटा गया है। पहले फेज में नारसन बॉर्डर से लेकर कांवड़ पटरी पर पुष्प वर्षा की जाएगी।  दूसरे फेज में हर की पैड़ी से लेकर उतरी हरिद्वार में स्थित पार्क की ओर पुष्प वर्षा की जाएगी। इसी के साथ ही नारसन बॉर्डर से कांवड़ पटरी पर कांवड़ियों के ऊपर पुष्प वर्षा करते हुए हेलीकॉप्टर बैरागी कैंप, शंकराचार्य चौक से अपर रोड होकर हरकी पैड़ी के ऊपर पहुंचा।

कांवड़ यात्रा पर हरिद्वार पहुंचने वाले कांवड़ियों पर फूलों की बारिश होते ही हर हर महादेव और बम बम भोले के जयकारों से धर्मनगरी गूंज उठी। वही कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। वही इस दौरान  हेलीकॉप्टर भल्ला कॉलेज के मैदान में दोपहर एक बजे पहुंच गया था. हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने से पहले मौसम खराब हो गया। दोपहर बाद करीब चार बजे मौसम साफ होने पर हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी. हेलीकॉप्टर सीधे नारसन बॉर्डर पहुंचा और वहां से कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा करते हुए हरकी पैड़ी पहुंचा।हरिद्वार से गंगा जल लेने पहुंच रहे कांवड़ियों का सिलसिला 17 जुलाई 2023  तक चलेगा। उसके बाद शिवभक्तो की बड़ी संख्य कम हो जाएगी।

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