देहरादून/उत्तराखण्ड: 22 Nov.–2023: मिली जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार हरिद्वार में आबकारी विभाग के द्वारा 52 पेटी बगैर होलोग्राम लगी हुई शराब बरामद हुई थी जिसके बाद हरिद्वार के अधिकारियों के द्वारा दुकान पर कार्रवाई करते हुए उसे बंद कर दिया था। वहीं इस दौरान देहरादून में भी 20 नवंबर 2023 को छापेमारी के दौरान 110 पेटी विदेशी अवैध शराब बरामद करते हुए चार लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी। साथ ही इस मामले में करवाई यह कहकर की गई है कि उक्त प्रकरण में शिथिलता पाए जाने पर विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
सूत्रो के अनुसार जनपद हरिद्वार में आबकारी आयुक्त उत्तराखण्ड हरीश चंद्र सेमवाल के निर्देश पर की गयी कार्यवाही में दिनांक 19 नवंबर 2023 को विदेशी मदिरा दुकानों में किए गए निरीक्षण एवं जाँच में अनियमितता पायी गयी ! वही इस बड़ी कार्यवाही,अपने कार्यों में लापरवाही बरतने पर की गई कार्यवाही,बिना होलोग्राम की शराब बेचने पर की गई कार्यवाही,जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार को 72 घंटे में कारण बताओ नोटिस दिया गया,आबकारी क्षेत्र निरीक्षक संजय सिंह रावत को सस्पेंड किया गया,देवेंद्र गिरी गोस्वामी सहायक आबकारी आयुक्त गढ़वाल मंडल के निलंबन की संस्तुति शासन को भेजी गई।
उक्त प्रकरण में शिथिलता पाए जाने पर निम्न विभागीय अधिकारियों पर कार्यवाही की गई-
1- श्री देवेंद्र गिरी गोस्वामी सहायक आबकारी आयुक्त मण्डलीय प्रवर्तन गढ़वाल मण्डल के निलंबन की संस्तुति शासन को प्रेषित की जा रही है।
2- श्री राजीव सिंह चौहान जिला आबकारी अधिकारी देहरादून 6 सहायक आबकारी आयुक्त जनपदीय प्रवर्तन देहरादून को पद से हटाते हुये कार्यालय आबकारी आयुक्त उत्तराखंड सम्बद्ध किया गया।
3- सुश्री सरोज पाल आबकारी निरीक्षक जनपदीय प्रवर्तन देहरादून को निलंबित किया गया।
4- श्रीमती प्रेरणा बिष्ट आबकारी निरीक्षक ऋषिकेश को सहायक आबकारी आयुक्त जनपदीय प्रवर्तन देहरादून का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
वही इस दौरान विभाग द्वारा माफियाओं पर कार्रवाई के साथ ही अधिकारियों की पदों से विदाई हो रही है, जो कई प्रकार के सवाल भी खड़े कर रही है। वही जिसमसें मध्य सत्र में हो रहे तबादले भी चर्चाओं का विषय बने हुए हैं। हालाकि उत्तराखण्ड राज्य की तबादला नीति में ही साफ प्रावधान किए गए हैं कि मध्य सत्र में नियम 27 के तहत ही तब बदले हो सकेंगे लेकिन आबकारी विभाग में मध्य सत्र में हो रहे तबादले भी संदेह के घेरे में है।
वही जिसमें प्रदेश में मध्य सत्र में आबकारी विभाग, उत्तराखण्ड में तबादले या करवाई इस बात को लेकर उत्तराखण्ड शासन से लेकर विभागीय गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि आखिरकार एकाएक तबादले होना। वही जिसमें किसी बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है या विशेष लोगो की नाराजगी ये मुलाजिम भेंट चढ़ गए।