दीवाली से पहले प्रशासन ने दून में बसे 300 लोगों को घरों से बाहर का रास्ता दिखा दिया!

देहरादून/उत्तराखण्ड: 02 Nov.–2023: खबर…. राजधानी से बृहस्पतिवार को मिली ताजा जानकारी के अनुसार आज ई.सी. रोड  देहरादून में स्थित करनपुर पुलिस चौकी के साथ लगी संपत्ति काबुल हाउस  की 400 करोड़ की संपत्ति को  खाली कराने की कार्यवाही जिला प्रशासन देहरादून की तरफ से की गई है। व ही  जिसमें लगभग 300 लोगों को उनके घरों से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। साथ ही कहा जा रहा है कि इस संपत्ति में रह रहे लोग भारत-पाकिस्तन बंटवारे के बाद बसे थे। वही इस काबुल हाउस साल 1879 में राजा मोहम्मद याकूब खान ने बनवाया था. मोहम्मद याकूब खान अफगानी शाही परिवार से थे।

इनमें से कुछ लोगों का कहना है कि हम लोग विस्थापित (दूसरे स्थान से लाकर बसाया गया) लोग हैं, जो भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान यहां आकर बसे थे। वही इस मौके पर 16 परिवारों के पास सिर छुपाने के लिए कोई जगह नहीं है. इनका कहना है कि हमारे बारे में किसी ने नहीं सोचा हम कहा जाएंगे. उन लोगों ने कहा कि हम लोग यहां 80 वर्षों से रह रहे हैं लेकिन कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है।

वही इस दौरान बताया गया  है कि   काबुल के तत्कालीन राजा मोहम्मद याकूब खान  ने देहरादून के 15 बी ई सी रोड पर अपना महल बनाया था. सरकार का कहना है कि आजादी के बाद याकूब खान वो यहां से दूसरे देश चले गए थे लेकिन उनके वंशजों का कहना है कि वो कहीं नहीं गए आज भी उनके वंशज यहीं मौजूद हैं.   वही जिसमें  याकूब खान काबुल से आकर देहरादून बसे थे।  तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उनको यहां बनाने के लिए कुछ जमीन दी थी, जहां उन्होंने अपना महल बनाया था।

जिसपर पिछले कुछ दिन पूर्व डीएम देहरादून ने आदेश जारी करते हुए सब को इस जमीन से बेदखल किया था और जमीन खाली करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया था। जिसके बाद आज सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह के तरफ से दलबल के साथ मौके पर पहुंच कर सभी अतिक्रमणकारियों को घरों से बाहर निकाला गया। यहां लगभग 16 परिवार हैं, जिनकी संख्या 200 से 300 लोगों की होगी। मिली ताजा जानकारी के अनुसार  इस विवाद का मामला देहरादून के डीएम कोर्ट में चल रहा था ये मामला पिछले 40 वर्षों से चल रहा था।

उन सभी लोगों जगह खाली करने के बाद उन सभी लोगों ने आरोप लगाया कि उनलोगों को सुना नहीं गया और उनकी बात सुने बिना उनके घरों से निकाल दिया गया।  जगह खाली करने के बाद उन्लोगों ने आरोप लगाया कि उनलोगों को सुना नहीं गया और उनकी बात सुने बिना उनके घरों से निकाल दिया गया।  अब कोर्ट के आदेशों का इंतजार किया जा रहा है. कोर्ट ने इस मामले में 1 महीने का स्टे दिया है,जिसका आदेश आना अभी बाकी है. आदेश आने पर ही कोई कार्यवाही आगे की जा सकती है.

 वही इसी के साथ  घरों को सील कर दिया गया है फिलहाल इस मामले में जिला प्रशासन देहरादून का कहना है कि ये कार्यवाही जिलाधिकारी के कोर्ट के आदेशों के क्रम में की गई है। इस मामले में कुछ लोग उत्तराखंड हाई कोर्ट भी गए है जिसकी सुनवाई आज होनी थी।  लेकिन सुनवाई से पूर्व ही इन लोगों को आज उनके घरों से बाहर निकल दिया गया है

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