देहरादून/उत्तराखण्ड: 10 MAY.. 2023, खबर… राजधानी से बुद्धवार को देहरादून स्थित बता दे कि देहरादून में पिछले कई वर्षों से स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है। वही जिसमें निर्माण कार्यों से संबंधित अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है। इस दौरान देहरादून स्मार्ट सिटी के निमार्ण कार्यो पर मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा सरकार के 2-3 विधायकों ने भी स्मार्ट सिटी कार्यों के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है। पूरे देहरादून राजधानी में पीछले पांच वर्षो गढ्ढे ही गढ्ढे, खुदाई ही खुदाई,देखने का मिल रही हैं। लोग चोटिल हो रहे किसी की बला से..?
वही देहरादून स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर हाल ही में धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक एवं पूर्व नगर निगम मेयर विनोद चमोली ने भी स्मार्ट सिटी के खिलाफ कार्यों को लेकर अपना मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं
। वह किसी की भी नहीं सुन रहे हैं। साथ ही निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग भी नहीं की जा रही है। इस दौरान भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि 2018 में स्मार्ट सिटी का जो ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था। उसके अनुरूप यहां देहरादून शहर में काम नहीं हुआ है।
और जो कार्य देेहरादून स्मार्ट सिटी के तहत होने थें वह सही ढंग से नहीं हो पाए हैं। वह इसी के साथ देहरादून का पूरा शहर स्मार्ट सिटी कार्यों के लिए जगह जगह से खोद दिया गया है। और किसी भी अधिकारी को जनता की परेशानी का कोई परवाह नहीं है। साथ ही अब राजधानी में स्मार्ट सिटी के अधूरे कार्य को लेकर भाजपा विधायक चमोली ने मोर्चा खोलते हुए कहा की स्मार्ट सिटी परियोजना में जिन कार्यों को तय किया गया था। वर्तमान प्रोजेक्ट इसके बिल्कुल विपरीत है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की मनमानी चलती तो हमारा देहरादून कचहरी परिसर शहीद स्मारक स्थल को भी खा गए होते ं। वो तो हमने खुलकर विरोध किया तब जाकर हमारा कचहरी परिसर में स्थित राज्य आंदोलनकारी शहीद स्मारक को बचाया जा सका। इसी के साथ वही दूसरी ओर विधायक चमोली ने बताया कि देहरादून के सबसे व्यस्त अंग चौक लैंसडाउन चौक के नाम से प्रसिद्ध हैं। वही इसी चौक पर ही एक दून मॉडल लाईब्रेरी बना दी गई है। लेकिन इस में पार्किंग नहीं बनाई गई है। और बगैर पार्किंग के यह लाईब्रेरी बनाने का कोई औचित्य नहीं हो रहा है। साथ ही किसी को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
जबकि पहले जनता के चलने के लिए सड़क और फुटपाथ और गड्ढों का कार्य पूरा कर जनता को राहत देने की जरूरत थी। जबकि लाइब्रेरी तो बाद में ही बनती रहती। वहीं इसी के साथ विनोद चमोली ने कहा कि जो ब्लूप्रिंट तैयार किया था। उसके अनुरूप कार्य नहीं हुआ है। जो कि राजधानी दे.दून स्मार्ट सिटी के तहत होने थे। वही उन्होने कहा कि देहरादून के सबसे मुख्य परेड ग्राउंड की स्थिति भी बहुत दयनीय हो गई है।
इस परेड ग्राउंड में एक तरफ तो स्मार्ट सिटी परियोजना से संबंधित कार्यादत्त संस्था के जो ठेकेदार है उन्होंने परेड ग्राउंड के एक साइड मलवा एवं बड़े.-बड़े पाइप और टाइलें, ईट, बजरी, पत्थर, तथा मलबा आदि निर्माण सामग्री वर्ष 2018 से डालकर कब्जा की हुई है। जिस कारण परेड ग्राउंड में पहले किए गए निर्माण टूट गए हैं। और फिर परेड ग्राण्उड में खेलने वाले खिलाड़ीयों को भी परेशान हो रही है।
जिसका संज्ञान देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के सीईओ भी नही दे रहे है। वहीं इसी के साथ उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी में सुंदरीकरण का कार्य किस तरह का किया जा रहा है या किसी को समझ में नहीं आ रहा है। विधायक ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत परेड ग्राउंड एवं गांधी पार्क और पवेलियन ग्राउंड को मिलाकर एक करना था ताकि इस क्षेत्र को शहर की पहचान के तौर पर स्थापित किया जा सके। जबकि ऐसा नहीं किया गया। जैसे.जैसे राजधानी में जनसंख्या बढ़ रही है, और यातायात भी बढ़ रहा है ।
इसके लिए भी कोई सटीक प्लान नहीं बनाया गया है। जबकि 2018 में स्मार्ट सिटी परियोजना की शुरुआत हुई थी। जिसमें 2023 जून तक कार्य पूर्ण करने की डेडलाइन निर्धारित की गई थी । लेकिन ढिलाई के कारण 2023 में भी पूरा नहीं कार्य दिखता है।