विघ्न हरता ही अगर विदा हो गए तुम्हारे विघ्न कौन हरेगा! …क्या कभी सोचा है?
गणेश जी की स्थापना करें, इसलिए विसर्जन न करें!....जानिए क्यों?
देहरादून/उत्तराखण्ड: 26 SEP.–2023: मंगलवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक श्री गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की पारंपरिक मूर्ति ख़रीदे गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा के उपरांत 3 या 5 या 7 या 11 दिन की पूजा पर उनका विसर्जन किया जाता है। इसी के साथ कहते हैं गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ इसका मतलब हमने एक वर्ष के लिए गणेश जी लक्ष्मी जी आदि को जबरदस्ती पानी में बहा दिया, तो आप खुद सोचो कि आप किस प्रकार से नवरात्रि पूजा करोगे, किस प्रकार दीपावली पूजन करोगे और क्या किसी भी शुभ कार्य को करने का अधिकार रखते हो जब आपने उन्हें एक वर्ष के लिए भेज दिया।
उत्तराखंड में उत्तराखंड के लोग अब गणपती विसर्जन भी करने लगे! कहां जा रही हमारी अपनी संस्कृति. अपुण संस्कृति अपुण पछ्यांण !
गणेश जी को कभी भी विदा नहीं करना चाहिए! क्योंकि विघ्न हरता ही अगर विदा हो गए तुम्हारे विघ्न कौन हरेगा। क्या कभी सोचा है गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्यों? अधिकतर लोग एक दूसरे की देखा देखी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, और 3 या 5 या 7 या 11 दिन की पूजा के उपरांत उनका विसर्जन भी करेंगे। आप सब से निवेदन है कि आप गणपति की स्थापना करें, पर विसर्जन नही ।
बता दे कि गणेश जी विसर्जन केवल महाराष्ट्र में ही होता है क्योंकि गणपति वहाँ एक मेहमान बनकर गये थे, वहाँ लाल बाग के राजा कार्तिकेय ने अपने भाई गणेश जी को अपने यहाँ बुलाया और कुछ दिन वहाँ रहने का आग्रह किया था जितने दिन गणेश जी वहां रहे उतने दिन माता लक्ष्मी और उनकी पत्नी रिद्धि व सिद्धि वहीँ रही इनके रहने से लाल बाग धन धान्य से परिपूर्ण हो गया, तो कार्तिकेय जी ने उतने दिन का गणेश जी को लालबाग का राजा मानकर सम्मान दिया यही पूजन गणपति उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।
हालांकि हम बड़े शौक से कहते हैं गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ इसका मतलब हमने एक वर्ष के लिए गणेश जी लक्ष्मी जी आदि को जबरदस्ती पानी में बहा दिया, तो आप खुद सोचो कि आप किस प्रकार से नवरात्रि पूजा करोगे, किस प्रकार दीपावली पूजन करोगे और क्या किसी भी शुभ कार्य को करने का अधिकार रखते हो जब आपने उन्हें एक वर्ष के लिए भेज दिया।
आपको बता दे कि देश की अन्य स्थानों की तो गणेश जी हमारे घर के मालिक हैं और घर के मालिक को कभी विदा नही करते । वहीं अगर हम गणपति जी का विसर्जन करते हैं तो उनके साथ लक्ष्मी जी व रिद्धि सिद्धि भी चली जायेगी तो जीवन में बचा ही क्या?
इसलिए गणेश जी की स्थापना करें पर विसर्जन कभी न करें। आपको बता दे कि श्री गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की पारंपरिक मूर्ति ख़रीदे , जिसमे गणेश जी के मूल स्वरुप की प्रतिकृति हो, ऋद्धि-सिद्धि विद्यमान हो । वही जिसमें बाहुबली गणेश , सेल्फ़ी लेते हुए स्कूटर चलाते हुए ऑटो चलाते हुए बॉडी बिल्डर बाहुबली सिक्स पैक या अन्य किसी प्रकार के अभद्र स्वरुप में गणेश जी को बिठाने का कोई औचित्य नहीं है सनातन धर्म की हँसी उड़ाई जा रही है.. अपने धर्म का मज़ाक न उड़ायें! सभी से निवेदन है समझदारी का परिचय देवे , और सही गणेश जी की प्रतिमा का स्थापना करें ।