कहीं गन्ने के तो कहीं इकोफ्रेंडली श्री बप्पा पधारेगें, 19 Sep.से शुभ मुहूर्त शुरू होकर 28 Sep तक !
देहरादून/उत्तराखण्ड: 17 SEP. – 2023: खबर…. राजधानी से रविवार को श्री गणेश उत्सव पूरे भारत के कई हिस्सों में भगवान श्री गणपति बप्पा मोरिया, के नारों के बीच आज रविवार से श्रद्धालुओं ने गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसे आमजन के साथ-साथ बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के सितारे भी जारे शोर से मनाते हैं. कई सेलीब्रिटीज अपने घरों में गणपति बप्पा का स्वागत करते हैं और उनकी स्थापना करते हैं। श्री गणपति बप्पा मोरिया इस वर्ष 19 सितंबर से शुरू होकर 28 सितंबर को समाप्त होगा।
बता दे कि गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 को है। 10 दिन तक पूजा-पाठ और सत्कार के बाद गणपति जी को विसर्जित किया जाता है। मिली जानकारी में मुंबई में गन्ने से बने गणपति और गोवा में केले व बांस के बने विघ्नहर्ता चर्चा में रहे। इसके अलावा ज्यादातर जगहों पर मिट्टी के गणपति घर पर बिठाए जाएगें।
भक्त भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाने के लिए त्योहार मनाते हैं। इसे विनायक चतुर्थी, गणेशोत्सव, विनायक चविथी और गणेश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है, यह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। 10 दिवसीय उत्सव आवाहन या प्राण प्रतिष्ठा (दीप प्रज्वला करना, संकल्प लेना और भगवान गणेश की मूर्ति को घर लाना) से शुरू होता है!भगवान गणेश को समर्पित दैनिक पूजा अनुष्ठानों का पालन करें, जिसमें ताजे फूल, मोदक (मीठे पकौड़े), फल, धूप और अन्य वस्तुएं अर्पित करना शामिल है। और गणेश विसर्जन (पानी के अंदर मूर्ति को विसर्जित करना) के साथ समाप्त होता है।
गणेश चतुर्थी मंगलवार19 सितंबर 2023 से देहरादून शहर को गणेश चतुर्थी के रंग में मंगलवार से घर घर पधारेगें गणपति बप्पा जी जिसकी तैयारी भव्य पंडालो में शुरू हो गई है। पीाछले एक माह पहले से ही मूर्तिकार भगवान गणेश की प्रतिमाएं बना रहे हैं। वही जिसमें देहरादून के करनपुर क्षेत्र बंगाली लाइब्रेरी स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में मूर्तिकार बांकिम पाल व उनके साथ अन्य कलाकार जो कलकत्ता से यह दुर्गा पूजा के लिए एवं गणपति महोत्सव के लिए मूर्तियां बड़ी संख्या में बनाते है। वही इस बार भी मूर्तिकार बांकिम पाल ने भगवान श्रीगणेश की मूतियां मिट्टी व पुराल से बनी सुंदर संुदर अलग अलग रूपो में बप्पा को सजा कर रखा है।
जिससे अब इस सोमवार से श्रद्धालुगण अपनी अपनी पंसद के बप्पा को अपने घर विराजने के लिए बैड बाजो ढोल के साथ ले जाएगें। वही ज्यादातर श्री गणेश जी की प्रतिमा इको फ्रेंडली हैं जो पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेंगी। भगवान श्री गणेश जी शहर वासियों को पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश देते हुए नजर आएंगे। भगवान श्री गणेश की मूर्ति बनाते वक्त मूर्तिकार भी श्रद्धालुओं की आस्था का पूरा ध्यान रख रहे हैं। वही इस दौरान करनपुर स्थित बंगाली लाइब्रेरी देहरादून में मूर्तिकार बांकिम पाल ने बताया कि एक फुट से ले कर 8-10 फुट तक गणेश जी की सुंदर प्रतिमा बनाने का आर्डर मिला हैं।
जिसमें भगवान श्री गणेश की मूर्तियां 1 फुट से लेकर 10 फुट तक बनाई जा रही है जिसकी कीमत ₹500 से 20,000 रुपए तक है।सुंदर सुंदर मनमोहक रूपो में बप्पा जी की मूर्तियां पहाड़ो में मसूरी, गढ़वाल के कई जगहो एवं अल्मोड़ा बागेश्वर पिथौरागढ़ तक लोग यहां से भगवान श्री गणेश की मूर्तियां ले कर जाते है। साथ ही मूर्तिकार ने बतया कि हम पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए यह सारी मूर्तियां एक फ्रेंडली बनाते हैं, इस इन मूर्तियों में हम पीली चिकनी मिट्टी व पुराल एवं नारियल का जूट और न्यूज़पेपर के साथ पियोपी का इस्तेमाल करते हैं।