देहरादून/उत्तराखण्ड: 27 AUGUST-2023: खबर… राजधानी से रविवार को सूत्रो के हवाले से मिली ताजा जानकारी के अनुसार आज देहरादून के थानाडालन वाला पुलिस ने दून शहर के नामी वकील कमल विरमानी को ईसी रोड स्थित क्रॉस रोड मॉल के पास से हुई किया गिरफ्तार । वही इसी के साथ रविवार को उत्तराखण्ड पुलिस ने विरमानी को न्यायालय देहरादून में पेश किया। इस दौरान कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। वही अब वकील विरमानी से पूछताछ में कई और लोगों के नाम सामने आए हैं। मिली जानकारी में बाकी शमिल लोगो की गिरफ्तारी भी पुलिस जल्द करेगी।
वही इस दौरान देहरादून के (SSP/DIG ) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान रविवार को देहरादून के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने अधिवक्ता कमल विरमानी की गिरफ्तारी के संबंध में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रार कार्यालय में जिल्दों से छेड़छाड़ और फर्जी रजिस्ट्रियों से जमीनों की खरीद फरोख्त के मामले में 15 जुलाई 2023, को देहरादून शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था।
वही इसी के साथ (SSP/DIG ) दलीप सिंह कुँवर ने प्रेस वार्ता में दी जानकारी में कहा कि इस मुकदमे में आरोपी सहारनपुर निवासी केपी सिंह काफी समय से विरमानी को जानता था। वही विरमानी इन्हें बनाकर वकील इमरान और मुंशी रोहताश को दे देता था। वह उसके पास डालनवाला की एक संपत्ति का केस लेकर आया था। इसमें विरमानी ने उसकी काफी मदद की। इसके बाद केपी सिंह सहारनपुर की कुछ रजिस्ट्रियां बनवाकर विरमानी के पास लाया। विरमानी को बताया गया कि यदि ये जमीनें उसके परिचितों के नाम चढ़ जाएंगी तो इसमें उन्हें करोड़ों की कमाई हो सकती है। इसके बाद पुरानी और विवादित जमीनों की फर्जी रजिस्ट्रियों का खेल शुरू हुआ।
साथ ही एसएसपी के अनुसार इसकी विवेचना एसपी ट्रैफिक सर्वेश पंवार की अध्यक्षता वाली एसआईटी कर रही है। जांच के दौरान अब तक आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बता दे कि देहरादून स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में रखे दस्तावेजों में करते थे गड़बड़िया कर खेल। वही इस फर्जी रजिस्ट्रियों के खेल का असली मास्टरमाइंड दून शहर के नामी सीनियर एवोकेट कमल विरमानी निकला। ऐसी करीब 20 से ज्यादा फर्जी रजिस्ट्रियां कराने में विरमानी ने गिरोह की मदद की है, और करोड़ों रुपये लेकर इन जमीनों को माफिया के नाम किया गया।
वही इस दौरान एवोकेट विरमानी इन रजिस्ट्रियों के केसों की पैरवी करवाकर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराता था। सूत्रो की माने तो ज्यादातर रजिस्ट्रियों की ड्राफ्टिंग विरमानी के चैंबर में ही होती थी। साथ ही करोडों के गड़बड़झाले को सुलझाने के लिए IPS सर्वेश पंवार के नेतृत्व में SIT… बनाई गई थी । वही मूल मालिक के नाम की जमीनों को कर देते थे दूसरों के नाम।
इस दौरान पुलिस के अनुसार पिछले दिनों अधिवक्ता इमरान की गिरफ्तारी पर ही 20 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन की पुष्टि हुई थी। यह मामला 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का हो सकता है।पुलिस आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी जुटा रही है। इसके अलावा ब्लैक में भी करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है।
साथ ही देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुँवर के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त कमल विरवानी से पूछताछ में यह बात प्रकाश में आई कि आरोपियों ने रजिस्ट्रार ऑफिस और रिकॉर्ड रूम से निकाले गए मूल दस्तावेज को जलाकर नष्ट भी किया है। पुलिस के अनुसार रजिस्ट्रियों में जो छेड़छाड़ की गई है, उसकी पुष्टि के लिए दस्तावेज फोरेंसिक लैब भी भेजे गए हैं।एसएसपी ने बताया कि मामले में जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनकी छानबीन के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं। वही जिसमें जल्द ही लिप्त ओर लोगो की गिरफ्तारी कि जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार रात अधिवक्ता कमल विरमानी को पुलिस SIT टीम ने क्रॉस मॉल के बाहर से गिरफ्तार किया था।
बता दें कि अब तक इस मामले में देहरादून रजिस्टार ऑफिस के तीन कर्मचारी सहित कुल 9 लोग गिरफ्तार किया जा चुके हैं। वही जिसमें अभी कई और गिरफ्तारी होने की संभावनाएं भी बरकरार है। देहरादून रजिस्टार के रिकॉर्ड रूम में दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर कई फ़र्जी रजिस्ट्रीयों बदलने के बाद चक-रायपुर टी-स्टेट की 12.5.एकड़ जमीन को जालसाज़ी से बेचने का मामला सामने आया था. जानकारी के अनुसार इस फर्जीवाद में करोड़ों रुपए के वारेन्यारे कर बंदरबांट हुई।