उत्तराखण्डः 08 NOV. 2024, शुक्रवार को देहरादून स्थित राजभवन में स्थापना दिवस की पूर्व संध्या में जारी अपने संदेश में उत्तराखण्डः राज्यपाल ने कहा कि आज हम सभी उत्तराखण्ड के स्थापना दिवस की 24वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस यात्रा में हमारे राज्य ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे, अनगिनत सपनों को साकार होते देखा, और आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारा उत्तराखण्ड विकास के एक नए अध्याय की ओर अग्रसर है।
इस अवसर पर उत्तराखण्डः राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी है। उन्होंने इस अवसर पर राज्य निर्माण आंदोलन के सभी ज्ञात-अज्ञात अमर शहीदों और आंदोलनकारियों का भावपूर्ण स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
गवर्नर ने कहा हम उत्तराखण्ड के इस 25वें वर्ष को विकास की एक नई उड़ान का वर्ष मानकर एक सकारात्मक और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ेंगे। हमें अपने राज्य के हर नागरिक को विकास की इस यात्रा में सहभागी बनाना है, ताकि उत्तराखण्ड को ‘‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’’ बनाने का लक्ष्य पूरा हो सके। आइए! हम सब मिलकर उत्तराखण्ड की इस नई सुबह का स्वागत करें और इसे ‘‘स्वर्णिम उत्तराखण्ड’’ बनाने का संकल्प लें।
उन्होंने कहा रजत जयंती वर्ष में कदम रखते हुए हम अपने राज्य को एक नई ऊँचाई पर ले जाने का संकल्प लें, जहाँ हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपरा, और जनहित की नीतियों का सामंजस्य हो। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कथन को साकार करने की दिशा में एवं 21वीं शताब्दी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने की यात्रा में यह वर्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हम अपने देश के मानचित्र को गौर से देखें तो उत्तराखण्ड भारत के हृदय के समान नजर आता है।
इस दौरान गवर्नर ने कहा कि कहा कि उत्तराखण्ड के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हमारे राज्य के समग्र विकास के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण आवश्यक है। महिलाओं की भागीदारी को मुख्यधारा से जोड़कर ही हम महिलाओं के साथ-साथ सर्व समाज की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
इसी के साथ सरकार ने निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं जो सराहनीय हैं। सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत और सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण जैसी पहल लैंगिक समानता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
वही राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश को समृद्ध उत्तराखण्ड बनाने का हमारा स्वप्न तभी साकार होगा जब समाज के हर तबके को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। महिला सशक्तीकरण, सामाजिक न्याय और जनजातीय समुदायों की उन्नति के लिए विशेष योजनाएँ बनाकर इसके लाभ को अंत्योदय तक सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।