देहरादून/उत्तराखण्ड: 12 MAY.. 2023, खबर… राजधानी से शुक्रवार को देहरादून स्थित गोर्खाली सुधार सभा द्वारा आयोजन बलभद्र खलंगा विकास समिति ने अपना 49वाँ स्थापना दिवस , चंद्रायनी मंदिर नालापानी में पूजा अर्चना एवं विशाल भंडारा करते हुए हर्षोल्लास के साथ मनाया ।
वही इस अवसर पर समिति की सचिव एवं मीडिया प्रभारी प्रभा शाह ने अवगत कराया कि आज के इस आयोजन में – स्थापना दिवस का शुभारंभ देहरादून स्थित खलंगा युद्ध स्मारक नालापानी में समिति के अध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह थापा , गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, उपाध्यक्ष सूश्री बीनू गुरूंग ,पूर्व अध्यक्ष दीपक कुमार बोहरा , कै० वाई०बी०थापा ने खलंगा युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित करते हुए वीर – वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि दी। पंडित कृष्ण प्रसाद पंथी एवं पंडित गोविंद प्रसाद पंथी ने चंद्रायनी मंदिर में पूजा अर्चना की। वही श्रीमती सुनीता गुरूंग एवं उनकी कीर्तन मंडली ने भजन कीर्तन किया |
इस दौरान समिति अध्यक्ष ने सभी को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं । इस अवसर पर कैप्टन वाई०बी०थापाजी ने खलंगा युद्ध एवं बलभद्र खलंगा विकास समिति के इतिहास से अवगत कराया।
आईये जानते है इतिहास:– यह सर्व विदित है कि विश्व इतिहास में अंग्रेजों और गोर्खाओं के मध्य एक अति भीषण युद्ध सन् 1814 के अक्टूबर -नवंबर में नालापानी देहरादून में हुआ था । जिसमें 600 वीर गोर्खा ,गढ़वाली, कुमाऊँनी एवं स्थानीय लोग महिलाओं -बच्चों ने अंग्रेज़ी सेना की एक डिवीजन जो आधुनिक हथियारों-तोपों से लेैस थे, उनके आक्रमणों को न केवल विफल किया अपितु उनके सेनानायक जनरल जिलेस्पी तक को धराशाही किया था।
हमारे वीर जाँबाज सेनानायक बलभद्र थापा ने अंग्रेज़ी सेना द्वारा पानी के एक मात्र स्रोत बंद किये जाने के बाद भोजन एवं पानी की कमी एवं ज्यादा सैनिकों के घायल होने की स्थिति में 30 नवंबर1814 को अपने70 सैनिकों के साथ गर्जना के साथ “खलंगा अजेय है, मैं स्वेच्छा से इसे छोड़ कर जा रहा हूँ ।” कहते हुए खलंगा का किला छोड़ कर नहान (मलौन)की ओर पलायन किया ।
समिति की स्थापना:–खलंगा युद्ध जो आंग्ल-गोर्खा युद्ध 1814-1816 के नाम से इतिहास में जाना जाता है ।हमारे वीर-वीरांगनाओं की बहादुरी का इतिहास आने वाली हमारी संतानों को भी पता चल सके , इस सोंच को ध्यान में रखकर देहरादून के बुद्धि जीवियों ने 12 मई 1974 में श्री 108महंत पूर्णानंद गिरि महाराज की अध्यक्षता में ” बलभद्र खलंगा विकास समिति ” का गठन किया एवं स्व० महाराज कुमार नरेंद्र शमशेर जंग बहादुर राणा को अध्यक्ष एवं राजमाता टिहरी श्रीमती कमलेंद्र शाह को संरक्षिका नियुक्त किया | 16 मार्च 1975 में सागरताल में पहले खलंगा मेले का आयोजन किया गया ।
सन् 1992 से लगातार प्रतिवर्ष श्री रामसिंह थापा जी की अध्यक्षता में मेले का भव्य आयोजन कर लोगों को इस वीरता के प्रतीक स्थल के विषय में जानकारी देने का काम समिति सुचारू रूप से कर रही है ।
16अक्टूबर 2006 को समिति पंजीकृत हुई।
समिति के वर्तमान अध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह थापा ने बताया कि इस समिति के अथक प्रयास से नालापानी में बलभद्र खलंगा द्वार का निर्माण , वन विभाग से भूमि हस्तांरित कराकर ” बलभद्र खल॔गा युद्ध स्मारक ” का निर्माण तथा पक्के रास्ते का निर्माण कार्य कराया गया ।”इको टूरिज्म विकास कार्य ” के अंतर्गत सागरताल में कुछ निर्माण कार्य कराये गये एवं सर्वे आॅफ इण्डिया द्वारा खलंगा युद्ध क्षेत्र का नया मानचित्र प्रकाशित किया गया ।
इस अवसर पर समिति के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह थापा, कर्नल डी०एस०खड़का, दीपक कुमार बोहरा , कर्नल एम०बी०राना ,कर्नल एस० एम० शाही, उपाध्यक्ष सुश्री बीनू गुरूंग, कर्नल सी०बी थापा ,सचिव प्रभा शाह, कोषाध्यक्ष शशिकांत शाही, सांस्कृतिक सचिव कै०वाई०बी०थापा, जितेंद्र खत्री , संगठन सचिव श्री संजय थापा , कुशल बोहरा , रणवीर सिंह थापा, सुरेश गुरूंग, अनिल थापा, दुर्गा प्रसाद न्योपाने , अशोक वल्लभ शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, हरि शर्मा श्री देविन शाही ,कै०नरेंद्र गुरूंग, कै० सुखदेव गुरूंग , कमल गुरूंग ,भाषा समिति के अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा, श्याम राना , देविन शाही , श्रीमती हिमानी गुरूंग , श्रीमती उषा उनियाल, पी०एन०शेरपा एवं अन्य महानुभावजन, मातृशक्तियाँ एवं युवा उपस्थित रहे। इस अवसर पर गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा ने समिति के कार्यों की सराहना करते हुए समिति के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं ।