देहरादून/उत्तराखण्ड: 12-APRIL.. 2023, खबर… राजधानी से बुद्धवार को सर्वे ऑफ इण्डिया सभागार, देहरादून में भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित ए हेल्प (Accredited Agent For Health and Extension of Livestock Production) योजनान्तर्गत पशु सखी के प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा 23 ए हेल्प कार्यकत्रियों को ए हेल्प किट वितरित किए गए।
वही इस पशु सखी प्रशिक्षण के पश्चात ए हेल्प कार्यकत्री पशुपालन विभाग एवं पशुपालकों के बीच संयोजक कड़ी का काम करेंगी तथा पशुपालकों को सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करायेगी। ए हेल्प योजना द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को विभिन्न योजनाओं में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। ए हेल्प कार्यकत्री, क्षेत्र के समस्त पशुधन और कुक्कुट संख्या का रिकॉर्ड भी ब्लॉक स्तर के पशु चिकित्सकों के साथ साझा करेंगी।
इससे पशुपालन गतिविधियों का क्रियान्वयन आसान तो होगा ही दुग्ध उत्पादन पर भी सीधा असर पड़ेगा। इसके अलावा वे चारा उत्पादन के लिये पशुपालकों को प्रोत्साहित भी करेंगी जिससे वे चारे की पूर्ति के लिए आत्मनिर्भर बनें। प्रत्येक ए-हेल्प कार्यकत्री को फर्स्ट-एड किट भी दी जायेगी जिससे वे पशुपालकों की प्रारंभिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।
वही इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश और कश्मीर के बाद पशु सखी ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनाया जा सकता है। भारत सरकार की विभिन्न क्षेत्रों की योजनाओं का उत्तराखण्ड में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने की अच्छी संभावनाएं हैं। यह देश के लिए हर क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बन सकता है।
इसी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एक बेटे व भाई के रूप में वह राज्य की मातृ शक्ति का आत्मविश्वास बनाये रखने व सेवा के लिए सदैव तत्पर है। किसी भी समाज की रीढ़ उसकी सशक्त महिलाएं ही हैं, यदि किसी राज्य की नारी शक्ति प्रगति कर रही है तो उस राज्य का विकास सुनिश्चित है, उसे कोई रोक नहीं सकता। हमारे प्रदेश के निर्माण में महिलाओं ने अपना विशेष योगदान दिया है।
एक ओर जहां प्रदेश की मातृशक्ति ने पूरे समाज को विपरीत परिस्थितियों में जीना सिखाया, जूझना सिखाया, वहीं दूसरी ओर हर परिस्थिति में जीतना भी सिखाया है। मुझे प्रसन्नता है कि आज प्रदेश के दुर्गम गांव-गांव में महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर कुटीर उद्योगों के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान कर रही हैं। महिलाओं के पास कौशल की कभी कोई कमी नहीं रही और अब यही कौशल उनकी और उनके परिवारों की आर्थिकी को शक्ति प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाएं मल्टीनेशनल कम्पनियों के उत्पादों से भी बेहतर उत्पादों का निर्माण कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्वकाल में आज देशभर में करीब 23 करोड़ महिलाओं को जन धन खातों के साथ ही सर्वाधिक विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे महिला शक्ति को मिल रहा है।
उन्होनें ने कहा कि आज प्रदेश की समस्त माताओं और बहनों ने अपने अथक परिश्रम से जहां एक ओर आर्थिक रूप से अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया है वहीं देवभूमि की सभ्यता और संस्कृति को भी जीवंत रखा है। पूर्ण विश्वास है कि आज प्रारंभ हो रही यह विशिष्ट योजना हमारी सरकार के “सशक्त मातृशक्ति सशक्त राज्य“ के संकल्प को और अधिक मजबूत करेगी। जिस प्रकार मातृ शक्ति ने समय-समय पर अपनी क्षमताओं से प्रदेश का गौरव और सम्मान बढ़ाने का कार्य किया है, उसी प्रकार हमारी सरकार के सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड निर्माण के “विकल्प रहित संकल्प“ की सिद्धि के लिए भी मातृ शक्ति अपना योगदान सुनिश्चित करेंगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के किसानों, पशुपालकों की आय दुगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में यह एक बड़ा कदम हैं। केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सरकार को हर क्षेत्र की भांति पशुपालन में भी अभूतपूर्व सहयोग मिल रहा है। यह योजना मातृ शक्ति के सशक्तीकरण तथा स्वालम्बन हेतु महत्वपूर्ण है।
वही इस दौरान भारत सरकार से अपर सचिव सुश्री वर्षा जोशी, सचिव पशुपालन उत्तराखण्ड डा. बी वी आर सी पुरुषोत्तम, उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र अंथवाल व विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों व महिला मंगल दलों के सदस्य व महिलाएं मौजूद रही।