ऑपरेशन कॉलनेमी के तहत: फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने में अभियुक्ता की सहायता करने वाले कुछ लोग भी हैं पुलिस के रडार पर

उत्तराखंड: 22 Nov.2025, शनिवार को देहरादून / राजधानी स्थित  थाना नेहरू कॉलोनी क्षेत्रान्तर्गत ऑपरेशन कॉलनेमी अभियान के तहत देहरादून पुलिस द्वारा लगातार अवैध व फर्जी तरीके से नाम पता बदलकर जनपद में रह रहे व्यक्तियों के विरूद्ध वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर सघन चैकिंग अभियान चालाकर लगातार कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में मा० मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशों पर ऑपरेशन कॉलनेमी अभिया चलाये जा रहे!
निर्देशों के क्रम मे थाना नेहरूकॉलोनी तथा एल0आई0यू0 देहरादून को दिनांक – 20-11-2025 को अवैध रूप से बार्डर क्रास कर भारत में आकर रह रहे एक बांग्लादेशी पुरूष के नेहरुकोलोनी क्षेत्र में एक महिला के साथ रहने की सूचना प्राप्त हुयी। जिस पर पुलिस द्वारा उक्त दोनों संदिग्ध महिला व पुरूष को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो हिरासत में लिये गये व्यक्ति ने अपना असली नाम ममून हसन पुत्र मौ०अली यासीन निवासी मूल पता आनंदोवास थाना मुजीबनगर जिला मेहरपुर बांग्लादेश व महिला द्वारा अपना नाम रीना चौहान पुत्री श्री विश्वजीत सिंह निवासी ट्यूटार पोस्ट बिरनाद तहसील त्यूणी जनपद देहरादून बताया।
इस दौरान  सख्ती से पूछताछ करने पर अभियुक्ता रीना द्वारा बताया गया कि वह वर्तमान में ममून हसन के साथ अलकनंदा इन्क्लेव नेहरू कालोनी में किराये पर रह रही है व उसके द्वारा ममून हसन के भारत के फर्जी प्रमाण पत्र अपने पूर्व पति सचिन चौहान के नाम पर बनाये गये हैं तथा वर्तमान में वह ममून हसन (सचिन चौहान) के साथ पति पत्नी के रूप में रह रहे हैं। अभियुक्त व अभियुक्ता द्वारा षडयंत्र कर भारत के फर्जी पहचान पत्र बनवाकर अवैध रूप से भारत में निवास करने पर अभियुक्त व अभियुक्ता के विरूद्ध थाना नेहरू कॉलोनी पर अन्तर्गत धारा 420/467/468/471/120 बी भादवि व धारा 3 पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 व 14 विदेशी अधिनियम पंजीकृत कर अभियुक्त व अभियुक्ता को गिरफ्तार किया गया है। जिनके कब्जे से फर्जी प्रमाण/पहचान पत्र व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये गये हैं। फर्जी पहचान पत्र बनवाने में अभियुक्त व अभियुक्ता की सहायता करने वाले भी पुलिस के रडार पर हैं। जिनके विरूद्ध भी पुलिस सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
पूछताछ का विवरण :- अभियुक्त से पूछताछ करने पर अभियुक्त द्वारा अपना नाम ममून हसन पुत्र मौ० अली यासीन निवासी मूल पता आनंदोवास थाना मुजीबनगर जिला मेहरपुर बांग्लादेश तथा अभियुक्ता द्वारा अपना नाम रीना चौहान पुत्री श्री विश्वजीत सिंह निवासी ट्यूटार पोस्ट बिरनाद तहसील त्यूणी हाल पता किरायेदार मकान मालिक अनुज बिष्ट अलकनन्दा एन्कलेव फेस 02 नेहरूकालोनी जिला देहरादून बताया गया।
इस दौरान  अभियुक्त द्वारा बताया गया कि अभियुक्ता से उसकी पहचान फेसबुक के माध्यम से हुई थी, जिससे नजदीकियां बढने पर अभियुक्त 2019 में अभियुक्ता से मिलने टूरिस्ट वीजा पर बांग्लादेश से भारत आया तथा अभियुक्ता रीना से उसकी मुलाकात देहरादून में हुई। जहां अभियुक्त 02 माह तक अभियुक्ता रीना के साथ रहकर वीजा खत्म होने के उपरान्त बांग्लादेश वापस चला गया। इसके उपरान्त अभियुक्त पुन: इसी प्रकार वर्ष 2020 व 2021 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आया तथा कोरोना काल में वीजा समाप्ति के बाद वापस बांग्लादेश चला गया व रीना को भी अवैध रूप से बार्डर पार कराकर बाग्ंलादेश ले गया। जंहा दोनो द्वारा निकाह करना बताया गया व कुछ समय बाद अभियुक्त व अभियुक्ता अवैध रूप से बार्डर पार कर भारत वापस आकर देहरादून में अलग-अलग स्थानों पर किराये पर पति पत्नी की तरह रहने लगे।
साथ ही अभियुक्ता रीना द्वारा बताया गया कि वह त्यूणी/देहरादून की निवासी है व पूर्व मे उसका विवाह त्यूणी निवासी सचिन चौहान के साथ हुआ था व दोनो अलग रहने लगे व रीना की फेसबुक पर ममून से मुलाकात हुई व ममून रीना से मिलने वीजा लेकर भारत आया व दोनो साथ में देहरादून में अलग-अलग स्थानों पर किराये पर साथ में रहे व उसके बाद दोनो बांग्लादेश गये। जहां पर निकाह करने के उपरान्त दोनो कुछ समय बाद अवैध रूप से बार्डर क्रास करके भारत आये व देहरादून में किराये पर अलग-अलग जगह रहने लगे। रीना ने अपने कुछ परिचितों की सहायता से ममून हसन के लिये अपने पूर्व पति सचिन चौहान के नाम के फर्जी पहचान पत्र बनावाये व दोनो सचिन चौहान व रीना के नाम से पति-पत्नि की तरह साथ रहने लगे। ममून हसन देहरादून के क्लब में सचिन चौहान के नाम व पहचान पत्र से बाउंसर का काम करने लगा।

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